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जो प्यार, करुणा और देखभाल का स्वभाव ईश्वर ने बेटियों को दिया है, वह बेटों को हासिल नहीं है। मां को ब्रेन हैमरेज हो जाने के बाद छह साल की मासूम ने जिस तरह से मां की देखभाल की, उसे देखकर लगता है कि मां असल में बेटी है और बेटी मां है। काई चेंगचेंग जब महज छह साल की थी, तो उसकी मां चेन ली को ब्रेन हैमरेज हो गया था। इसकी वजह से उनकी याददाश्त खराब हो गई।
बीते चार साल से अपनी मां को पढ़ना, लिखना और बोलना सिखाना ही काई की दिनचर्या का हिस्सा हो गया है। वह कहती है कि कभी मां ने मुझे पढ़ना, लिखना सिखाया था, अब मेरी बारी है कि मैं अपनी मां को पढ़ना लिखना सिखाऊं। मैं मां के लिए पढ़ाई किसी खेल की तरह सिखाती हूं, ताकि उनके लिए इसे समझना आसान हो जाए।
उदाहरण के लिए जब मैं उन्हें एपल के बारे में बताती हूं, तो उन्हें सेब देती हूं, ताकि वह इसे खाकर उसका स्वाद और उसके बारे में जान सकें। जब मैं रैबिट के बारे में बताती हूं, तो उन्हें खरगोश पकड़ने के लिए देती हूं।
काई के पिता एक छोटी सी दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण और पत्नी के इलाज का खर्च निकाल रहे हैं। इसलिए वह पत्नी की देखभाल के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाते हैं। वहीं, बड़ा भाई काई लिंग ने हाई स्कूल में दाखिला लिया है, जिसकी वजह से वह भी मां की देखभाल नहीं कर पाता है। ऐसे में काई ही अपनी मां की देखभाल करती हैं।
वह मां को चीनी भाषा सिखाने के साथ ही उन्हें रोज समय पर दवाएं देना भी नहीं भूलती हैं। इसके साथ ही मां को जल्दी से ठीक करने के लिए वह फीजियोथैरेपी एक्सरसाइज कराती हैं। काई कहती हैं कि मां को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है और ठीक होने के लिए उन्हें लगातार समय पर दवाएं लेना जरूरी है। यदि कोई उन्हें याद नहीं दिलाए, तो वह दवा लेना ही भूल जाती हैं।
बीचे चार साल से काई लगातार कड़ी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद स्कूल में न सिर्फ अच्छे ग्रेड हासिल करती हैं, बल्कि लीडरशिप रोल भी निभाती हैं। मां के प्रति काई के समर्पण को देखते हुए स्थानीय सरकार ने उन्हें पुरस्कृत किया है और स्थानीय सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी ने भी उन्हें पहचान दी है। चीन की मीडिया उन लोगों के बारे में अक्सर समाचार दिखाती है, जो इस तरह के काम करते हैं। |
गांधी के आदर्श विचार उनके निजी जीवन तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने अपने आदर्श विचारों को आजादी की लड़ाई से लेकर समाज निर्माण जैसे जीवन के विविध पक्षों में भी आजमाया। उस समय लोग कहा करते थे कि आजादी के लक्ष्य में सत्य और अहिंसा नहीं चलेगी और न ही इससे सभ्य समाज का निर्माण होगा। लेकिन गांधी ने दिखा दिया कि सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर भी आजादी और समाज निर्माण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आजादी के आंदोलन के दौरान गंाधी ने लोगों को संघर्ष के तीन मंत्र दिए-सत्याग्रह, असहयोग और बलिदान। उन्होंने खुद इसे समय की कसौटी पर कसा भी। सत्याग्रह को सत्य के प्रति आग्रह बताया। यानी आदमी को जो सत्य दिखे उस पर पूरी शक्ति और निष्ठा से डटा रहे। बुराई, अन्याय और अत्याचार का किन्हीं भी परिस्थितियों में समर्थन न करे। सत्य और न्याय के लिए प्राणोत्सर्ग करने को बलिदान कहा। अहिंसा के बारे में उनके विचार सनातन भारतीय संस्कृति की प्रतिध्वनि है। गांधी पर गीता के उपदेशों का व्यापक असर रहा। वे कहते थे कि हिंसा और कायरता पूर्ण लड़ाई में मैं कायरता की बजाए हिंसा को पसंद करुंगा। मैं किसी कायर को अहिंसा का पाठ नहीं पढ़ा सकता वैसे ही जैसे किसी अंधे को लुभावने दृश्यों की ओर प्रलोभित नहीं किया जा सकता। उन्होंने अहिंसा को शौर्य का शिखर माना। उन्होंने अहिंसा की स्पष्ट व्याख्या करते हुए कहा कि अहिंसा का अर्थ है ज्ञानपूर्वक कष्ट सहना। उसका अर्थ अन्यायी की इच्छा के आगे दबकर घुटने टेक देना नहीं। उसका अर्थ यह है कि अत्याचारी की इच्छा के विरुद्ध अपनी आत्मा की सारी शक्ति लगा देना। अहिंसा के माध्यम से गांधी ने विश्व को यह भी संदेश दिया कि जीवन के इस नियम के अनुसार चलकर एक अकेला आदमी भी अपने सम्मान, धर्म और आत्मा की रक्षा के लिए साम्राज्य के सम्पूर्ण बल को चुनौती दे सकता है। गांधी के इन विचारों से विश्व की महान विभुतियों ने स्वयं को प्रभावित बताया। आज भी उनके विचार विश्व को उत्प्रेरित कर रहे हैं। लोगों द्वारा उनके अहिंसा और सविनय अवज्ञा जैसे अहिंसात्मक हथियारों को आजमाया जा रहा है। ऐसे समय में जब पूरे विश्व में हिंसा का बोलबाला है, राष्ट्र आपस में उलझ रहे हैं, मानवता खतरे में है, गरीबी, भूखमरी और कुपोषण लोगों को लील रही है तो गांधी के विचार बरबस प्रासंगिक हो जाते हैं। अब विश्व महसूस भी करने लगा है कि गांधी के बताए रास्ते पर चलकर ही विश्व को नैराश्य, द्वेष और प्रतिहिंसा से बचाया जा सकता है। गांधी के विचार विश्व के लिए इसलिए भी प्रासंगिक हैं कि उन विचारों को उन्होंने स्वयं अपने आचरण में ढालकर सिद्ध किया। उन विचारों को सत्य और अहिंसा की कसौटी पर जांचा-परखा। १९२० का असहयोग आंदोलन जब जोरों पर था उस दौरान चैरी-चैरा में भीड़ ने आक्रोश में एक थाने को अग्नि की भेंट चढ़ा दी। इस हिंसक घटना में २२ सिपाही जीवित जल गए। गांधी जी द्रवित हो उठे। उन्होंने तत्काल आंदोलन को स्थगित कर दिया। उनकी खूब आलोचना हुई लेकिन वे अपने इरादे से टस से मस नहीं हुए। वे हिंसा को एक क्षण के लिए भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं थे। उनकी दृढ़ता कमाल की थी। जब उन्होंने महसूस किया कि ब्रिटिश सरकार अपने वादे के मुताबिक भारत को आजादी देने में हीलाहवाली कर रही है तो उन्होंने भारतीयों को टैक्स देने के बजाए जेल जाने का आह्नान किया। विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आंदोलन चलाया। ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर टैक्स लगाए जाने के विरोध में दांडी यात्रा की और समुद्र तट पर नमक बनाया। उनकी दृढ़ता को देखते हुए उनके निधन पर अर्नोल्ड टोनी बी ने अपने लेख में उन्हें पैगंबर कहा। प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन का यह कथन लोगों के जुबान पर है कि आने वाले समय में लोगों को सहज विश्वास नहीं होगा कि हांड़-मांस का एक ऐसा जीव था जिसने अहिंसा को अपना हथियार बनाया। हिंसा भरे वैश्विक माहौल में गांधी के विचारों की ग्राहयता बढ़ती जा रही है। जिन अंग्रेजों ने विश्व के चतुर्दिक हिस्सों में युनियन जैक को लहराया और भारत में गांधी की अहिंसा को चुनौती दी, आज वे भी गांधी के अहिंसात्मक आचरण को अपनाने की बात कर रहे हैं। विश्व का पुलिसमैन कहा जाने वाला अमेरिका जो अपनी धौंस-पट्टी से विश्व समुदाय को उपदेश देता है अब उसे भी लगने लगा है कि गांधी की विचारधारा की राह पकड़कर ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। सच तो यह है कि गांधी के शाश्वत मूल्यों की प्रासंगिकता बढ़ी है। गांधी अहिंसा के न केवल प्रतीक भर हैं बल्कि मापदण्ड भी हैं जिन्हें जीवन में उतारने की कोशिश हो रही है। अभी गत वर्ष पहले ही अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ह्वाइट हाउस में अफ्रीकी महाद्वीप के ५० देशों के युवा नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आज के बदलते परिवेश में युवाओं को गांधी जी से प्रेरणा लेने की जरुरत है। गत वर्ष पहले अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने महात्मा गांधी की अगुवाई वाले नमक सत्याग्रह को दुनिया के सर्वाधिक दस प्रभावशाली आंदोलनों में शुमार किया। याद होगा अभी कुछ साल पहले जाम्बिया के लोकसभा सचिवालय द्वारा विज्ञान भवन में संसदीय लोकतंत्र पर एक सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें राष्ट्रमंडल देशों के लोकसभा अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों ने शिरकत की। जाम्बिया की नेशनल असेम्बली के अध्यक्ष असुमा के. म्वानामवाम्बवा ने इस सम्मेलन के दौरान गांधी के सिद्धान्तों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि भारत के साथ हम भी महात्मा गांधी की विरासत में साझेदार हैं। उन्होनें बताया कि अहिंसा के बारे में गांधी जी की शिक्षाओं ने जाम्बिया के स्वतंत्रता आन्दोलन को बेहद प्रभवित किया। सच तो यह है कि अब गांधी के वैचारिक विरोधियों को भी लगने लगा है कि गांधी के बारे में उनकी अवधारणा संकुचित थी। उन्हें विश्वास होने लगा है कि गांधी के नैतिक नियम पहले से कहीं और अधिक प्रासंगिक और प्रभावी हैं और उनका अनुपालन होना चाहिए। गांधी जी राजनीतिक आजादी के साथ सामाजिक-आर्थिक आजादी के लिए भी चिंतित थे। समावेशी समाज की संरचना को कैसे मजबूत आधार दिया जाए उसके लिए उनका अपना स्वतंत्र चिंतन था। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में विषमता रहेगी, हिंसा भी रहेगी। हिंसा को खत्म करने के लिए विषमता मिटाना जरुरी है। विषमता के कारण समृद्ध अपनी समृद्धि और गरीब अपनी गरीबी में मारा जाएगा। इसलिए ऐसा स्वराज हासिल करना होगा, जिसमें अमीर-गरीब के बीच खाई न हो। शिक्षा के संबंध में भी उनके विचार स्पष्ट थे। उन्होंने कहा है कि मैं पाश्चात्य संस्कृति का विरोधी नहीं हूं। मैं अपने घर के खिड़की दरवाजों को खुला रखना चाहता हूं जिससे बाहर की स्वच्छ हवा आ सके। लेकिन विदेशी भाषाओं की ऐसी आंधी न आ जाए कि मैं औंधें मुंह गिर पड़ूं। गांधी जी नारी सशक्तीकरण के प्रबल पैरोकार थे। उन्होंने कहा कि जिस देश अथवा समाज में स्त्री का आदर नहीं होता उसे सुसंस्कृत नहीं कहा जा सकता। आज के दौर में भारत ही नहीं बल्कि विश्व समुदाय को भी समझना होगा कि उनके सुझाए रास्ते पर चलकर ही एक समृद्ध, सामथ्र्यवान, समतामूलक और सुसंस्कृत विश्व का निर्माण किया जा सकता है। आधुनिक भारतीय चिंतन प्रवाह में गांधी के विचार सार्वकालिक हैं। सच तो यह है कि गांधी भारतीय उदात्त सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के अग्रदूत के साथ-साथ सहिष्णुता, उदारता और तेजस्विता के प्रमाणिक तथ्य हैं। सत्यशोधक संत भी हैं तो शाश्वत सत्य के यथार्थ समाज वैज्ञानिक भी। राजनीति, साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन, विज्ञान और कला के अद्भूत मनीषी भी तो मानववादी विश्व निर्माण के आदर्श मापदण्ड भी। सम्यक प्रगति मार्ग के चिंह्न भी तो भारतीय संस्कृति के परम उद्घोषक भी। गांधी के लिए वेद, पुराण एवं उपनिषद का सारतत्व ही उनका ईश्वर है और बुद्ध, महावीर की करुणा ही उनकी अहिंसा है। सत्य, अहिंसा, ब्रहमचर्य, अस्तेय, अपरिग्रह, शरीर श्रम, आस्वाद, अभय, सर्वधर्म समानता, स्वदेशी और समावेशी समाज निर्माण की परिकल्पना ही उनके जीवन का परम लक्ष्य है। |
रांची। राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी द्वारा जारी पत्र को फर्जी बताया कि इस तरह के आरोप लगाने वालों को शर्म आनी चाहिए। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने जानना चाहा कि क्या बाबूलाल मरांडी को महाभारत के संजय की तरह दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गई थी।
साथ ही बाबूलाल जिस चिट्ठी की बात कर रहे हैं क्या उसकी सत्यता सिद्ध कर पाएंगे। मंत्री ने कहा कि ऐसे में तो कल कोई भी व्यक्ति किसी पर भी कोई भी आरोप लगा दे सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने से पहले थोड़ी शर्म जरुर आनी चाहिए।
सीपी सिंह ने बाबूलाल मरांडी को चुनौती देते हुए जांच कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि जांच का सामना करने के लिए उनकी पार्टी तैयार है। मंत्री ने कहा कि इस तरह किसी का चरित्र हनन करना उचित नहीं है। हम भी किसी का चरित्र हनन कर सकते हैं मगर ये हमारी पार्टी का संस्कार नहीं है। इस तरह का काम संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में इस तरह के संस्कारहीन लोग हैं जो इस तरह के काम कर रहे हैं। |
दाद (रिंगवर्म) एक प्रकार चर्म रोग है। जिसे डर्माटोफायोटासिस या टिनिया भी कहा जाता है। इसका अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह एग्जिमा का रूप ले लेती है। जो कि दाद से ज्यादा खतरनाक त्वचा से जुड़ी बीमारी है।
जब मौसम बदलते हैं तो आपको स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं। जैसे कि खुजली, दाग और दाद। दाद जिसे रिंगवॉर्म भी कहा जाता है, ये एक प्रकार का फंगल संक्रमण है जो आपकी त्वचा की ऊपरी परत पर विकसित होता है। आमतौर पर यह तीन तरह की फंगस के कारण होता है ट्राइकोफिटन, माइक्रोस्पोरम और एपिडर्मोफिटन। दाद आपके शरीर पर कहीं भी हो सकता है, जैसे चेहरे, हाथ, पैर, जांघ, पीठ, छाती, उंगली आदि। आइए जानते हैं इसके प्रकार, होने के कारण, लक्षण और रोकथाम के कुछ सरल उपाय। |
सुजानपुर: भाजपा के चुनावी दृष्टि पत्र पर अमल न करने व कर्मचारियों को अनुबंध कार्यकाल के वरिष्ठता लाभ से वंचित रखने को लेकर सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जयराम सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाली जयराम सरकार ने कदम कदम पर कर्मचारियों के साथ छल किया है और वायदे न निभाकर कर्मचारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने वायदे के विपरीत कर्मचारियों को अनुबंध कार्यकाल की वरिष्ठता लाभ से भी वंचित रखा है, जबकि कमीशन के माध्यम से भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार ही भर्तियां की जाती हैं।
राजेंद्र राणा ने याद दिलाया कि वर्ष २००७ में भाजपा की तत्कालीन धूमल सरकार ने प्रदेश में ८ साल के अनुबंध कार्यकाल के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया था तथा वर्ष २००९ में अधिसूचना जारी होते ही अनुबंध आधार पर पहली भर्ती की गई। वर्ष २०१२ में सत्ता से जाते-जाते उन्होंने अनुबंध का कार्यकाल ६ साल करने की घोषणा की थी। उसके बाद कांग्रेस की वीरभद्र सिंह ने सत्ता में आने के बाद वर्ष २०१४ में कर्मचारियों का अनुबंध कार्यकाल ५ साल तथा वर्ष 201६ में इसे घटाकर ३ साल कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने शासनकाल में कर्मचारियों को छलने व बरगलाने का ही काम किया है।
राणा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकारों के साथ केंद्र में रहते हुए भी भाजपा नीत एन.डी.ए. सरकारों ने कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया है जिसकी शुरूआत वर्ष २००३ में केंद्र की तत्कालीन एन.डी.ए. सरकार ने कर्मचारियों को धोखा देते हुए पैंशन बंद कर काले अध्याय लिखा था। उसके बाद अनुबंध पर नौकरियां देने का फैसला भाजपा सरकार ने ही लिया और अब जयराम सरकार ने ट्रिब्यूनल को बंद कर कर्मचारी विरोधी होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने दृष्टि पत्र में कर्मचारियों से अनेकों वायदे किए थे जिनमें पैंशन को लेकर भी एक कमेटी गठित करने की बात कही थी। लेकिन सत्ता के नशे में मदहोश जयराम सरकार अब तक कमेटी गठित करने सहित किसी भी वायदे पर दृष्टि डालने में भी फेल साबित हुई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि चुनावी दृष्टि पत्र तो सरकार की नजर-ए-इनायत कब होगी और कर्मचारियों से किए वायदों को लेकर कब नींद से जागेगी, यह तो सरकार व मुख्यमंत्री ही जानें। लेकिन अनुबंध कार्यकाल का वरिष्ठता लाभ कर्मचारियों का जायज हक है जिसका लाभ देकर भाजपा की पूर्व केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा लिए कर्मचारी विरोधी फैसलों के दाग भाजपा के ऊपर से थोड़े बहुत जरूर धुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि ४-९-1४ के बारे में भी भाजपा सरकार का कर्मचारियों से किया गया वायदा महज एक छलावा साबित हुआ है। कर्मचारी वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने दृष्टि पत्र में कर्मचारियों से वायदा किया था कि सत्ता में आने पर कर्मचारियों को ४-९-1४ का लाभ दिया जाएगा। लेकिन अब सरकार के २ साल पूरे होने को है लेकिन कर्मचारी अभी तक सरकार की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को वेतन आयोग के लाभों से भी वंचित रख रही है। |
आईआईटी रुड़की ने दुनिया भर में रहने वाले अपने एलुमनी के साथ एक व्यापक संबंध स्थापित करने के लिए आईआईटी रुड़की एलुमनी का ग्लोबल नेटवर्क लांच किया है। यह संस्थान और उसके एलुमनी के एक व्यापक और सटीक एलुमनी डेटाबेस की जरूरत को पूरा करेगा।
इसके अलावा, कई एलुमनी एक ऐसे नेटवर्क की मांग कर रहे थे जो उन्हें एलुमनी को खोजने और उनके साथ जुड़ने में मदद कर सकता हो। साथ ही एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से संस्थान के साथ संवाद करने की सुविधा भी प्रदान करता हो। ग्लोबल नेटवर्क इस जरूरत को भी पूरा करने की कोशिश करेगा। यह ग्लोबल नेटवर्क, थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग से यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की और अब आईआईटी रुड़की की यात्रा को संजोकर रखने में योगदान देगा। वर्ष १८४७ में स्थापित इस संस्थान के शानदार इतिहास का हिस्सा रहे एलुमनी की पुरानी और नई पीढ़ियों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आएगा। आईआईटी रुड़की एलुमनी का यह ग्लोबल नेटवर्क एलुमनी वालंटियर्स द्वारा संचालित किया जाएगा।
नेटवर्क के कार्यान्वयन में प्रावधान बनाए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सदस्यों की गोपनीयता संबंधी चिंताओं का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए।
इसके अलावा, सदस्यों के पास अपनी इच्छा के अनुसार संदेशों और सेवाओं की सदस्यता शुरू और समाप्त करने का विकल्प होगा। डेटाबेस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा। नेटवर्क की सदस्यता से कई लाभ मिलेंगे। उदाहरण के लिए, नेटवर्क की लाइफ मेंबरशिप फ्री होगी।
सभी सदस्यों को एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। सदस्यों के पास दुनिया भर के लोकल, रीजनल और नेशनल नेटवर्क पर एलुमनी के साथ सोशल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के अवसर होंगे। यह संकट में फंसे किसी एलुमनी या उसके परिवार के लिए, उनके सहयोगी एलुमनी से मदद जुटाने के लिए एक प्रणाली का निर्माण करेगा।
सदस्यों के पास स्टूडेंट्स मेंटोरशिप प्रोग्राम्स, इंटर्नशिप और संस्थान की अन्य गतिविधियों जैसी योजनाओं में भाग लेने और योगदान करने के अवसर होंगे।
सदस्यों को ई-न्यूजलेटर्स के माध्यम से एलुमनी और अल्मा मेटर के बारे में नियमित अपडेट प्राप्त होगा। नेटवर्क में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सदस्यों को उपयुक्त रूप से मान्यता दी जाएगी। पहचान पत्र धारकों के लिए विभिन्न संगठनों के उत्पादों और सेवाओं के लिए विशेष छूट की सुविधा दी जाएगी।पहचान पत्र सदस्यों को परिसर में सुचारू रूप से प्रवेश करने में मदद करेगा।
उपलब्धता के अनुसार, सदस्य रियायती दर पर आईआईटी रुड़की के गेस्टहाउस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। सदस्यों को एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से डीन, हेड ऑफ डिपार्टमेंटध्सेंटर, विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले फैकल्टी या संस्थान के कार्यालय से जुड़ने का अवसर मिलेगा। जहां भी संभव हो, सदस्यों के लिए पुस्तकालय सेवाओं का विस्तार करने की संभावना का पता लगाया जाएगा। अनुरोध पर, सदस्यों को स्थापना दिवस, स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के अवसर पर आमंत्रित किया जाएगा।
सदस्य रविवार को परिसर के दौरे के लिए अनुरोध कर सकते हैं। परिसर के दौरे में जेम्स थॉमसन बिल्डिंग, हैंगर, इंस्टीट्यूट आर्काइव, मेडलिकॉट म्यूजियम और महात्मा गांधी सेंट्रल लाइब्रेरी के दौरे शामिल होंगे। |
इन्दौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध समझी जाने वाली लोकसभा सीट इन्दौर से भाजपा के शंकर लालवानी ने रिकार्ड जीत दर्ज की है। उन्होंने इन्दौर से ८ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को २०१४ में मिली ४६६९०१ मतों की जीत के रिकार्ड को तोड़ते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पंकज संघवी को ५४७७५४ मतों से हराया है। भाजपा प्रत्याशी लालवानी को कुल 106८569 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 520८15 मत मिले। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने विजयी प्रत्याशी शंकर लालवानी को सांसद निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र दिया। इस मौके पर सुमित्रा महाजन व विधायक रमेश मैंदोला भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि इन्दौर से ८ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को इस भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। उनकी जगह ललवानी को पार्टी ने मैदान में उतारा था। हालांकि सुमित्रा महाजन इस सीट पर फिर से चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं, लेकिन पार्टी की ओर से उम्मीदवार के नाम के ऐलान में देरी होते देख उन्होंने खुद ही यह ऐलान कर दिया था कि वह इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी।
इस सीट पर पिछले मुकाबलों की बात करें तो लगातार ८ बार बीजेपी की तरफ से सुमित्रा महाजन कुर्सी पर काबिज रहीं। वहीं, कांग्रेस आखिरी बार 19८4 में यहां से लोकसभा का चुनाव जीती थी। २०१४ के चुनाव में भाजपा की सुमित्रा महाजन को ८54972, कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 3८८071 व आम आदमी पार्टी के अनिल त्रिवेदी को ३५१२४ मत मिले थे। इस बार २०१९ के लोकसभा चुनाव में इन्दौर सीट पर २० प्रत्याशी चुनावी मैदान होकर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के पंकज संघवी और भाजपा के शंकर लालवानी के मध्य था और लालवानी ने यह मुकाबला ५४७७५४ मतों के रिकार्ड अंतर से जीत लिया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ते हुए बड़ी जीत दर्ज की है। लालवानी ने १९९३ में पहली बार विधानसभा क्षेत्र-४ से भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था। इसके बाद १९९६ में नगर निगम चुनाव में वे अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश लालवानी को हराकर पार्षद बने। वे नगर निगम सभापति भी रहे। इसके बाद वे नगर अध्यक्ष रहे। वे इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे।
१९९८ में भाजपा की सुमित्रा महाजन से लोकसभा चुनाव हार चुके पकंज संघवी पर कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताया, लेकिन उन्हें दूसरी बार भी हार का मुंह देखना पड़ा। संघवी १९८३ में पहली बार पार्षद का चुनाव जीते। इसके बाद १९९८ में पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, लेकिन सुमित्रा महाजन ने उन्हें ४९ हजार ८५२ वोट से चुनाव हार दिया। इसके बाद २००९ में महापौर का चुनाव लड़े और भाजपा के कृष्णमुरारी मोघे से करीब ४ हजार वोट से हार गए। २०१३ में वे इंदौर विधानसभा पांच नंबर सीट से करीब १२ हजार ५०० वोट से विधानसभा चुनाव हारे।
इन्दौर लोकसभा सीट से १९५२ में कांग्रेस के नन्दलाल जोशी, १९५७ में कांग्रेस के कन्हैयालाल खेड़ीवाला, १९६२ में सीपीआई के होमी दाजी, १९६७ में कांग्रेस के प्रकाशचंद्र सेठी, १९७१ में कांग्रेस के रामसिंह भाई, १९७७ में भारतीय लोकदल के कल्याण जैन, १९८० और १९८४ में कांग्रेस के प्रकाशचन्द्र सेठी ने दो बार जीत हासिल की। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने १९८९ के आम चुनाव में पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग लिया और उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी को हराया। फिर भाजपा के टिकट पर सुमित्रा ताई ने १९९१, १९९६, १९९८, १९९९, २००४, २००९ और २०१४ में जीत दर्ज की। वो प्रथम महिला हैं जो कभी लोकसभा चुनावों में पराजित नहीं हुई और आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली प्रथम महिला बनी। लालवानी के जीत से अब इन्दौर को ३० साल बाद पुरुष सांसद मिला है।
अपनी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शंकर ललवानी ने कहा जीत का विश्वास तो था, पर इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी। जनता ने इतनी बड़ी जीत दी है, तो मेरे ऊपर शहर की जनता का भार भी काफी रहेगा। बीआरटीएस के विकल्प के रूप में एलिवेटेड ब्रिज होगा, जो शहर की समस्या दूर होगी। ट्रैफिक सुधार और शहर के विकास के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। लालवानी ने जीत का श्रेय सबसे पहले नरेंद्र मोदी और अपनी पार्टी को दिया। अपने प्रतिद्वंदी पंकज संघवी को लेकर कहा कि वे टूरिस्ट वीजा लेकर चुनाव के मैदान में आते रहे हैं, जबकि उन्हें लगातार सक्रिय रहकर समाज की सेवा करना चाहिए। जनता के बीच रहना चाहिए, जो उन्होंने नहीं किया और इसके परिणाम सामने हैं।
कांग्रेस के प्रत्याशी पंकज संघवी ने हार के बाद ट्वीट पर भाजपा के शंकर लालवानी को जीत की बधाई दी है। संघवी ने लिखा- हार जीत का फैसला तो भगवान करता है। इंसान कोशिश और मेहनत करता है। भाई शंकर लालवानी को जीत की बधाई। उन्होंने आगे लिखा वल्लभ नगर मेरे निवास पर कई सालों से समाजसेवा जारी थी। आगे भी जारी रहेगी। गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद आखिरी सांस तक करता रहूंगा। |
बिलासपुर | भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा बुधवार की शाम बस स्टैंड में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा ३७० और ३५-ए हटाने के फैसले का स्वागत करते हुए खुशियां मनाई। भारत गणराज्य में जम्मू-कश्मीर के पूर्ण विलय के संबंध में जनमानस को अवगत करते हुए इस मौके पर सांसद अरुण साव का सम्मान किया गया। सांसद साव ने कहा कि भारत के उज्जवल भविष्य के नव निर्माण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ५ वर्षों में अनेक ऐतिहासिक साहसिक निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि जैसे 1५ अगस्त १९४७ को देश आजाद हुआ था उसी तरह ५ अगस्त २०१९ को देश को दूसरी आजादी के रूप में जम्मू कश्मीर का पूर्ण विलय भारतीय गणराज्य में हुआ। इस मौके पर बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि देश को आजादी के ७२ वर्षों में आज देश की जनता को महसूस हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार लगातार देश के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है। महापौर किशोर राय ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पं.दीनदयाल उपाध्याय ने जो सपना देखा था उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह ने ५ जुलाई २०१९ को पूरा कर दिया। कार्यक्रम में भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर ने सांसद अरुण साव का शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम में बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, महापौर किशोर राय, भाजपा जिला महामंत्री रामदेव कुमावत का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम में भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर, सुशांत शुक्ला, दुर्गा कश्यप, लोकेशधर दीवान, जयश्री चौकसे, संदीप दास, आदि मौजूद थे।
भाजयुमाे के बस स्टैंड में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते भाजपा नेता।
बुधवार को भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ६वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके संस्मरणों को विशेष रूप से याद किया गया। इस मौके पर बिलासपुर के सांसद अरुण साव, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, छतीसगढ़ महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय, महापौर किशोर रॉय , जिला महामंत्री रामदेव कुमावत , राष्ट्रीय सदस्य सुशांत शुक्ला, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष दीपक सिंह, राजेश सिंह ठाकुर , राकेश तिवारी , सुनीता मानिकपुरी, जयश्री चौकसे, नंदू सोनी, संजय मुरारका आदि उपस्थित हुए। |
शुक्र ग्रह तुला पर शासन करता है। कुलस्वामिनी को तुला राशि का आराध्य माना जाता है। इस राशि के व्यक्ति ठण्डी और सुहावनी रातें वाले मौसम में पैदा होते हैं। इस राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ भोले भाले होते हैं। तुला राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ चर्म रोग और किडनी की समस्याओं से ग्रस्त होते हैं। रामअविता नाम की लड़कियाँ दृष्टिदोष तथा निचले हिस्से में पीठ दर्द की समस्याओं से परेशान रहते हैं। तुला राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ ज़रूरत पड़ने पर किसी भी प्रियजन के लिए त्याग करने से कतराते नहीं हैं।
रामअविता नाम का स्वामी शुक्र ग्रह और शुभ अंक ६ है। रामअविता नाम वाली ६ अंक की लड़कियां बहुत आकर्षक व खूबसूरत होती हैं। रामअविता नाम की महिलाओं को स्वच्छता का बहुत ख्याल रहता है और कला के क्षेत्र में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती हैं। रामअविता नाम वाली लड़कियां व्यव्हार से सहनशील और घूमने-फिरने के शौक़ीन होती हैं। ६ अंक वाली लड़कियां दूसरों को बड़ी जल्दी आकर्षित कर लेती हैं। अपने जीवन में परिवार का प्यार और सहयोग भरपूर मिलता है रामअविता नाम की लड़कियों को।
रामअविता नाम वाली महिलाओं की राशि तुला है। रामअविता नाम की लड़कियां अक्सर अपने लाभ के बारे में सोचती हैं और इसलिए इनमें संतुलन की कमी होती है। तुला राशि वाली महिलाएं जिनका नाम रामअविता है, वे लोग ज़रूरतों और अपनी चाहतों के मुताबिक सोच बदल लेती हैं। रामअविता नाम की लड़कियों के पास हर बात का तर्क होता है। ये भविष्य के बारे में ज्यादा सोचती हैं। रामअविता नाम की लड़कियों का स्वभाव बहुत अच्छा होता है, लेकिन ये कभी खुद निर्णय नहीं लेती हैं क्योंकि इन्हें जिम्मेदारी लेना पसंद नहीं होता। रामअविता नाम की महिलाएं हमेशा चीजों व लोगों की आपस में तुलना करने लग जाती हैं। |
खांदू कॉलोनी में अवैध केबिन हटाते परिषद कर्मचारी।
बांसवाड़ा। नगर परिषद ने अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद अब इन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसी के तहत सोमवार को खांदू कॉलोनी में स्थित शुभ गार्डन के समीप बिना स्वीकृति लगाए गए एक केबिन हटाया गया। हल्का निरक्षक हेमंत भट्ट ने बताया कि केबिन अतिक्रमण की श्रेणी में था। जिस पर जाहिद खान और कुलदीप निनामा टीम के साथ पहुंचे और हटाने की कार्रवाई की। गौरतल है कि इससे पहले परिषद ने सभी वार्डों में अतिक्रमण चिन्हित कर उन पर लाल रंग से क्रॉस लगाने का अभियान चलाया था। यह प्रक्रिया पूरी होने पर अब चिन्हित अतिक्रमण हटाए जा रहे है। |
आंध्र प्रदेश की इलाक़ाई जमातों ने अलाहिदा रियासत तेलंगाना के मसले पर आज मुख़्तलिफ़ सियासी जमातों से सिलसिला वार मुलाक़ातें की।
सदर तेलुगु देशम पार्टी एन चंद्राबाबू नायडू ने जहां बी जे पी और जनतादल ( यू) क़ाइदीन से मुलाक़ात की वहीं टी आर एस सरबराह के चन्द्र शेखर राव ने सी पी आई क़ाइदीन से मुलाक़ात की।
दोनों पार्टीयों ने आर एलडी सरबराह अजीत सिंह से तीन घंटे के वक़फ़ा से अलहदा मुलाक़ातें कीं। सी पी आई और आर एलडी ने जहां इस बिल की ताईद का यक़ीन दिलाया वहीं जनतादल (यू) ने कहा कि वो किसी फ़ैसले से पहले पार्टी मीटिंग में ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करेगी।
तेलुगु देशम पार्टी सदर एन चंद्राबाबू नायडू की ज़ेरे सदारत पार्टी वफ़द ने आज सदर बी जे पी राजनाथ सिंह से मुलाक़ात की। चंद्राबाबू नायडू ने रियासत को तक़सीम करने कांग्रेस के फ़ैसले की वजह से पैदा शूदा सूरत-ए-हाल से सदर बी जे पी को वाक़िफ़ किराया।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वो दुसरे इलाक़ों के अवाम के साथ मुकम्मिल इंसाफ़ को यक़ीनी बनाए बगै़र बिल को मंज़ूर होने ना दें। इस ज़िमन में वो मर्कज़ पर दबाव डालें।
चंद्राबाबू नायडू ने राज नाथ सिंह से मुलाक़ात के बाद मीडीया से बात करते हुए मर्कज़ पर रियासत की तक़सीम के सिलसिले में दस्तूरी क़वाइद की मुबय्यना तौर पर ख़िलाफ़वरज़ी का इल्ज़ाम आइद किया।
उन्होंने ये जानना चाहा कि क्या किरण कुमार रेड्डी को इस मसले पर सड़कों पर आना चाहीए या वो सोनिया गांधी के साथ इस मसले को हल करने की कोशिश करें ?।
उन्होंने कहा कि किरण कुमार रेड्डी और जगन मोहन रेड्डी के पास ये हौसला नहीं है कि वो सोनिया गांधी के घर के रूबरू धरना दें। बादअज़ां चंद्राबाबू नायडू ने सदर जमहूरीया परनब मुखर्जी से मुलाक़ात की और आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद बिल २०१३ में ख़िलाफ़ वरज़ीयों को उजागर क्या।
दूसरी तरफ़ टी आर एस ने इस यक़ीन का इज़हार किया कि ये बिल पार्लियामेंट में मंज़ूर होजाएगा। ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए के चन्द्र शेखर राव ने कहा कि उन्हें बिल की मंज़ूरी का सद फ़ीसद यक़ीन है।
वो नहीं समझते कि बी जे पी अपने मौक़िफ़ से पलट जाएगी। उन्होंने सीनीयर बी जे पी लीडर सुषमा स्वाराज के तेलंगाना बिल की ताईद में दिए गए बयान का हवाला दिया। |
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने घोषणा की है कि बोर्ड पूरे भारत में शरिया कोर्ट स्थापित करना शुरू करने वाला है । यह एक ऐसा असंवैधानिक कदम है जिसे बोर्ड बिना बिचारे अविवेकपूर्ण ढंग से उठाने जा रहा है । उसने यह भी नहीं सोचा कि इससे मुस्लिम समाज का भी को हित है अथवा नहीं ।
कुछ वर्ष पहले, इस्लामी संगठनों ने केरल में, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल जिलों में शरिया कोर्ट शुरू किए थे, लेकिन उन्हें कभी कोई मान्यता नहीं मिली । निश्चित रूप से, काजियों और कठमुल्लाओं द्वारा दिए गए निर्णयों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया ।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जो भारत में मुस्लिम आबादी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है और सत्तारूढ़ केंद्र सरकार के समक्ष शक्ति प्रदर्शन पर आमादा है, जब ऐसा कदम उठाये, तब उसके छुपे मकसद को समझकर गंभीरता से लेने की जरूरत है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि मुसलमानों के सिविल मामलों को निबटाने के लिए, पहले से ही भारतीय संविधान में मुस्लिम पर्सनल लॉ निर्मित है, जो लगभग शरिया के आदेशों के अनुरूप ही है। जहाँ तक आपराधिक मामलों का प्रश्न है, वे तो चाहे जितने शरीया कोर्ट बना लो, चलेंगे संविधान के अनुरूप ही | अपराध चाहे हिन्दू करे या मुसलमान, पुलिस कार्यवाही तो एक समान होगी | तो अब सवाल उठता है कि फिर देश में समानान्तर शरिया अदालतों को चलाने की आवश्यकता ही कहां है?
किसके लिए होंगे ये शरिया न्यायालय?
एआईएमपीएलबी पर मुख्यतः कट्टरपंथी सुन्नीयों का प्रभुत्व है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में, इस्लाम के शिया संप्रदाय के लोगों ने रामजन्मभूमि, ट्रिपल तलाक जैसे विषयों पर, सुन्नी संप्रदाय की राय से अलग राय व्यक्त की हैं | जाहिर है कि वे सुन्नियों द्वारा अपने साथ किये जा रहे भेदभाव को महसूस करते हैं। मुस्लिम संप्रदायों के बीच कई अन्य धार्मिक मतभेद हैं और उन्हें कभी सुलझाया नहीं गया है। खोजा, बोहरा और अन्य जैसे छोटे छोटे संप्रदाय, सुन्नी बहुमत के साथ मतभेद रखते हैं और भेदभाव महसूस करते हैं। इसके बाद भी सुन्नी प्रभुत्व वाला एआईएमपीएलबी, मुस्लिम समुदाय के बीच खिची सांप्रदायिक विभाजन की ओर बिना ध्यान दिए, सभी पर समान रूप से शरिया कोड लागू करने की कोशिश कर रहा है? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या काजियों द्वारा धुर सांप्रदायिक आधार पर दिए गए फैसले, पूरी मुस्लिम आबादी को स्वीकार्य होंगे? क्या मुसलमानों के पासमांडा, असलाट और अर्जल, ताकत के बूते अशरफ द्वारा लगाए गए शरिया को स्वीकार करेंगे?
माना जाता है कि शरिया कानून, पवित्र कुरान के आदेशों पर आधारित हैं तथा हदीस कथाओं द्वारा समर्थित हैं | सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे इस्लामी देशों में और अफगानिस्तान में अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा इनका कड़ाई से पालन किया जाता हैं। न्याय, खुले में होता है, जहां अपराधियों को जमीन पर पटक कर उनका सिर या कोई अन्य अंग आदि काटा जाता है ।
क्या भारत में भी शरिया अदालतें इसी प्रकार आपराधिक मामलों पर विचार करेंगी और उपरोक्त इस्लामी देशों की तर्ज पर फैसले भी लागू करेंगी? इन दंडों को वे कैसे लागू करेंगे ? जो भी न्यायाधीश या उनका अधीनस्थ इस प्रकार के दंड देगा, क्या वह भारतीय संविधान के विरुद्ध नहीं होगा ? ऐसी परिस्थिति में भारतीय न्याय तंत्र क्या चुपचाप तमाशा देखेगा?
एआईएमपीएलबी और बोर्ड के सभी सदस्य भी क़ानून के जानकार हैं, तथा वे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि उनके इस कदम का हर स्तर पर विरोध होगा । और वे चाहते भी यही हैं | उनका एकमात्र उद्देश्य तो मुस्लिम जन के मन में लोकतंत्र के प्रति विरोधी वातावरण बनाना और मुल्लाओं के प्रभुत्व को स्वीकार करने की मानसिकता तैयार करना है। कुल मिलाकर यह आने वाले लोकसभा चुनावों में मुसलमानों के ध्रुवीकरण का प्रयास है | मुस्लिम जनता चुनाव में केवल उसी को वोट करे, जो पिछले दरवाजे से उनके ईश्वरीय शासन को लागू करने का वादा करे | निश्चय ही यह एक भयानक षडयंत्र का खाका खींचा जा रहा है । इसका एक मकसद उन मदरसा स्नातकों को रोजगार मुहैय्या कराना भी है, जो इस्लामी ग्रंथों और अरबी भाषा से परे कुछ भी नहीं जानते ।
काश मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की उम्मीदें ओंधे मुंह गिरें, क्योंकि इसके पीछे केवल भारत को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना है। यह मुस्लिम समाज के प्रगतिशील लोगों के लिए सही समय है कि वे मुल्लावाद के विरोध में खुलकर आवाज उठायें, जैसा कि अन्य इस्लामी देशों में भी हो रहा है। |
रणवीर सिंह (रणवीर सिंह) लंबे वक्त बाद यश राज फिल्म्स (यश राज फिल्म्स) के साथ फिल्म जय भाई जोरदार (जयेश भाई जोरदार) में नजर आएंगे। इसमें वो एक गुजराती शख्स के किरदार में दिखेंगे। जानिए कब शुरू होगी इसकी शूटिंग।
रणवीर सिंह (रणवीर सिंह) ने गल्ली बॉय जैसी बेहतरीन फिल्म से अपनी शुरूआत की थी। इसके बाद वो जल्द ही कबीर खान (कबीर खान) की फिल्म ८३ में नजर आएंगे। ये फिल्म कपिल देव की लाइफ पर बनी है। इसके साथ ही उनकी झोली में करण जौहर की फिल्म तख्त (तख्त) भी है। इन फिल्मों के अलावा अब उनके पास यश राज बैनर की एक और फिल्म आ गई है। लंबे वक्त बाद रणवीर सिंह और ये प्रोडक्शन हाउस एक साथ आ रहे हैं।
रणवीर सिंह (रणवीर सिंह मूवीस) इस बैनर के तहत बनने वाली फिल्म जय भाई जोरदार (जयेश भाई जोरदार) में नजर आएंगे। इसमें रणवीर सिंह रामलीला के बाद एक बार फिर गुजराती शख्स के किरदार में दिखेंगे। इसे मनीष शर्मा प्रोड्यूस करेंगे। इस फिल्म की शूटिंग अक्टूबर से शुरू होगी। इसके राइटर और डायरेक्टर हैं दिव्यांक ठक्कर हैं। आपको बता दें कि मनीष शर्मा ने बतौर डायरेक्टर अपना करियर रणवीर सिंह की फिल्म बैंड बाजा बारात से शुरू की थी।
जयेशभाई एक बड़े दिल वाली फिल्म है। इसका विचार ही इसका विस्तार है। इसकी कहानी शानदार है। मैं शुक्रगुजार हूं यशराज फिल्म्स का जिन्होंने मेरे लिए इतनी जोरदार कहानी चुनी। अच्छी पटकथा हो तो वो फिल्म लिखते समय ही दिखने लगती है। दिव्यांग ने इस कहानी पर काफी मेहनत की है और उनके टैलेंट को देखते हुए ही मैंने फिल्म के लिए तुरंत हां कर दी। इस फिल्म में मनोरंजन भी है और यह दिल को भी छू लेती है।
इतना ही नहीं, रणवीर सिंह ने अपने इंस्टाग्राम पर एक फनी वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वो इसके डायरेक्टर दिव्यांक ठक्कर के साथ नजर आ रहे हैं। इसमें वो दोनों गुजराती में बात कर रहे हैं। इसमें रणवीर सिंह कुछ मजेदार सवाल दिव्यांक से पूछते हैं और वो इसका जवाब देते हैं। इसमें उन्होंने ये भी जाहिर कर दिया है कि इस फिल्म में वो नजर आने वाले हैं। |
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सारा अली खान न्यूज : सारा अली खान जल्दी ही सैफ अली खान की बेटी होने की इमेज से बाहर आ जाएंगी। जिस तरीके से बड़े फिल्म मेकर उनको साइन कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है।
सारा अली खान न्यूज : सारा अली खान की भले ही अभी पहली फिल्म भी रिलीज नहीं हुई है लेकिन सैफ अली खान की बेटी अभी से ही तमाम बड़े फिल्म मेकर्स की पसंद बन गई है। बता दें कि सारा अली खान की डेब्यू फिल्म केदारनाथ है जो ७ दिसंबर को रिलीज होगी। इसमें वह सुशांत सिंह राजपूत के साथ आ रही हैं। हाल ही में फिल्म का टीजर रिलीज हुआ है और इसमें सारा के काम की काफी तारीफ हो रही है।
इसके अलावा, इसी साल के अंत में वह रणवीर सिंह के अपोजिट रोहित शेट्टी की फिल्म सिंबा में दिखेंगी। इस यूनिट की भी यही राय है कि सारा अली खान आने वाले समय की सुपरस्टार हैं। वैसे लगता है कि सारा अली खान की इन ताारीफों से इम्तियाज अली खासे प्रभावित हो गए हैं। सुनने में आया है कि उन्होंने सारा को प्यार का पंचनामा फेम कार्तिक आर्यन के अपोजिट अपनी अगली फिल्म के लिए साइन किया है।
डीएनए की एक खबर के मुताबिक, इम्तियाज की तमाम फिल्मों में ट्रैवलिंग कहानी का एक अहम हिस्सा होती है और इस नई कहानी में भी ऐसा ही फ्लेवर है। कार्तिक का चयन फिल्म के लिए पहले ही कर लिया गया था और उनके अपोजिट किसी नए चेहरे की तलाश थी जिसको पर्दे पर ज्यादा दर्शकों ने देखा न हो। जब इम्तियाज ने केदारनाथ और सिंबा के टीजर्स में सारा अली खान का काम देखा तो उन्होंने उनको कास्ट करने का मन बना लिया।
खबर के अनुसार, सारा अली खान को भी फिल्म की कहानी पसंद आई है और वह भी इसके लिए हां कर चुकी हैं। फिल्म की शूटिंग अगले साल शुरू करने की प्लानिंग है। बेशक ये सब देखकर तो लगता है कि सारा अली खान को जल्द ही और भी बड़े ऑफर मिलने वाले हैं। देखना ये होगा कि इस दौड़ में क्या वह जान्हवी कपूर से आगे निकल पाती हैं या नहीं ! |
गूगल ईमेल (गूगल ईमेल ग्मेल) में अब आप सैकड़ों प्रकार के नये वर्चुअल की-बोर्ड, लिप्यंतरण उपकरण, और इनपुट मेथड एडीटर (वर्चुअल कीबोर्ड, ट्रांसलिट्रेशन तूल एंड इनपुट मेथोड़ एडीटर) का प्रयोग कर पायेंगे। अब आपको अपनी भाषा और अपने की-बोर्ड (कीबोर्ड) से और दूर रहने की बात एक पुरानी बात होती नज़र आ रही है। अपनी पसंद की भाषाओं के मध्य किसी एक चुनाव (स्विचिंग बिट्वीन लैंग्वेएज) मात्र एक क्लिक (ओन क्लिक) में किया जा सकता है। अब गूगल कुल ७५ इनपुट भाषाएँ (७५ इनपुट लैंग्वेएज) समर्थित करता है।
इस सुविधा को जी-मेल (ग्मेल) पर प्रयोग करने के लिए आपको सेटिंग (सेटिंग्स) विकल्प में भाषा (लैंग्वेएज) विकल्प के नीचे दिये इनेबल इनपुट टूल्स के चेक बॉक्स (चेक बॉक्स) पर क्लिक करके अपनी मनपसंद भाषा का चुनाव करना होगा। एक बार इसे सक्षम कर लेने के बाद आप इनपुट उपकरण (इनपुट तूल) का आइकन (इकन) सेटिंग बटन के बायीं ओर देख पायेंगे। आप यहीं इस उपकरण को ऑन और ऑफ (ऑन & ऑफ) भी कर पायेंगे, और यदि आपने एक से अधिक भाषाओं को इनपुट उपकरण (इनपुट तूल) में चुना है तो उनके मध्य किसी एक का चुनाव भी यहीं से सम्भव होता है।
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नई दिल्ली (भाषा)। यूनानी डॉक्टरों की संस्था ऑल इंडिया तिब्बी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी ६५ वर्ष करने की मांग की है।
संस्था के महासचिव डॉक्टर सैयद अहमद खान ने कहा कि डॉक्टरों की कमी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के सभी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर ६५ वर्ष करने के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है।
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने संबंधी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गए बयान में यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों को शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि तिब्बी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि देश के पारंपरिक डॉक्टरों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
डॉक्टर खान ने पत्र में प्रधानमंत्री से मामले में दखल देने का अनुरोध करते हुए कहा कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र का यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टर महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये डॉक्टर केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी काम करते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री से इस भेदभाव को खत्म करने को कहते हुए यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी ६५ वर्ष करने का ऐलान २१ जून को मनाए जाने वाले योग दिवस से पहले करने की मांग की है। |
भारत में न्यायपालिका में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यीय बेंच बनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। सभी जानते हैं कि भारत की अदालतों में भ्रष्टाचार व्याप्त है आम धारणा यह है कि निचली अदालतों में भ्रष्टाचार बहुत अधिक है और जैसे-जैसे ऊपर की अदालतों में जाते हैं, वह कम होता जाता है।
भारतीय इतिहास में पहली बार इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जज के खिलाफ मामला दर्ज होने जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जस्टिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस ऑफ इण्डिया रंजन गोगोई ने सीबीआई को तत्काल मामला दर्ज करने के लिए कहा है।हाईकोर्ट के जस्टिस एस एन शुक्ला पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। न्यायमूर्ति शुक्ला पर यूपी के मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के लिए प्रवेश में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गड़बड़ी करने का आरोप है। कहा गया कि निजी मेडिकल कालेज को लाभ पहुंचाने के लिए न्यायमूर्ति शुक्ला ने सत्र २०१७-१८ में प्रवेश तिथि बढ़ाई थी। यही वजह है कि जस्टिस एस एन शुक्ला के न्यायिक फैसले लेने पर जनवरी 20१८ से रोक लगी हुई है। वहीं चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कार्य स्थल परिवर्तन प्रस्ताव भी ठुकरा दिया। खास बात है कि सीजेआई ने पीएम मोदी को जून माह में पत्र लिखकर संसद में अभियोग लाकर शुक्ला को पद से हटाने की मांग भी की थी। तीस बरसों में ऐसा पहली बार हुआ है कि सीबीआई को किसी सिटिंग जज के मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी गई है। गौरतलब है कि तीस साल पहले १९९१ में वीरास्वामी केस में किसी भी जांच एजेंसी को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में कार्यरत किसी भी जज के खिलाफ दस्तावेज सीजेआई को दिखाए बिना जांच शुरु करने के लिए एफआईआर दर्ज करने की अनुमति नहीं दी थी। ज्ञात हो कि हाईकोर्ट में कार्यरत किसी भी जज के खिलाफ १९९१ से पहले किसी भी एजेंसी ने किसी भी मामले में हाईकोर्ट में कार्यरत जज के खिलाफ मामले में जांच नहीं की थी। उसके बाद से यह पहली बार है जब कोई जांच एजेंसी को सिटिंग जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी गई है। |
भिन्न को दशमलव में बदलकर ।
किसी संख्या से अंश में गुणा करें और जो ल. स. और म.स. मिला है उसमें में उसी संख्या से भाग कर दें जिससे पहले गुणा किया गया था । बहुत ही आसानी से काम हो जायेगा।
चलिए उदाहरण की सहायता से समझते हैं।
उदाहरण : भिन्नों ४ / ५, और ३ / ७ का ल.स. और म.स. बिना भिन्न वाले सूत्र लगायें ज्ञात करने के लिए हम सबसे पहले दोनों भिन्नों के हर का ल.स. निकालना होगा या फिर ऐसी संख्या का गुणा करें दोनों भिन्नों कि हर वाला मान हट जाये । ५ और ७ का ल.स. = ३५ होगा। इसलिए ४ / ५, और ३ / ७ में ३५ का गुणा करने पर,
अब २८ और १५ का म.स.और ल.स. आसानी से पता कर सकते हैं।
चुँकि हमने २८ और १५ प्राप्त किया है भिन्नों ४ / ५, और ३ / ७ में ३५ का गुणा करने पर । इसलिए अब हमें ३५ से ४20 में भाग करनी पड़ेगी। भाग करने पर,
आगे जारी है... दशमलव का ल.स.और म.स. ।
नोट : भिन्नों को दशमलव में भी बदलकर ल.स.और म.स. निकाला जा सकता है। पर जो भिन्नें पूर्णतः विभाजित होती हैं । उनका ही आसानी से ल.स.और म.स. निकाला जा सकता है । |
कुछ उपयोगकर्ता यह भी लिखते हैं कि वहां हैऐसे ऑटोक्लिकर्स जो आपके व्यक्तिगत डेटा (पासवर्ड, लॉगिन) को उन स्कैमर को प्रेषित करते हैं जिन्होंने सफलतापूर्वक अपनी कड़ी मेहनत की है। क्या कोई अतिरिक्त द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन कार्यक्रम वास्तव में सार्थक है? फिलहाल, "एसईओप्रिंट" किसी भी ऑटोक्लिकर्स का समर्थन नहीं करता है और दृढ़ता से उन्हें काम करते समय उपयोग करने की सलाह नहीं देता है, अन्यथा वे उपयोगकर्ता को बैंक सूची में भेजते हैं। और आप सेओस्प्रिंट पर कमाई खो देंगे। समीक्षा, हालांकि, इस तरह के कार्यक्रमों के बारे में एक सकारात्मक नस में लिखी गई है, आमतौर पर डेवलपर्स स्वयं या अन्य बेईमान उपयोगकर्ताओं द्वारा लिखी जाती है।
एक निर्धारित राशि के लिए उपयोगकर्ता एक महीने के लिए सेवा के लिए उपयोग मिल जाएगा। यह एक बहुत अच्छा सौदा, में निवेश के रूप में है द्विआधारी विकल्प - पूर्वानुमान रोबोट और मेरी सिफारिशों से बस कुछ ही दिनों में खुद के लिए कई बार भुगतान करना होगा। मुद्रास्फीति प्रबंधन में उपायों के एक सेट का उपयोग शामिल है जो कुछ हद तक मदद करता है जो आय स्थिरीकरण के साथ मूल्य वृद्धि (मामूली) को जोड़ता है। पश्चिमी देशों में प्रयुक्त प्रक्रिया प्रबंधन उपकरण मुद्रास्फीति की प्रकृति और स्तर, व्यापार पर्यावरण के विनिर्देशों और आर्थिक तंत्र के विनिर्देशों के आधार पर भिन्न होते हैं।
मोरस्ती शहर में भूमध्यसागरीय सागर के तट पर रिबैट एक भव्य ट्यूनीशियाई किले है। यह सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण रक्षात्मक काम है जो अरब विजेताओं द्वारा द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन माघरेब तट पर खड़ा हुआ है। इस्लाम। यह ७९६ में स्थापित किया गया था, यह इमारत मध्ययुगीन काल के दौरान, कई पुनर्गठन प्रारंभिक रूप से एक चतुर्भुज की तरह आकार में, इसमें चार आंतरिक आंगनों वाले दो भवन हैं। इसके अलावा, यह माघरेब के सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण रिबेट माना जाता है, इसे मोनास्टिर का प्रमुख स्मारक माना जाता है। ग्यारहवीं शताब्दी के दौरान, अन्नालुसियाई भूगोल और इतिहासकार अल बकरी ने मोंस्थिर के रिबेट पर निम्नलिखित विवरण छोड़े: "यह एक बहुत ही उच्च और ठोस रूप से निर्मित किले है। जमीन के ऊपर, पहली मंजिल पर, एक मस्जिद है जहां एक शेख है, जो पुण्य और योग्यता से भरा है, जो खड़ा है, जिस पर समुदाय की दिशा तय है। " दुष्टो का बल हिन्सा है, शासको का बल शक्ती है,स्त्रीयों का बल सेवा है और गुणवानो का बल क्षमा है ।
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐमजॉन के शेयरों द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन में २ फीसदी की बढ़ोतरी से बेजॉस की कुल संपत्ति में ९० करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ और वह दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। टूर्नामेंट चयन में (गद९१) व्यक्तियों के एक नंबर टूर आबादी से यादृच्छिक पर चयन किया जाता है, और इस समूह से सबसे अच्छा व्यक्ति माता-पिता के रूप में चुने गए हैं. यह प्रक्रिया अक्सर दोहराया है ने कहा कि व्यक्तियों का चयन. इन चयनित माता-पिता वर्दी यादृच्छिक संतान उत्पन्न. टूर्नामेंट के चयन के लिए पैरामीटर टूर टर्नेरिंगटॉरेल्सन है. टूर मूल्यों से लेकर ले जाता है २ - ओसीआर के लिए सिफारिश की (जनसंख्या में लोगों की संख्या). तालिका ५ और चित्रा ९ टूर्नामेंट आकार और चयन के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के शो (बट९५)।
बुनियादी तत्व पूरा होने के बादछवि, आप जारी रख सकते हैं। कार्य का अगला तत्व, चरणों में एक ओलंपिक तेंदुए को कैसे आकर्षित किया जाए, छवि के अंगों और विवरणों को चित्रित करने में शामिल हैं। बैंकों ने एल्गोरिदम का लाभ भी लिया है जो कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर मुद्रा जोड़े की कीमतों को अपडेट करने के लिए प्रोग्राम किए जाते हैं। ये एल्गोरिदम गति को बढ़ाता है जिस पर बैंक बाजार की कीमतों का उद्धरण कर सकते हैं, साथ ही मैन्युअल कामकाजी घंटों की संख्या को कम कर देते हैं, जो कीमतों का उद्धरण लेते हैं।
इस बारे में सोचें कि आप आइटम कैसे बेच सकते हैं। आप अपने व्यक्तिगत सामान को उन लोगों को बेच सकते हैं जिन्हें आप जानते हैं, या अजनबियों, या इंटरनेट पर। आप कहां रहते हैं इसके आधार पर, इनमें से प्रत्येक विधि आपको त्वरित आय ला सकती है।
फीफा रैंकिंग में भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम एक स्थान नीचे खिसक कर ९७वें स्थान पर पहुंच गई है. इससे पहले टीम ९६वें स्थान पर थी। संबंध जोड़कर तोड़ना बहुत मुश्किल है, विवाहित होकर के फिर संबंध तोड़ना कठिन कार्य है। मन की वैयावृति मानसिक वैयावृति कैसे होती है, यह जानना बहुत आवश्यक है। मोक्षमार्ग में असंख्यात गुनी निर्जरा होती है, ऐसा चिंतन करना चाहिए। तुमसे मेरे कर्म कटे, मुझसे तुम्हें द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन क्या मिला? तुमने अनेकों गतियों में भ्रमण करके संख्यात या असंख्यात काल पर्यंत बिना विश्राम किए दुख सहे है, तब अति अल्प काल के लिए इस भव में यह थोडा सा दुःख क्यों नही सहते हो?
२०१८/०७/२५ मुद्रा बाजार में शांत है: सबसे मुद्राओं संकीर्ण सीमाओं महत्वपूर्ण घटनाओं इस सप्ताह से पहले समेकित - डोनाल्ड ट्रम्प, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ज्यां क्लाड जंकर और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की बैठक । यह वास्तव में एक बहुत ही आसान काम है, लेकिन यह आप उपकरण या एक संकेतक के प्रत्येक बिक्री के लिए, क्योंकि प्रत्येक ग्राहक के लिए पैसे की एक सुंदर राशि कमाने का मौका देता है, इस सहबद्ध साइट वे कमीशन मिलता है, मंच करने के लिए देता है। यह इन दिनों में काफी अच्छा कमीशन है। इस प्रक्रिया में लोगों को अभी केवल सौंपा गतिविधियों के प्रचार के लिए बाहर ले जाने के लिए की जरूरत है और कुछ में खुद को शामिल करने की जरूरत नहीं है क्योंकि द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन यह बहुत आसान काम कहा जाता है। यदि आप अधिक इस तरह की पेशकश के मामले में, एक विदेशी मुद्रा व्यापार में रुचि रखते हैं, जो उन लोगों के लिए पैसे की एक सुंदर राशि अर्जित करने के लिए बहुत अच्छा मौका है। सहबद्ध साइटों की मदद से विपणन के लिए सही प्रचार गतिविधियों और सही दृष्टिकोण के साथ, पैसे की एक सुंदर राशि प्रवाह कर सकते हैं।
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डिज़ाइन परियोजना बाहर ताजा और मूल दिखता है, लेकिन पहले से ही देखा है के रूप में, कई मंचों, उत्पादों की इस तरह उच्च उपज परियोजनाओं के लिए है, न कि केंद्र के लिए की तुलना में सूट करेगा। शामिल जानकारी का एक न्यूनतम राशि संसाधन के पेजों को भरने, पाठ केवल अंग्रेजी भाषा के सामग्री तैयार की। होम प्रदर्शित करता है लाभ का एक कैलकुलेटर गणना के साथ निवेश की योजना, नीचे जमा और भुगतान पर कंपनी के फायदे और हाल ही के लेनदेन को दर्शाता है। अमेरिकी एथलीट मार्क फिलिप शल्ट्ज - ओलंपिक चैंपियन और दो बार विश्व चैंपियन। एक फ्रीस्टाइल पहलवान, वह अमेरिकी लड़ाई के राष्ट्रीय हॉल ऑफ फेम का मानद सदस्य है।
गुणा करना। बोनस शेयर जो अगले महीने के भीतर एक निश्चित ट्रेडिंग कारोबार बनाने की योजना बना रहे हैं यह निम्नानुसार कार्य करता है: माह की शुरुआत में ग्राहक बोनस "गुणा" के लिए लागू होता है, जिसमें वे कितने लोगों की योजना बनाते हैं। पहले से, व्यापार संचालन के लिए उन्हें बोनस प्रदान किया जाता है। और अधिक - अधिक बोनस बीआईआर छुट्टी द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन की अवधि बच्चे की देखभाल (३ साल) के मुकाबले कुछ हद तक कम है। इस प्रकार की छुट्टियों की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि उनका उपयोग प्रासंगिक कार्य अनुभव के संचय को निलंबित नहीं करता है। |
जीटीबी अस्पताल में मंगलवार को बच्चा बदले जाने के एक मामले को लेकर सुबह से शाम तक गाइनी वार्ड में हंगामे की स्थिति बनी रही। शाम के वक्त पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। जानकारी के मुताबिक, बड़ौत के रहने वाले इमरान ने डिलिवरी के लिए अपनी पत्नी फरजाना को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां ऑपरेशन के बाद फरजाना को बच्चा पैदा हुआ। पति इमरान ने बताया कि मेडिकल कारणों से मां और बच्चे के अलग-अलग रखा गया था।
सुबह के वक्त अस्पताल की एक महिला स्टाफ फरजाना के पास एक बच्चे को लेकर आई और बोली कि तुम्हें बेटा पैदा हुआ है, इसे अपना दूध पिलाओ। दूध पिलाने के बाद वह फिर बच्चे को लेकर चली गई। वही स्टाफ थोड़ी देर बाद दोबारा आई और बोली कि तुम्हें बेटा नहीं, बेटी हुई है। इसके बाद फरजाना के परिजनों ने बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामे को बढ़ता देख मौके पर पुलिस और अस्पताल के अधिकारी पहुंच गए।
सुबह से लेकर शाम तक चले हंगामे के बाद अस्पताल प्रशासन ने फरजाना के परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। जब नए सिरे से सारे पेपर चेक किए गए तो पता चला कि फरजाना को बेटा नहीं, बेटी ही पैदा हुई थी। अस्पताल की उस महिला स्टाफ की एक गलतफहमी की वजह से ऐसी अजीब स्थिति बन गई। हंगामे के दौरान दोनों ही मांओं का रो-रोकर बुरा हाल था। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुनील कुमार गौतम ने बताया कि इस मामले की जानकारी अभी उन तक नहीं पहुंच पाई है। |
मुंबई। महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने से इंकार करने के बाद अब बीजेपी का विपक्ष में बैठना तय माना जा रहा है। वहीँ अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं।
वहीँ इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस प्रभारी और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और यही फैसला हमारा है।
उन्होंने कहा कि कुछ बयानों में कांग्रेस के शिवसेना को समर्थन देने की बात सामने आ रही है और कुछ इससे इंकार कर रहे हैं लेकिन इन बयानों में कोई सच्चाई नहीं है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। ऐसे में अकेले सरकार बना पाना किसी भी पार्टी के लिए सम्भव नहीं है। बीजेपी शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों दलों के बीच में मुख्यमंत्री पद को लेकर रार पैदा हो गयी।
हालाँकि शिवसेना की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उसे महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिलेगा। हालाँकि कांग्रेस और एनसीपी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर शिवसेना को समर्थन देने की बात नहीं कही है।
ऐसे में देखना होगा कि क्या राज्यपाल कोश्यारी शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता देंगे? यदि ऐसा होता है तो शिवसेना को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस समर्थन देते हैं अथवा नहीं। |
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जो सेवाओं अभी नि:शुल्क हैं २० जनवरी के बाद भी वे फ्री रहेंगी और कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी.बी महापात्रा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से चर्चा में यह स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि सभी सरकारी बैंक राष्ट्र सेवा और देशवासियों की सेवा में लगे हुए हैं।
इसके मद्देनजर देशवासियों पर बैंकिंग सेवाओं को लेकर कोई भी अतिरिक्त प्रभार नहीं लगाया गया है। सभी सरकारी बैंकों में २० जनवरी से किसी भी नि:शुल्क सेवा को शुल्क में दायरे में नहीं लाया जा रहा है।
इस संबंध में वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने भी बैंकों से जानकारी ली है और उन्होंने भी ट्वीट के जरिये यह साफ किया है कि २० जनवरी से कोई भी सरकारी बैंक नि:शुल्क सेवाओं को समाप्त नहीं कर रहा है और इन सेवाओं पर शुल्क नहीं लगा रहा है। |
दर्शनशास्त्र एक विज्ञान है जिसका जन्म हुआउम्र की गहराई। यह हर समय महत्वपूर्ण और प्रासंगिक था। स्वाभाविक रूप से, दर्शन अभी भी इसकी लोकप्रियता खो नहीं है। और आजकल इसमें मनुष्य के स्थान और उससे संबंधित मामलों में शामिल महान विचारक शामिल हैं। आधुनिक दर्शन में काफी बदलाव आया है, लेकिन इसका अर्थ नहीं खो गया है। आइए सभी सुविधाओं को और अधिक विस्तार से देखें।
हमारे समय का दर्शन हैसभी प्रकार के अभ्यास का एक सेट। यह एक अभिन्न दुनियादृश्य नहीं है, लेकिन बारहमासी मुद्दों के लिए विभिन्न दृष्टिकोण हैं। आधुनिक दर्शन पहले की तुलना में अधिक सहनशील है। अब व्यक्ति को चुनने का पूरा अधिकार है। एक आधुनिक व्यक्ति खुद को तय कर सकता है कि दुनिया का क्या विचार है और इसमें किसी व्यक्ति की जगह उसके करीब है। साथ ही, एक व्यक्ति अपनी वैचारिक स्थिति की पसंद के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेता है।
आधुनिक दर्शन ने निर्माण करने से इंकार कर दियाकोई सटीक सिस्टम। विचारक दृढ़ निष्कर्ष पर पहुंचे कि न तो मूल पैमाने और न ही पूर्ण संदर्भ प्रणाली मौजूद हो सकती है। हमारे समय के दर्शन ने मनुष्य को पूर्ण स्वायत्तता दी है। अब राज्य, विचारकों और समाज के व्यक्ति में अब तक तथाकथित "शिक्षक" नहीं हैं। नतीजतन, उनके जीवन की ज़िम्मेदारी एक व्यक्ति केवल अपने कंधों पर भालू होती है।
आधुनिक दर्शन लगभग पूरी तरह से हैदुनिया और किसी भी सामाजिक संस्थानों को बदलने का विचार छोड़ दिया। विचारकों ने एक और अधिक तर्कसंगत और कुशल तरीके से होने की अपरिपूर्णता को खत्म करने का फैसला किया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि एक व्यक्ति को पहले खुद को बदलना चाहिए, और उसके बाद, पूरी दुनिया अनिवार्य रूप से बदल जाएगी।
हालांकि, इस अनुशासन का अपना हैसमस्याओं। कुछ विशेषज्ञ दार्शनिक विचारों के संकट को भी ध्यान में रखते हैं। कारण क्या है? आधुनिक तकनीक हर दिन विकसित हो रही है। जीवन बहुत तेज़ी से बदल रहा है, क्योंकि यह कई क्षेत्रों में वास्तविक सफलता की उम्र है। दर्शनशास्त्र में ऐसी महत्वपूर्ण प्रगति के लिए समय नहीं है। हालांकि, एक व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास इसके सफल गठन पर निर्भर करता है। सभी तकनीकी नवाचारों के साथ, जीवन के अमूर्त पहलुओं के बिना सभ्यता विकसित की जानी चाहिए। यही कारण है कि आधुनिक दुनिया में दर्शन की भूमिका बस विशाल है।
आइए संक्षेप में मुख्य समीक्षा करने का प्रयास करेंइस अनुशासन के निर्देश। सबसे पहले, यह एक विश्लेषणात्मक दर्शन है। इसमें भाषाविज्ञान द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। विश्लेषणात्मक दर्शन ने भाषा को व्यावहारिक रूप से अपनी नींव बना दी है। यह दिशा जीवन के ज्ञान के लिए एक तर्कसंगत, तार्किक, अनुसंधान दृष्टिकोण का पालन करती है।
दूसरा, यह फेनोमिनोलॉजी है। यह दिशा मानव मनोविज्ञान की गहराई में जाती है। इसके अनुसार, प्रत्येक वस्तु और घटना को किसी भी विशेषताओं के साथ भौतिक वस्तुओं के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। यह याद रखना उचित है कि एक वास्तविक जीवन की चीज़ और किसी व्यक्ति के दिमाग में इसकी समझ काफी भिन्न हो सकती है। यह ऐसी घटनाओं और वस्तुओं की छवियां हैं जिन्हें इस प्रवृत्ति को उनके आधार के रूप में माना जाता है और उन्हें तय किया जाता है, जिससे उन्हें घटना कहा जाता है।
तीसरा, यह आधुनिकतावाद है। यह एक बहुत ही विविध और विविध दिशा है। हालांकि, यह सामान्य विचार से एकजुट है कि सभी पुराने रूढ़िवादों, दृष्टिकोणों को त्यागना जरूरी है जो अब दार्शनिक विचारों के सफल विकास में बाधा डालना शुरू कर चुके हैं। आधुनिकतावाद पुराने परंपराओं को खारिज कर देता है और दुनिया के ज्ञान के नए रूपों की तलाश में है।
अब आप आधुनिक की सभी सुविधाओं को जानते हैंदर्शन। इस अवधि के दौरान, यह अनुशासन एक अस्थिर स्थिति में है, इसलिए इसकी मुख्य विशेषताओं को स्पष्ट रूप से पहचानना मुश्किल है। |
कोलकाता। सिंधु घाटी सभ्यता की समाप्ति के रहस्यों को जानने की कोशिश आज भी हो रही है। कुछ ने सूखे को तो कुछ भयंकर बाढ़ को तो कुछ बाहरी आक्रमण को सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह मानते हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन को भी एक वजह माना है। हाल ही में आइआइटी, खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने लगभग ४३५० साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह बने सूखे की अवधि का पता लगाया है। आइआइटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों को एक शोध में पता चला है कि यह सूखा कुछ साल या कुछ दशक नहीं बल्कि पूरे ९०० साल तक चला था।
वैज्ञानिकों ने उस थ्योरी को भी गलत साबित कर दिया, जिसमें सूखे के २०० साल में खत्म हो जाने की बात कही गई थी। आइआइटी, खड़गपुर के भूगर्भशास्त्र और भूभौतिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने पिछले लगभग ५००० साल के दौरान मॉनसून के पैटर्न का अध्ययन किया और पाया कि लगभग ९०० साल तक उत्तर पश्चिम हिमालय में बारिश न के बराबर हुई। इस कारण सिंधु और इसकी सहायक नदियां जो बारिश से साल भर भरी रहती थीं, सूख गईं। इन नदियों के किनारे ही सिंधु घाटी सभ्यता अस्तित्व में थी। नदियों में पानी खत्म होने से लोग पूर्व और दक्षिण की ओर गंगा-यमुना घाटी की ओर चले गए जहां बारिश बेहतर होती थी। |
हल्द्वानी बिग बाजार पर जिला प्रशासन द्वारा खोलने की पाबंदी लगाने के बाद स्टोर मैनेजर विकास गुप्ता ने बिग बाजार खोलने की मांग की है। बिग बाजार दुर्गा सिटी सेंटर में काफी समय से संचालित हो रहा है जहाँ जनता को कम दामों में घरेलू सामान मिलता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिग बाजार में लगातार ४ से ५ बार पूरे मॉल को सेनिटाइजर से साफ करा रहे हैं जिसके कारण कोई भी अप्रिय घटना नहीं होगी। साथ कि बुखार पीड़ित और किसी भी इन्फेक्शन से पीड़ित को पूर्ण रूप मॉल में आने की पाबंदी लगा दी है। जबकि यहाँ पर फल, सब्ज़ी, दूध दही आटा सहित कई ग्रोसरी आइटम्स सस्ते दाम पर जनता को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे में जनता को बिग बाजार बंद होने से काफी असुविधा हो रही है।
गौरतलब है कि देश कोरोना की चपेट में आने के बाद जिला प्रशासन ने मॉल , सिनेमा घर सहित सभी भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जनता के एकत्रित होने पर पूर्ण रूप से पाबंदी कर दी है। जबकि बताया जा रहा है कि कई स्टोर अभी भी पाबंदी के बाद खुले हुए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह से इस मामले में बातचीत की गई तो उन्होंने जिलाधिकारी से मॉल द्वारा फल सब्जी बेचने के मामले में निर्देश लेने की बात की है। |
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को १० रुपये का नया नोट जारी किया है। इससे पहले की आपको नए नोट के बारे में कुछ बताएं, ये जान लेना बेहद जरूरी है कि नए नोट के साथ-साथ पुराने नोट भी बाजर में पहले की तरह ही चलते रहेंगे, ऐसे में नए नोट और पुराने नोट को लेकर किसी भी तरह की उलझन नही होनी चाहिए।
आपको बता दें कि नए नोट का रंग चॉकलेटी ब्राउन रंग की तरह है। इसके आगे की ओर पहले वाले नोट की तरह ही गांधी जी की तस्वीर है, जबिक नोट के पिछले हिस्से में कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर की तस्वीर दी गई है।
तो वहीं नोट के पिछले हिस्से में स्वच्छ भारत अभियान का लोगो लगाया गया है। इस नोट के सीरियल नंबर बढ़ते क्रम में दिए गए है। जिसका मतलब यह है कि सीरियल नंबर का सबसे पहले नंबर का आकार सबसे छोटा है और सबसे अंतिम वाले नंबर का आकार सबसे बड़ा है।
खबरों के अनुसार बैंक ने १० रुपये के नोट में करीब एक अरब रुपये के छपाई की है, ताकि बाजार में नए नोट की उपलब्धता आसानी से हो सके। गौर हो कि १० रुपये के नोट में आखिरी बार २००५ में बदलाव साल हुआ था, इस दौरान १० रुपयें के नोट में काफी सारे बदलाव किए गए थे।
आपको बता दें कि ८ नंवबर २०१६ में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए नोटबंदी के बाद से रिजर्व बैंक ने अब तक १०, ५०, ५०0, २००, २००0 के साथ नए नोट बाजार में नए बदलाव के साथ पेश किए गए हैं। जबकि २०० और २००0 रुपये के नोट पहली बार जारी किए गए हैं। |
स्पेनिश क्लब एफसी बार्सिलोना से खेलने वाले अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले फुटबॉल खिलाड़ी बन गए हैं। मेसी ने इस सूची में पुर्तगाल के करिश्माई खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो, फ्रांस के एंटोनी ग्रीजमैन और ब्राजील के नेमार को पछाड़ा।
मेसी लंबे समय से बार्सिलोना के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते आए हैं। स्पेनिश लीग ला-लीगा में उन्होंने अपने क्लब के लिए ४०० से अधिक गोल किए हैं। टॉप १० में प्रीमियर लीग, ला लिगा, सीरी ए और लीग १ के खिलाड़ी हैं, जबकि जर्मन लीग (बुंदेसलिगा) का एक भी खिलाड़ी इसमें जगह नहीं बना पाया। रियल मैड्रिड के गैरेथ बेल छठे, बार्सिलोना को कोटिन्हो सातवें, मैनचेस्टर यूनाइटेड के एलेक्सिस आठवें, पेरिस सेंट जर्मेन के किलियन एमबाप्पे नौवें और आर्सेनल के मेसुत ओजिल दसवें स्थान पर हैं। |
टाइम्स हायर एजुकेशन ने हाल ही में विश्व की टॉप ५०० विश्वविद्यालयों को लेकर एक सर्वे किया है। जिसमे भारत के विश्वविद्यालय भी अपनी जगह बनाने में सफल हुए हैं।
आईआईटी कानपुर दुनिया के टॉप ५०० विश्वविद्यालयों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने में सफल रहा है। वर्ल्ड रैकिंग में उसे २०१-२५० की श्रेणी के बीच में रखा गया है। दुनिया के टॉप संस्थानों में एशिया का वर्चस्व रहा है।
टॉप विश्वविद्यालयों की लिस्ट में एशिया का शैक्षिक क्षेत्र में दबदबा बरकरार है। इनमें से १३२ संस्थान एशिया के हैं। टॉप १० में भी एशिया के संस्थानों ने स्थान पाया है। १२७ संस्थान अमेरिका, कनाडा आदि देशों से हैं।
आईआईटी कानपुर विश्व के विश्वविद्यालों में लगातार अपनी रफ्तार बनाए हुए है। इस रैंकिंग को जारी करते हुए एकेडमिक रेप्युटेशन, एम्प्लॉयर रेप्युटेशन, फैकल्टी, स्टॉफ, पेपर आदि चीजों को ध्यान में रखा गया है।
टाइम्स हायर एजुकेशन की इस रैंकिंग में इंजीनियरिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएस), बैंगलोर टॉप १०० में जगह बनाने में कामयाब रहा है। जिसमे इसने ८९वीं रैंक हासिल की है। |
आम आदमी पार्टी (आप) पहली बार एक गैर राजनेता के द्वारा शुरू की गई थी , और इसका किसी भी उम्र के राजनीतिक दल के साथ कोई संबंध नहीं था। पार्टी के संस्थापक इंडिया अगेंस्ट करप्शन (इयाक) आंदोलन का एक हिस्सा थे, जिसका नेतृत्व अनुभवी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किया था।
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने कार्यकर्ताओं को जन लोकपाल विधेयक के अधिनियमित के लिए प्रेरित किया, जिसमें लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच और परीक्षण के प्रावधान थे। आंदोलन ने पूरे देश की सोच को एक नई दिशा दिया । लेकिन पूर्व आईआरएस अधिकारी अरविंद केजरीवाल और उनके तत्कालीन संरक्षक अन्ना हजारे के बीच राजनीतिक रूप से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाने पर मतभेद पैदा हो गए। जबकि अनुभवी गांधीवादी का मानना था कि उनके आंदोलन का राजनीतिकरण करने की आवश्यकता नहीं है, केजरीवाल के चाहने वालों को वांछित बदलाव लाने के लिए राजनीतिक प्रणाली का हिस्सा बनने की आवश्यकता महसूस हुई। इसलिए, उन्होंने सामाजिक आंदोलन से बाहर निकलकर २६ नवंबर, २०१२ को औपचारिक रूप से आप का शुभारंभ किया। इसे मार्च २०१३ में चुनाव आयोग से मान्यता मिली। आप ने भारतीय राजनीति का चेहरा बदल दिया जिससे आम आदमी को गेम चेंजर बनने की उम्मीद थी । पार्टी का नेतृत्व करते हुए, अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी के लिए आम आदमी की लड़ाई को एक महत्वपूर्ण बिंदु में बदल दिया। २०१३ के दिल्ली विधानसभा चुनावों में ७० में से २८ सीटें जीतने के बाद आप ने राजनीतिक सर्किटों में धक्कामुक्की करते हुए सत्ता हासिल करने की ताकत के रूप में उभरी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इनक) से बाहरी समर्थन के साथ अपनी सरकार बनाई। २८ दिसंबर २०१३ को, पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
नई दिल्ली के रामलीला मैदान, अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के उपरिकेंद्र, ने २०११ में एक क्रांति की शुरुआत देखी। एक असामान्य शैली वाले एक आम आदमी ने सरकार को सिर पर लिया और एक अपरंपरागत राजनीतिक लड़ाई शुरू की। अरविंद केजरीवाल, पूर्व नौकरशाह, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (ईत), खड़गपुर से स्नातक हैं। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम (रती) लागू करने के अपने प्रयासों से कुछ स्तंभों को हिला देने से पहले उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा (इर्स) की सेवा की।
इमर्जेंट लीडरशिप के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार के प्राप्तकर्ता, केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी सनसनीखेज शुरुआत में आप को एक फ्रिंज खिलाड़ी से विशालकाय हत्यारे में बदल दिया। हालाँकि, उनकी जीत को और अधिक मीठा बनाने वाला तथ्य यह है कि आप के निर्माण में केजरीवाल को सिर्फ एक साल लगा, और पूरे देश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। आईआईटीयन ने दिग्गज कांग्रेसी राजनेता और तीन बार नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया। विधानसभा चुनाव के फैसले के बाद, केजरीवाल ने २८ दिसंबर, २०१३ को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला। हालांकि, उन्होंने ४९ दिन बाद इस्तीफा दे दिया जब कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके सामने प्रस्तावित जन लोकपाल बिल को रोक दिया।
आप ने २०१४ के आम चुनावों को बड़े पैमाने पर लड़ने का फैसला किया। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा यूपी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार। लेकिन वह मोदी से बुरी तरह हार गए।
अरविंद केजरीवाल द्वारा नेतृत्व की गई, आप की घटना ने कुछ ही समय में भारतीय राजनीतिक स्पेक्ट्रम पर कब्जा कर लिया। सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग और उच्च शिक्षित स्वयंसेवकों को शामिल करने के साथ, आप ने घर-घर जाकर प्रचार किया। आप की राजनीतिक मामलों की समिति में गोपाल राय, कुमार विश्वास, मनीष सिसोदिया, प्रशांत भूषण, संजय सिंह और योगेंद्र यादव शामिल थे।
भारतीय राजनीति में इसकी शुरुआत ने विभिन्न क्षेत्रों से कई प्रमुख नामों को आकर्षित किया। कैप्टन गोपीनाथ, एयर डेक्कन के संस्थापक; मल्लिका साराभाई, प्रख्यात डैन्यूज़; मीरा सान्याल, रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड-इंडिया की सीईओ; समीर नायर, स्टार टीवी के पूर्व सीईओ; वी बालकृष्णन, इंफोसिस बोर्ड के सदस्य; और कई और आप के साथ हाथ मिलाया। हालांकि उनमें से अधिकांश अब केजरीवाल के दिमाग की उपज के साथ नहीं हैं।
अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने भ्रष्टाचार के देश की सफाई का कठिन काम किया है। इस उद्देश्य के साथ, आप ने अपने आधिकारिक चुनाव चिन्ह के रूप में विनम्र झाड़ू को चुना। उनका नारा झाड़ू चललाओ, भीमना भगाओ (झाड़ू पोंछा, धोखा से छुटकारा) का उद्देश्य भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को उसके भ्रष्ट राजनेताओं से बचाना है। पार्टी एक अधिक पारदर्शी प्रणाली के लिए लड़ रही है, जो देश को अपनी लोकतांत्रिक पहचान को पुनः प्राप्त करने में मदद करेगी।
नई दिल्ली में सत्ता में आने के बाद, पार्टी ने सब्सिडी के माध्यम से ४०० यूनिट तक बिजली के बिल को कम कर दिया। इसने घरों में पानी के मीटर (२० किलोलीटर तक) के लिए मुफ्त पानी उपलब्ध कराया। केजरीवाल सरकार ने बहु-खुदरा क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को भी खत्म कर दिया। अपनी मूल दृष्टि से चिपके हुए, आप ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर रिपोर्ट करने के लिए नागरिकों के लिए एक भ्रष्टाचार-विरोधी हेल्पलाइन की स्थापना की।
आप की क्रांति (या आप की क्रांति) आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है जिसका उद्देश्य हर दरवाजे पर कदम रखना है। यह उस हिस्से का एक समाचार पत्र है, जो आप की विचारधाराओं के बारे में आम नागरिकों को सूचित करने और पार्टी की विभिन्न गतिविधियों के बारे में आम आदमी की विभिन्न गतिविधियों को सूचित करने के लिए प्रचार करने पर केंद्रित है। आप आप सदस्य गोपाल राय के सदस्यों में से एक की देखरेख में परियोजना का संचालन किया जा रहा है, जबकि एक अन्य पार्टी सदस्य दीपक पायलट परियोजना के पहलुओं के लिए प्रबंधन और टीम के विस्तार का काम देख रहे हैं। एक पाठक को सिर्फ रु। हर १५ दिनों में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र का एक मुद्दा रखने के लिए १०० सालाना। नागरिकों की किसी भी शिकायत को सिर्फ हेल्पलाइन नंबर ८५८८८३३५५० पर डायल करके पता किया जा सकता है।
स्वराज की गांधीवादी अवधारणा को ध्यान में रखते हुए, इसने अपने मिशन के बयानों को व्यक्त करने का सार्वजनिक रास्ता अपनाया और शिकायतों को व्यक्तिगत रूप से सुनने के लिए सार्वजनिक बैठकों में व्यस्त रहा।
सीएम के रूप में, केजरीवाल ने सरकारी अधिकारियों या मंत्रियों की कारों पर लाल बीकन पर प्रतिबंध लगाने के अलावा भारत में प्रचलित वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने की मांग की, साथ ही उनके लिए विशेष विशेषाधिकार भी प्रदान किए। पार्टी ने एनसीआर में ऑटो रिक्शा के लिए ५,५00 नए परमिट जारी किए।
जबकि पार्टी ने काफी सफलता हासिल की है, फिर भी आगे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी इसका आर्थिक मॉडल तैयार नहीं किया गया है। इसके अलावा, यह देखते हुए कि पार्टी कांग्रेस और भाजपा के मजबूत प्रतिरोध से निपट रही है, जो केजरीवाल को भगोरा (सरकार चलाने की अपनी जिम्मेदारी से बच गए) के रूप में चित्रित करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल कितने दूर हैं? सभी अंतर बना सकते हैं। पार्टी ने दिल्ली के सभी ७० विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। पार्टी प्रमुख फिर से नई दिल्ली की सीट से कांग्रेस के किरण वालिया और भाजपा के नूपुर शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
आप दिल्ली के लिए पूर्ण राज्यत्व पर जोर देगी।
बिजली दरों को घटाकर आधा कर दिया जाएगा और सभी को स्वच्छ और मुफ्त पेयजल मुहैया कराया जाएगा।
अगर सत्ता में वोट दिया जाता है, तो पार्टी लोगों को आठ लाख नई नौकरियां प्रदान करेगी।
३०,००० बेड शहर के विभिन्न अस्पतालों में जोड़े जाएंगे।
दिल्ली में २० नए कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
शहर में २०० नए स्कूल बनाए जाएंगे।
जरूरतमंद छात्रों को एजुकेशन लोन मिलेगा।
अपराध की घटनाओं पर नजर रखने के लिए बसों, भीड़-भाड़ वाले इलाकों और सार्वजनिक स्थानों पर हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
आप सौर ऊर्जा जैसे ऊर्जा के अक्षय और वैकल्पिक स्रोतों के लिए एक चरणबद्ध बदलाव की सुविधा प्रदान करेगी।
सीवर उपचार और नियंत्रण समृद्ध निर्वहन सहित यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
दिल्ली में लगभग दो लाख सार्वजनिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे। |
मिलो तो आँख चुराएं, हमें क्या हो गया है।
यह गाना बज रहा था आज जब हम पहुंचे 'पंकज टी स्टाल' पर।
सुबह निकलते हुए आज साढ़े छह बज गए । साईकिल निकाली तो लगा पैसे नहीं रखे। देखा तो जेब छूँछी। सोचा ऐसे ही निकल लें। आज की चाय उधार रहेगी। फिर सोचा किसी की बोहनी का बखत होगा। सुबह की शुरुआत उधार से करना ठीक नहीं। साइकिल स्टैंड पर खड़ी की। कमरे पर गए। पैसे लिए। जेब में डाले फिर साईकल स्टार्ट की।
निकलते ही सूरज भाई दिखे। सुबह की धूप हल्की थी। कोहरीली धूप। ऐसा लगा जैसे जाड़े में धूप की बढ़ी हुई मांग को सूरज भाई धूप में कोहरा मिलाकर पूरा कर रहे हों- जैसे गर्मी में दूध में पानी और त्यौहारो में खोये में मिलावट बढ़ जाती है।
सुनहरी , खिली हुई धूप और खिलखिलाती किरणों ने मुझे चुप कर दिया। हम और कुछ कह नहीं पाये। आगे चल दिए।
मोड़ पर ही छट्ठू सिंह के साथी मिल गए। आज छट्ठू सिंह नहीं आये थे। दो दिन से तबियत ढीली है। हमने उनके साथियों से कहा-"आप लोग बाहर जाओ कहीँ घूमने के लिए। अच्छा लगेगा। क्या यहीं टहलते रहते हैं।" उन्होंने हामी भरी और फिर नमस्ते करके चले गए।
सरिया लेकर टहलती बुजुर्ग महिला आज भी सरिया लिए टहल रहीं थी। अलबत्ता आज सरिया का मुड़ा हुआ हिस्सा सड़क की तरफ था। पहले दिन वह हाथ की तरफ था।
बस स्टैंड पर लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। एक बच्ची एकदम सावधान मुद्रा में खड़ी किसी पतली सी किताब से कुछ पढ़ रही थी। तल्लीन थी पढ़ने में वह। शायद उसका कोई टेस्ट या इम्तहान हो। यह लगा 'पीके' फ़िल्म की तरह ऐसी सुविधाएं आने लगें कि बच्चे किताब का मसाला किताब छूकर ही दिमाग में डाउनलोड कर सकें।
आगे एक बस रुकी। हार्न दिया। एक महिला लपकती हुई आई। साथ की बच्चे को बस में लपककर जमा सा करके नीचे से बस्ता उसको थमाया।बस स्टार्ट ही रही। बच्चे के जमा होते ही चल दी। महिला ने बच्चे को बस में बैठाने के पहले की हड़बड़ाहट चेहरे से पोंछ कर मुस्कराते हुए बच्चे को टाटा किया। बस जब दूर हो गयी तो उसने चेहरे की मुस्कान को भी समेट कर चेहरा सामान्य कर लिया।
क्या गम है जो मुझसे छिपा रहे हो।
चाय की दूकान पर दो चिलमची चिलम सुलगा रहे थे। एक ने माचिस की तीली सुलगाई। दूसरे ने नीचे झुककर आँख मूँदकर जल्दी-जल्दी सांस खींचकर चिलम सुलगाई। चिलम जब सुलग गयी तो जल्दी-जल्दी वाली साँस बन्द करके उसने चैन की सांस ली। थोड़ा सन्तोष भी मिला हुआ था चैन की सांस में कि जल्दी सुलग गयी चिलम।
दोनों चिलमची काले कपड़े पहने हुए थे।नीचे बैठकर चिलम सुलगाते हुये व्यक्ति की मुद्रा कुछ वैसी ही थी जैसे प्रेमी अपनी प्रेमिका को शादी के लिए प्रस्ताव पेश करते समय झुकता है। चिलम सुलगते ही वे दोनों एक कोने में चले गए।
इस बीच जीसीएफ फैक्ट्री में काम करने वाला एक स्टाफ वहां आ गया। फैक्ट्री के पुराने जीएम की बुराई कर रहा कि वो बहुत टाइट करके चले गए फैक्ट्री। अब भी वैसा ही हाल बना हुआ है। इत्ता टाइट थोड़ी करना चाहिए था। हर बात में सख्ती।
"इनकी बस मुंडी मटकती है, इसकी बुराई, उसकी बुराई। बोलना बहुत अच्छा आता है। जब आये थे तब बोले कि- ये विकास होगा होगा, वो नौकरी लगेगी। लेकिन हुआ कुछ नहीं। सब ऐसे ही खाईबाजी चल रही है। कहीं डिजिटल इण्डिया, कहीं स्वच्छ भारत। कीमत पर कोई कंट्रोल नहीं। मास्टर ५००० में काम कर रहा है। न बच्चे हैं न कुछ। न सरकारी स्कूल हैं न डॉक्टर। ऐसे ही पांच साल निकाल देंगे। फिर कहेंगे पांच साल और चाहिये। हमें यह लगता है कि कहीं अपनी फैक्ट्रियों को भी न सड़क पर ला दें। बीएसएनएल को बर्बाद कर ही दिया। प्रमोद महाजन ने किया था। बिहार में जीते तो ३३ साल कर देंगे।"
३३ से मुझे याद आया कि उनकी नाराजगी का कारण वह सम्भावित योजना है जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति सरकार की नौकरी से ३३ साल की नौकरी या फिर ६० साल की उम्र में से जो पहले होगा सेवा से रिटायर हो जायेगा। इन भाई साहब के ३५ साल नौकरी के हो चुके हैं। ५ साल अभी भी बाकी हैं। मतलब २० साल की उम्र में आये थे नौकरी में। यही इनके लिए चिंता का विषय है कि सेवा अवधि ३३ साल की हो जायेगी तो फौरन पेंशन पेपर थमा दिए जाएंगे।
अपनी चिंता को विस्तार देते हुए उन्होंने बताया कि पहले १९-२० साल की नौकरी में आ जाते थे लोग। आज अगर ३३/६० लागू होगा तो ५०० से १००० लोग हर फैक्ट्री से बाहर हो जाएंगे।
मेरा मन हुआ कहें कि नए लड़कों की नौकरी मिलेगी भी तो। लेकिन फिर कहा नहीं। वह भी ड्यूटी जाने की जल्दी में था। चला गया।
इस बीच तीन बच्चे मेरी बगल में आकर बैठ गए। बात की तो पता चला कि उनके दादा जीसीएफ में काम करते हैं। पिता प्राइवेट काम करते हैं। क्या करते हैं बच्चों को पता नहीं। बच्ची ५ में पढ़ती है, बच्चे २ में। आज स्कूल नहीं गए। गाँव जाना है।कुछ काम है। मम्मी के साथ जाएंगे। बिहार के हसनपुर में गाँव है।
बच्चे बड़े प्यारे लग रहे थे। छोटे बच्चे के गाल का एक हिस्सा कुछ गुलाबी रंगत लिए बहुत प्यारा लग रहा था। मैंने फोटो के लिए पूछा तो पहले तो मना कर दिया बच्ची ने। पर बातचीत के बाद दुबारा पूछा तो कहा- ले लीजिये। फोटो दिखाई तो खुश हुए बच्चे।
हमें लगा कि यह हाल हैं अपने समाज में स्वास्थ्य सुविधाओं के कि एक साधारण खरोंच तक के लिए लोग दवा नहीं लेते या ले पाते। स्कूल में भी प्राथमिक चिकित्सा की कोई सुविधा होती तो चोट अब तक ठीक हो जाती।
उसके स्कूल का समय हो रहा था। इसलिए यह सोचकर कि शाम को उसको अस्पताल से पट्टी करवा देंगे हम चले आये वापस। चलने से पहले दीपा का एक फोटो लिया तो दीपा ने कहा -'हम शेरू का फोटो लेंगें।' लिया उसने और खुश हुई कि अच्छा आया।
क्रासिंग बन्द थी। हमने खुलने का इंतजार करते हुए वहीं साइकिल पर बैठे-खड़े पोस्ट का शुरूआती हिस्सा टाइप किया। डबल क्रास था। दोनों ट्रेने निकल गयीं तब फाटक खुला। हम वापस कमरे पर आये। चाय पीते हुए पोस्ट लिखी।
अब जा रहे हैं फैक्ट्री के लिए। आज गुणवत्ता माह की शुरुआत है। सबको मुबारक हो।
आपका दिन मंगलमय हो शुभ हो। |
लेटेक्स एलर्जी क्या है?
प्राकृतिक रूप से मिलने वाली लेटेक्स रबड़ (रबड़ के पेड़ से मिलने वाला एक उत्पाद) में मौजूद कुछ प्रोटीन के प्रति होने वाली प्रतिक्रिया को लेटेक्स एलर्जी कहते हैं। इसके संपर्क में आने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। रबड़ के दस्ताने व अन्य उत्पादों जैसे कंडोम या मेडिकल उपकरणों से भी ये एलर्जी हो सकती है।
इससे प्रभावित व्यक्ति में त्वचा पर खुजली जैसे लक्षण दिख सकते हैं, इस स्थिति में गले में सूजन और सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। डॉक्टर इन लक्षणों के आधार पर यह निर्धारित करते हैं कि व्यक्ति को लेटेक्स एलर्जी है या नहीं या फिर इसके होने की कितनी संभावना है। एलर्जी के लक्षणों को समझ कर और लेटेक्स के स्रोतों के बारे में जानकर इस स्थिति से बचा जा सकता है।
लेटेक्स एलर्जी के लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति के शरीर में लेटेक्स सांस के जरिए पहुंचा है या फिर किसी चीज को छूने से हुआ है। यदि लेटेक्स एलर्जी का समय पर उपचार नहीं किया जाए, तो यह स्थिति समय के साथ बदतर हो सकती है।
यदि कोई व्यक्ति लेटेक्स एलर्जी से ग्रस्त है, तो संभव है कि उसे ये बीमारी लेटेक्स रबड़ से बने उत्पादों जैसे दस्ताने, गुब्बारे को छूने के बाद हुई हो।
जब कोई व्यक्ति लेटेक्स से बने दस्तानों को अपने हाथ से निकालता है या लेटेक्स को हवा में रगड़ता है, तो वातावरण में लेटेक्स के अति सूक्ष्म कण मिल जाते हैं, जोकि सांस के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं।
डॉक्टरों का मानना है कि लेटेक्स एलर्जी के लक्षणों को एंटी-हिस्टामिनन (एलर्जी रोकने वाले) या कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं (सूजन, लालिमा, एलर्जी और खुजली कम करने वाली) के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हैं तो ऐसी स्थिति में एपिनेफ्रीन आईवी फ्लूइड्स (नस के जरिए ड्रिप से फ्लूइड चढ़ाना) जैसी दवाएं व अन्य इमरजेंसी मेडिकल केयर की आवश्यकता पड़ सकती है। डॉक्टर की सलाह पर प्रभावित व्यक्ति को एपिनेफ्रीन (एलर्जी रोकने वाली) के दो शॉट्स (इंजेक्शन) लेने पड़ सकते हैं। |
पूर्व में डीएलएड या किसी अन्य संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त नियाेजित शिक्षकाें काे जल्द ही प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ मिलेगा। डीपीअाे स्थापना अब्दुस्सलाम अंसारी ने सभी बीइअाे काे अादेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर पूर्व से प्रशिक्षण प्राप्त नियाेजित शिक्षकाें की सूची एवं प्रमाण पत्र वेतन प्रभारी काे उपलब्ध करा दें।
इसी अाधार पर उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। वैसे नियाेजित शिक्षक, जिन्हाेंने प्रशिक्षित नियम लागू हाेने से पहले ही डीएलएड या किसी अन्य संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया था, उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। वेतनमान निर्धारण के लिए वैसे शिक्षकाें से दाे प्रति प्रशिक्षित प्रमाण पत्र एवं अंक पत्र स्वअभिप्रमाणित छाया प्रति विभाग ने मांगी है। विभाग द्वारा अंक पत्र एवं प्रशिक्षण प्रमाण पत्र काे बाेर्ड द्वारा सत्यापित कराया जाएगा। सत्यापन के बाद शिक्षकाें काे प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। डीपीअाे द्वारा प्रशिक्षित वेतनमान निर्धारण के लिए अादेश निर्गत करने पर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने धन्यवाद दिया है।
संघ के प्रमंडलीय संगठन प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा, इस अादेश के लिए संघ लगातार प्रयास कर रहा था। साथ ही वेतन भुगतान से संबंधित अादेश भी अधिकारी की अच्छी पहल है। संघ इसके लिए धन्यवाद देता है। |
वेस्टइंडीज और भारत के बीच तीन वन-डे मैचों की सीरीज का तीसरा व आखिरी मुकाबला त्रिनिदाद में खेला जा रहा है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी कैरेबियाई टीम ने खबर लिखे जाने तक २४ ओवर में २ विकेट के नुकसान पर १६८ रन बना लिए हैं। शिमरोन हेटमायर (२४) और शाई होप (२४) रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। बता दें कि बारिश की वजह से यह मुकाबला ३५-३५ ओवर का कर दिया गया है।
एक बार फिर बारिश शुरू हो गई है और मैदान पर कवर्स लौट आए हैं। २२ ओवर में वेस्टइंडीज का स्कोर १५२/२, शाई होप ४० गेंद पर १९ और शिमरोन हेटमेयर २३ गेंद पर १८ रन बनाकर नॉटआउट हैं।इससे पहले भी बारिश ने १.३ ओवर में मैच में खलल डाला था। सभी खिलाड़ियों को मैदान से वापस लौटना पड़ा था।उस समय क्रिस गेल ९ गेंद पर छह रन और एविन लुइस बिना खाता खोले नॉटआउट पवेलियन लौटे थे और उस वक्त वेस्टइंडीज का स्कोर ८/० था। |
'सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति को श्रीमती रामनाथ कोविंद कहा' जानिए सच क्या है?
होम वायरल चेक सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति को श्रीमती रामनाथ कोविंद कहा जानिए सच क्या है?
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस स्टेटमेंट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल किया गया। इस वीडियो में उनके बयान का पूरा हिस्सा ना दिखाते हुए सिर्फ छोटा हिस्सा दिखाकर फेसबुक, ट्वीटर पर शेयर किया जा रहा है। ये जाने बगैर कि सच क्या है आधे, अधूरे वीडियो को शेयर किया जा रहा है।
ये वीडियो ४ अक्टूबर का है। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपनी पत्नी के साथ पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक बतौर अतिथि शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान जब मंच पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे तो उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रपति के आगमन पर राष्ट्रपति के साथ-साथ सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद को सम्मान देते हुए कहा देश की प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद। इस कथन को गलत तरीके से प्रचारित करने की कोशिश की गई। वास्तविकता यही है कि देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति की पत्नी होती है। इसलिए सीएम ने उन्हें देश की प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद कहकर पुकारा। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
बयान को इस तरह से दिखाने की कोशिश की गई कि देश के राष्ट्रपति को सीएम ने प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद कहकर पुकारा जो सच नहीं है। आईआईटी रुड़की का यह कार्यक्रम यूट्यूब पर लाइव प्रसारित हुआ था। नीचे दिए गए लिंक पर ५६:१६- ५७:३५ के बीच वास्तविक वीडियो को देखेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा कि किस तरह से सीएम की छवि खराब करने के लिए वीडियो को गलत ढंग से प्रचारित किया गया।
सोशल मीडिया पर अब लोगों ने सीएम के पूरे बयान को भी शेयर करना शुरू कर दिया है ताकि लोगों को समझ आ सके कि सच क्या है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह के बयान को गलत ढंग से पेश किया गया। जो दावा किया गया वह सच नहीं है। |
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में भाग लेने यहां आए बिड़ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह संकेत दिया कि यदि सरकार से कोई राहत नहीं मिलती है तो उनका समूह कंपनी में कोई भी नया निवेश नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अपने पैसे को बर्बाद करने का कोई औचित्य नहीं है।आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि एजीआर पर यदि सरकार कोई राहत नहीं देती है तो उनकी कंपनी दिवालापन प्रक्रिया के विकल्प को चुनेगी।
टेलीकॉम लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के अलावा जुर्माना और ब्याज के साथ दूरसंचार उद्योग पर १.४ लाख करोड़ रुपए की देनदारी बन गई है। वोडाफोन-आइडिया को इसका लगभग एक तिहाई भुगतान करना है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने भारत सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संबंध में ब्याज और जुर्माने से राहत देने की मांग की है। दूरसंचार उद्योग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका भी दायर की है। |
ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनित शरण को पदोन्नति देते हुए सुप्रीमकोर्ट का जज नियुक्त किया गया है।
जागरण संवाददाता, कटक। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी ओडिशा हाईकोर्ट के ३०वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। इस संबंध में कानून मंत्रालय की तरफ से शनिवार को विज्ञप्ति जारी कर दी गई।
ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनित शरण को पदोन्नति देते हुए सुप्रीमकोर्ट का जज नियुक्त किया गया है। जस्टिस जावेरी पहली बार गुजरात हाईकोर्ट में अस्थाई न्यायाधीश के तौर पर २००४ में नियुक्त हुए थे। इसके बाद वर्ष २००५ में उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वर्ष २०१६ में जस्टिस उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश बनाया गया। जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी ओडिशा हाईकोर्ट के ३०वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर अपना दायित्व संभालेंगे।
शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी को ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति पर अपनी मुहर लगा दी। इससे पूर्व ओडिशा हाईकोर्ट के २९वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस विनित शरण ने २६ फरवरी २०१६ अपना दायित्व संभाला था। |
सीमांध्र बंद का आंशिक असर यू अरे हेरेनेशनलवेडनेस्ड्य, फेब्रुवारी १९, २०१४-१:३३ प्महैदराबाद: आंध्रप्रदेश में वाई एस आर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से लोकसभा में तेलंगाना विधेयक पारित किए जाने के विरोध में सीमांध्र के तेरह जिलों में आज बंद के आह्वान का आंशिक असर रहा।
आंध्रप्रदेश सड़क परिवहन निगम की लंबी दूरी की बस सेवाएं और नगरीय बसें तथा आटो रिक्शा पहले की तरह सड़कों पर दिखे। हालांकि निगम ने लंबी दूरी की कुछ सेवाएं एहतियातन बंद कर दी गई। सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार जरूरत पड़ी तो किसी भी स्थिति में नगर सेवाएं भी बंद की जा सकती है। उधर विभिन्न शहरों में तेदेपा, कांग्रेस और वाईएसआर समर्थकों ने बस डिपों के सामने धरना, प्रदर्शन किया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। जनप्रतिनिधियों के आवासों पर अतिरिक्त बलों को तैनात कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और माहौल शांतिपूर्ण है। |
श्रीनगर: सकीना अख्तर एक ऐसी लड़की जो रिवायत पसंद है, वह सपने देखती है, सपना है भारत के लिए क्रिकेट खेलना। जब उन्होंने यह सपना देखा था तो उनके घर में ही उनका समर्थन करने वाला कोई नहीं था। वह अपनी पसंद के अनुसार आगे बढ़ने में असमर्थ थीं। एक दिन फैसला लिया कि उन्हें किसी हर हल में आगे बढना है। उनके सामने कई सारे मुद्दे थे। इन सबका सामना करते हुए उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय तक की मंजिल तय की। यहां पिछले ८ वर्षों से वह क्रिकेट ट्रेनर हैं। सकीना ने अपनी मेहनत और जिम्मेदारी से कई स्टार खिलाड़ियों को तैयार करने का कारनामा किया है।
योर स्टोरी डॉट कॉम के अनुसार श्रीनगर में मनव्वरबाद से संबंध रखने वाली सकीना के दिल में बस एक ही सपना था, हर समय वह क्रिकेट के बारे में ही सोचती रहती। इसके अलावा उनके मन में कोई दूसरा विचार जगह ही नहीं पाता। आज वह कश्मीर में अकेली महिला क्रिकेट ट्रेनर हैं और १९ साल से कम उम्र की टीम को प्रशिक्षण देती हैं।
सकीना जब बच्ची थी और प्राथमिक स्कूल में पढ़ती थी, तब तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था। इस समय उनके क्रिकेट खेलने पर किसी को आपत्ति नहीं था, लेकिन जब वह मिडिल स्कूल में गईं तो उनका क्रिकेट खेलना बंद हो गया। क्योंकि उस समय उनका क्रिकेट खेलना किसी को भाता नहीं था। कुछ दिन तो ऐसे ही चलता रहा, लेकिन कहते हैं न कि जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है। स्कूल की क्रिकेट टीम में उन्हें जगह मिल ही गई। १९९८ में उन्होंने जिला और फिर स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में उनके खेल का जिक्र होने लगा।
कॉलेज से निकलने के बाद जब वह युनिवेर्सिटी में आईं तो उनके सामने अपना लक्ष्य था। कश्मीर युनिवेर्सिटी में पहले सेमेस्टर के बाद ही उन्होंने शिक्षा अधूरी छोड़ कर वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। यहां उन्होंने बीसीसीआई का ए स्टैण्डर्ड का परीक्षा में सफलता प्राप्त किया। इस परीक्षा के बाद उन्हें कश्मीर स्पोर्ट्स परिषद में काम करने का मौका मिला। युवाओं के कई क्रिकेट शिविर आयोजित किए। वह बताते हैं। |
भोपालः दक्षिण-पश्चिम मानसून के एक बार फिर मध्यप्रदेश में जोर पकड़ने के चलते मंगलवार को अनेक स्थानों पर झमाझम बरसात हुई। राजधानी में सोमवार की रात वर्षा होने के बाद मंगलवार की सुबह वर्षा ने जो गति पकड़ी वह दोपहर तक जारी रही। लगभग ४.३० घंटे की वर्षा में पूरा शहर तरबतर हो गया। भोपाल, होशंगाबाद और बैतूल के अलावा अनेक स्थानों पर हुई बारिश से निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गयी। वर्षा के चलते सुबह से भोपाल-बैतूल मार्ग बंद हो गया। देवास में नदी नाले बहने लगे। झमाझम वर्षा के कारण स्कूली बच्चों तथा कर्मचारियों को भी काफी परिशानियां उठानी पड़ीं। भोपाल में इस साल एक दिन में यह सर्वाधिक बरसात रही।
भोपाल के अनेक निचले हिस्सों में पानी भर जाने से पंचशील नगर क्षेत्र के नाले में बाढ़ के कारण २ बच्चे बहने लगे। एक बालक को वहां मौजूद लोगों ने पकड़ लिया और दूसरा बालक डुकू (४) बह गया, जिसे खोजने के लिए पुलिस, नगर निगम और आपदा प्रबंधन की टीम गोताखोरों के साथ जुट गयीं। नाले में पानी का बहाव काफी तेज था और वह आगे जाकर एक बांध में मिल जाता है। पुल बोगदा इलाके में एक किशोर भी बह गया था लेकिन कुछ ही दूरी पर एक पेड़ का सहारा मिलने से वह बच गया। बाद में कुछ लोगों की मदद से वह सुरक्षित निकल आया।
भोपाल समेत सीहोर, राजगढ़, आगर-मालवा, खंडवा, हरदा, होशंगाबाद, बैतूल, बुरहानपुर, रायसेन, विदिशा, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और सागर जिले में तेज बारिश हुई।
रायसेन जिले में भी कई निचली बस्तियां जलमग्न हो गयीं वहीं बेतवा नदी के पगनेश्वर पुल पर पानी आ जाने से विदिशा-रायसेन राजमार्ग बंद हो गया। जिला भाजपा कार्यालय के सामने पूरा रामलीला मैदान तालाब में तब्दील हो गया है।
बैतूल जिले के नदी-नालों में पानी भर गया। पहाड़ी इलाकों के छोटे नाले और नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गयी। शाहपुर, भौरा इलाके में हो रही तेज बारिश के कारण बैतूल-भोपाल राजमार्ग पर सूखी नदी में बाढ़ से यातायात बंद हो गया। इसके चलते होशंगाबाद और भोपाल से जिले का सड़क संपर्क बंद हो गया।
मौसम विभाग ने आगामी २४ घंटे में राज्य के भोपाल, होशंगाबाद और जबलपुर ३ संभागों के जिलों, पूर्वी क्षेत्र के जिलों के साथ शेष हिस्सों में भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारों की संभावना जाहिर की। |
भारतीय बीमा विनियामक (इंडिया इंश्योरेंस पॉलिसी कम्पनी)और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को आरोग्य संजीवनी बीमा पॉलिसी (आरोग्य संजीवनी पॉलिसी) के तहत अधिकतम पांच लाख रुपये की सीमा से अधिक बीमा सुरक्षा देने की मंगलवार को अनुमति दे दी। इसके लिए उसने संशोधित नियम भी अधिसूचित कर दिए हैं। इरडा के नए दिशानिर्देशों के अनुसार साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के लिए अब एक लाख रुपये की न्यूनतम से कम और पांच लाख रुपये की अधिकतम सीमा से ज्यादा की भी बीमा सुरक्षा दे सकेंगी।
यह बीमा सुरक्षा ५०,००० रुपये के मल्टीपल में होगी। इसके लिए इरडा ने मानक व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा उत्पाद से जुड़े नियमों में संशोधन किया है। पहले इस बीमा पॉलिसी (इंडिया इंश्योरेंस पॉलिसी कम्पनी) के तहत कंपनियों को न्यूनतम एक लाख रुपये और अधिकतम पांच लाख रुपये की बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराने की अनुमति थी। यह बीमा सुरक्षा ५०,००० रुपये के गुणांकों में ही उपलब्ध कराई जा सकती है।
इरडा ने बीमा कंपनियों को इस पॉलिसी को बदलाव के साथ फिर से पेश करने को कहा है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, कम सीमा के साथ मोतियाबिंद जैसे खर्च, दांतों का इलाज, बीमारी या दुर्घटना के कारण जरूरी प्लास्टिक सर्जरी, सभी प्रकार के डेकेयर इलाज, एंबुलेंस खर्च शामिल हैं. आयुष के तहत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती के खर्च, अस्पताल में भर्ती होने से ३० दिन पहले तक का खर्च और अस्पताल से छुट्टी के बाद ६० दिन तक के खर्च को भी कवर किया जाएगा। इरडा ने कहा कि कोई क्लेम नहीं किए जाने पर हर साल के लिए बीमा राशि (बोनस को छोड़कर) को ५ फीसदी बढ़ाया जाएगा। बिना ब्रेक के पॉलिसी का नवीनीकरण होगा।
आरोग्य संजीवनी पॉलिसी (आरोग्य संजीवनी पॉलिसी)की शुरुआत १ अप्रैल २०२० को हुई थी। यह पॉलिसीधारकों की बुनियादी चिकित्सा जरूरतों को कवर करती है। इरडा के निर्देशों के अनुसार, आरोग्य पॉलिसी में बीमाधारकों को पोर्टेबिलिटी की सुविधा मिलती है। यह हेल्थ इंश्योरेंस प्लान एक साल की अवधि के साथ आता है। हालांकि, इस पॉलिसी को जिंदगीभर रिन्यू कराया जा सकेगा। इस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत देशभर में प्रीमियम समान रखा गया है। वार्षिक प्रीमियम पेमेंट मोड के लिए ग्रेस पीरियड के तौर पर ३० दिन की अवधि होगी। पेमेंट के अन्य मोड के लिए ग्रेस पीरियड के तौर पर १5 दिन ही मिलेंगे। |
जिला महोबा ब्लाक कबरई गांव ग्योड़ी। यहां से जिला पंचायत सदस्य के पद का चुनाव आरती साहू ने पांच हजार छह सौ आठ वोटों से जीता है।
आरती साहू पहली बार चुनाव लड़ीं और जीतीं भी। उन्होंने बताया कि इससे पहले तो उन्होंने सोचा भी नहीं था कि वह राजनीति में आएंगी। जीत से खुश आरती साहू ने कहा कि उनकी मेहनत रंग लाई। सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक वह प्रचार करने क्षेत्रों में निकलती थीं।
आरती साहू पढ़ाई एम.ए. एम.कॅाम. और पी.एच.डी. कर चुकी हैं। उन्होंने पढ़कर टीचर बनने की सोची थी। अभी तक वह घर गृहस्थी का काम करती थीं। घरवालों के सहयोग से वह राजनीती के मैदान में आ गईं हैं।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले वो गांव दोबारा से जाकर लोगो की समस्या सुनेंगी । बिजली पानी और सड़क सुधारने के लिए प्रस्ताव विभाग में भेजेंगी। महिलाओं के लिये कुछ खास तो नहीं पर नौजवानों के लिये कुछ खास करने को कहा है। साथ ही कहा कि अगर अध्यक्ष बने तो हो रही लेखपालों द्वारा कमीशन खोरी या घूसखोरी को जरूर दूर कर देंगे। साथ ही जो जनता को पुलिस की बातें और न्याय के लिये चक्कर काटने पड़ते हैं। ये सारी चीजें दूर करने की कोशिश करेंगे। |
हैदराबाद २० मई: गैंगस्टर नईम से संबंध रखते हुए ज़मीनात के मामले में और गैर कानूनी सरगर्मीयों में शामिल रहने वाले नेताओं से मुख्यमंत्री सख्त नाराज हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संजीदगी से जायज़ा लिया जा रहा है।
पता चला है कि टीआरएस के ७ नेताओं की नईम से दोस्ती थी ज़मीनात के मामले के अलावा दुसरे मुजरिमाना सरगर्मीयों में शामिल होने वाले पुलिसकर्मियों और राजनीतिक नेताओं के सारे सबूत के साथ एक रिपोर्ट तैयार कर के मुख्यमंत्री को पेश कर दी है। जिसके बाद ही ५ पुलिसकर्मियों को ससपेंड कर दिया गया।
उनके अलावा अधिक २० से २५ पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी करते हुए उनसे पूछताछ जारी है। बताया कि लिस्ट में ७ और २ सदस्यों विधान परिषद के अलावा २ अन्य नेताए भी मौजूद है। पुलिस के आला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि नईम का एनकाउंटर करने से सरकार को अच्छा नाम आया है। हर तरफ से पुलिस विभाग की प्रशंसा हो रही है। इस मामले में टीआरएस नेताओं के तार गैंगस्टर नईम के साथ मिलने से सरकार की नेकनामी पर सवालिया निशान भी लग रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री इस मसले पर विचार करें।
नईम से संबंध रखने वाले टीआरएस नेताओं पर चीफ़ मिनिस्टर केसीआर सख्त नाराज हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने का जायज़ा लिया जा रहा है। जिन नेताओं पर आरोप हैं वे अतीत में कांग्रेस का हिस्सा थे। |
वाराणसी में दशाश्मेध घाट मार्ग और बाबा विश्वनाथ के निकट ही स्थित है गुरु मंदिर। बताते हैं कि ये मंदिर अति प्राचीन है। इसके महात्मय के चलते इस वृहस्पति मंदिर भक्तों का ताता लगा रहता है। काशी शिवशंकर का निवास स्थान बताया जाता है और वहीं पर बृहस्पति गुरू के मंदिर को भी स्थापित किया गया था। ये मंदिर काशी के सभी मंदिरों से सर्वोच्च स्थान पर स्थापित है।
स्थानीय जानकारों की मानें तो पौराणिक कथा है कि जब महादेव ने काशी को अपनी राजधानी बनाया तब अनेक देवता भी यहां वास करने की इच्छा जताने लगे। सभी ने महादेव से अपने लिए स्थान का अनुरोध किया। तब भोलेनाथ ने निश्चय किया कि वे भगवान वृहस्पति को जो सभी देवों के गुरु है, को अपने निकट स्थान देंगे। महादेव ने काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूर पर उनको स्थान देने का निर्णय करते हुए उन्हें देवों में सर्वोच्च मानकर और नौ ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ होने के चलते उनका मंदिर सभी से ऊंचा बनवाया। |
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायनाड सांसद राहुल गांधी बैंकॉक नहीं बल्कि कंबोडिया गए हुए है। जहां राहुल ५ दिन तक लगने वाले ध्यान शिविर में समय बिताएंगे। वहां से लौटने के बाद राहुल गांधी हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में जुट जाएंगे। इससे पहले सोशल मीडिया में राहुल गांधी के बैंकॉक चले जाने की खबर जोरशोर से वायरल हो रही थी।
दरअसल हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच शनिवार को ब्जप ने राहुल के बैंकॉक जाने का दावा किया था। हरियाणा के ब्जप नेता जवाहर यादव ने ट्वीट करते हुए बताया था कि विधानसभा चुनाव के ठीक १० दिन पहले राहुल गांधी बैंकॉक चले गए। इसके बाद से ही ट्वीटर में बैंकॉक तेजी से ट्रेंड करने लगा था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानी जाए तो कांग्रेस ने राहुल के बैंकॉक जाने की खबर को महज एक अफवाह बताते हुए उनके कंबोडिया में आयोजित ५ दिनों के शिविर में ध्यान लगाने की जानकारी दी है।
गौरतलब है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में २१ अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए कंबोडिया से लौटने के बाद राहुल महाराष्ट्र और हरियाणा में १० अक्टूबर से १९ अक्टूबर के तक चुनावी रैलियों और रोड शोज़ में हिस्सा लेंगे। वहीं कांग्रेस के कई स्टार प्रचारक भी प्रचार अभियान में अपनी भागीदारी देंगे। |
टाइगर वुड्स को कॅरिअर में बेहतर अवसर मिलेगे। इसके अलावा जमीन व वाहन की प्राप्ति होगी। आराम की वस्तुओं का उपभोग करेंगे। उच्च पदों से सहयोग मिलेगा और टाइगर वुड्स के पद व मान में बढोत्तरी होगी। टाइगर वुड्स की इच्छाओं की पूर्ति होगी।
जन्म कुंडली टाइगर वुड्स के जन्म के समय आसमान का लिया गया चित्र है जन्म-कुंडली जन्म के समय का आकाशीय मानचित्र है। टाइगर वुड्स की कुंडली आपको बताएगी टाइगर वुड्स के जन्म के समय की ग्रहीय स्थिति, दशा, राशि कुंडली और राशि आदि। यह शोध-कार्य के लिए आपको टाइगर वुड्स की विस्तृत कुंडली एस्ट्रोसेज क्लाउड में खोलने की सुविधा भी देगा। |
मधुमक्खियों को लेकर हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया कि वह अपने घरों का निर्माण खास तकनीक से करती हैं। घरों को इस तरह बनाती हैं कि गर्मी में भी उससे ठंडक का अहसास होता है।
मधुमक्खियां घने छत्तों में एक साथ रहती हैं, फिर भी इनको गर्मियों में खुद ठंडक का अहसास मिलता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता बताते हैं कि दरअसल, मधुमक्खियां अपने छत्ते का निर्माण ही कुछ इस प्रकार करती हैं कि जिससे गर्मियों में वह हवादार बना रहता है।
शोधकर्ता बताते हैं कि जब मधुमक्खियों को ऐसा लगता है कि छत्ते के भीतर गर्माहट आ गई है या छत्ता अंदर से काफी गर्म हो गया है तो कुछ मधुमक्खियां छत्ते के प्रवेश द्वार या छिद्रों के पास चली जाती हैं और अपने पंखों को फड़फड़ाने लगती हैं जैसे कि पंखा चल रहा हो। इस प्रकार वे अंदर की गर्मी को बाहर निकाल देती हैं। यह शोध-पत्र जर्नल ऑफ रॉयल सोसायटी इंटरफेस में प्रकाशित हुआ है। |
अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जो तेलंगाना में आठ सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और ७ दिसंबर के चुनावों में टीआरएस का समर्थन कर रहे हैं, इन चुनावों के आसपास के मुद्दों के बारे में लिज़ मैथ्यू से बात के मुख्य अंश ।
आप एआईएमआईएम और टीआरएस के प्रदर्शन के बारे में कितने आश्वस्त हैं, जिन्हें आपने सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है?
मुझे पूरा भरोसा है कि दोनों पार्टियां अच्छी तरह से काम करेंगी। न केवल हम अपने सात विधानसभा क्षेत्रों को बनाए रखेंगे, हमारे तालमेल में वृद्धि होगी। मुझे यह भी यकीन है कि तेलंगाना के लोग एक बार फिर चंद्रशेखर राव को आशीर्वाद देंगे और उन्हें मुख्यमंत्री बना देंगे।
आप संसद में जो कहते हैं और बाहर की राजनीतिक चाल के बीच अंतर है। आप वहां भाजपा पर हमला करते हैं, लेकिन बाहर ऐसे कदम उठाते हैं कि पार्टी को चुनावी परीक्षणों में मदद करेंगे। ऐसा क्यों हैं?
बीजेपी का विरोध करने का मतलब यह नहीं है कि मुझे संघर्ष नहीं करना चाहिए, इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे अपनी पार्टी का विस्तार नहीं करना चाहिए और इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे पार्टी के अधीन होना चाहिए जो अब तक धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हमें धोखा दे रहा है, यानी कांग्रेस। तो पूरे तर्क में कि आप केवल धर्मनिरपेक्ष हैं यदि आप कांग्रेस के साथ हैं तो कोई मेटर नहीं है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। बिहार में, मैंने २००-विषम सीटों में से केवल छह में चुनाव लड़ा था। तर्क स्वयं गलत है।
दूसरा, जहां भी हमने चुनाव में भाग नहीं लिया, कांग्रेस हार गई है दिल्ली, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, सूची लंबी है। हमें विचारधारा के कारण बीजेपी का विरोध करना पड़ सकता है। लेकिन देश में पूरी बहस यह है कि ऐसा क्यों है कि कोई भी राष्ट्रवादी हो सकता है अगर वह भाजपा का समर्थन कर रहा है और धर्मनिरपेक्ष वह है जो कांग्रेस के साथ है। लोगों की एक बड़ी संख्या इससे सहमत नहीं है, खासकर क्षेत्रीय दलों और मेरे जैसे पार्टियां। हमें लगता है कि हमें एक स्वतंत्र कार्यवाही का सामना करना चाहिए और यही वह है जो हम कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले टीआरएस भाजपा के करीब आने के बारे में बात हो रही है। यदि ऐसा होता है, तो क्या यह आपकी पार्टी के लिए शर्मिंदगी या समस्या होगी?
जहां तक विधानसभा चुनावों का सवाल है, यह सवाल ही नहीं उठता। वास्तव में यहां कोई बीजेपी नहीं है, वास्तव में, वे अपनी पांच सीटों में से कुछ खो देंगे। कांग्रेस से यह सवाल कोई क्यों नहीं पूछ रहा है क्या आप १०० या १२० सीटें पार करने जा रहे हैं? आपको १२० सीटें मिलती हैं और गेम खत्म हो गया है। पूरे तर्क कि हम, चाहे वह मुझे या टीआरएस है, कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। पर क्यों? कांग्रेस क्यों नहीं दे सकती? यह कांग्रेस की कमजोरी और विफलता के कारण है कि बीजेपी सत्ता में है। कांग्रेस के नेताओं से यह सवाल पूछा जाना चाहिए।
मध्यप्रदेश में, कांग्रेस ने केवल तीन मुस्लिम टिकट दिए हैं। फिर उसके एक नेता का कहना है कि आपको ९० प्रतिशत वोट देना होगा। आप एक ऐसे राज्य में तीन सीटें देते हैं जहां मुस्लिम ८-९ प्रतिशत हैं। मेरा तर्क यह है कि हम आपके लिए वोट देने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। मेरा पूरा संघर्ष राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए है, क्योंकि जब तक कि यह समाज, वर्ग, समूह का एक वर्ग नहीं है, आप राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, आपके मुद्दों और विकास को बिल्कुल संबोधित नहीं किया जाता है। यह कांग्रेस और बीजेपी का पाखंड है।
बीजेपी एक सीट (एमपी में) और कांग्रेस तीन देती है। पूरे मध्यप्रदेश में, आपके पास सिर्फ चार मुस्लिम चुनाव लड़ रहे हैं। मैंने राहुल गांधी को उद्धृत करते हुए एक समाचार पत्र में एक लेख में पढ़ा कि उनकी पार्टी हिंदुओं के साथ है। अगर मैं इसी बात को अलग तरीके से कहता हुं, तो राष्ट्रवादी मुझे कत्ल कर देने की बात करते हैं। चूंकि राहुल गांधी ने कहा, जनउ-धारी हिंदू सही है। सौभाग्य से या दुर्भाग्य से, मैं वर्ण प्रणाली का हिस्सा नहीं हूं। तब मुझे कहाँ जाना चाहिए?
मंदिरों में जाने के साथ कांग्रेस के नए अवतार पर आपका क्या विचार है?
भारत एक ऐसा देश है जहां हम सभी धर्मों का जश्न मनाते हैं, और यहां तक कि वे लोग जो धर्म स्वीकार नहीं करते हैं। लेकिन कहने के लिए कि इस देश में केवल एक ही धर्म है, और जब तक आप इसका पालन नहीं करते हैं, तब तक आप सामाजिक रूप से प्रगति नहीं कर सकते हैं, मैं उस तर्क को नहीं मानता हूं। कांग्रेस ने स्वयं अपने नेता को जनउ-धारी हिंदू कहा है। यदि वह एक जनेउ-धारी हिंदू है, तो वर्ण प्रणाली के बाहर एक बड़ा हिस्सा है। उनके साथ क्या होगा?
आप मुझे बीजेपी और खुद के बीच का अंतर दिखाते हैं। यदि आप भाजपा को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उनका पालन करें, आप मोदी (पीएम नरेंद्र) की दर्पण छवि बनने की कोशिश कर रहे हैं, तो लोगों के पास क्या विकल्प है?
२०१९ के चुनावों पर आपका अलगा कदम क्या है?
तेलंगाना में, टीआरएस के लिए आपकी पार्टी कितनी निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित करती है और स्विंग कर सकती है?
मेरी पार्टी के नेता के रूप में, मैं हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए कहूंगा। यह प्रजकुट्टामी ईस्ट इंडिया कंपनी २०१८ के अलावा कुछ भी नहीं है। एन चंद्रबाबू नायडू, अमरावती में बैठे हैं, और दिल्ली में बैठे कांग्रेस, तेलंगाना में भाग्य के स्वामी नहीं बन सकते हैं। यह एक नवनिर्मित राज्य है और हमें अभी भी पड़ोसी तेलुगू राज्य के साथ समस्याएं हैं। जहां तक सिंचाई परियोजनाओं का सवाल है, वहां एक बड़ी समस्या है, और आंध्र प्रदेश ने कई सिंचाई परियोजनाओं का विरोध किया है। यदि पड़ोसी राज्य से नायडू द्वारा बैकरूम रिमोट कंट्रोलिंग किया जाता है, तो मुझे नहीं लगता कि लोग इसके लिए तैयार हैं।
आपने कहा कि एक कांग्रेस नेता ने रैली रद्द करने के लिए आपके लिए २५ लाख रुपये की पेशकश की थी?
उपलब्ध ऑडियो में कांग्रेस उम्मीदवार भैंसा नगर पालिका के उपाध्यक्ष की अवाज में बात कर रहे थे जो मेरी पार्टी के सदस्य हैं. वह कह रहे हैं कि निर्मल निर्वाचन क्षेत्र का उम्मीदवार मेरे साथ बैठा है और मुझे ओवैसी साब को बताने के लिए कह रहा है कि हम आपको २५ लाख रुपये देंगे अगर निर्मल सार्वजनिक बैठक को रोक दें। इससे पता चलता है कि आप नहीं चाहते कि मैं एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करूं, इसलिए आप मुझे पहले एक सांप्रदायिक व्यक्ति कहते हैं, फिर आप कहते हैं कि वह भाजपा के साथ सहवासियों में है और जब यह काम नहीं करता है, तो आप कहते हैं कि हमारे पास पर्याप्त पैसा है, आप इसे लेते हैं । यह पार्टी का अहंकार है। १९९८ से २०१२ तक, मैं कांग्रेस के साथ था। क्या मैंने आपसे कुछ पूछा था? वैसे भी, आप का खुलासा किया गया है।
कश्मीर में विकास पर आप कैसे प्रतिक्रिया करते हैं? |
लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश की आठ सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत सोमवार से हो रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने बताया कि प्रथम चरण की आठ सीटों का नामांकन आज से शुरू हो जाएगा। प्रत्याशियों को नामांकन के लिए सिर्फ चार दिन ही मिलेंगे।
लू ने बताया कि २० व २१ मार्च को होली का अवकाश रहेगा। जबकि २३ मार्च को शनिवार व २४ मार्च को रविवार का अवकाश रहेगा। इसी कारण पहले चरण के चुनाव के उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच २६ मार्च तक होगी। २८ मार्च को दोपहर ३:०० बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर सीटों पर लोकसभा चुनाव होने हैं। |
जालोर. साइकिलिस्ट नरपत सिंह राजपुरोहित के जालोर पहुंचने पर शहर के राजपुरोहित हॉस्टल में समाजबंधुओं ने स्वागत किया। नरपतसिंह राजपुरोहित बाड़मेर के लंगेरा कोजाणियो कि ढाणी के रहने वाला है। जो २७ जनवरी को जम्मू एयरपोर्ट से साईकिल यात्रा पर रवाना हुए थे। यात्रा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी,उतराखंड व राजस्थान के १२ जिले में हो गई है। पर्यावरण प्रेमी साईकिलिस्ट नरपतसिंह ने अभी तक ६ वर्षो में ८३ हजार से ज्यादा पौधे लगा चुका है। विरमसिंह लंगेरा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की पहल करते हुए इन्होंने अपनी ***** की शादी में दहेज के रूप में २५१ पौधे दिए थे। इस मौके इन्द्रसिंह भागली, महिपालसिंह चाड़वास, खेतसिंह बावतरा, ओमसिंह बावतरा, विक्रमसिंह सिणेर, डायालाल इटवाया व ईश्वरसिंह बावतरा समेत अन्य मौजूद रहे।
आहोर. पंचायत समिति परिसर में जल शक्ति अभियान के तहत सघन पौधरोपण करने को लेकर बुधवार को अधिकारी व कार्मिकों की ओर से विभिन्न कार्य किए गए। पौधरोपण के लिए पंचायत समिति परिसर में गड्ढे खुदवाए गए, वहीं श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। पंचायत समिति परिसर में सहायक लेखाधिकारी देवाराम लखारा व लालसिंह राजपुरोहित, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कुंदनमल दवे के नेतृत्व में गड्ढे खुदवाए गए। वहीं अधिकारी व कार्मिकों की ओर से श्रमदान कर साफ सफाई की गई। इस मौके पर पंचायत प्रसार अधिकारी कुंदनसिंह राठौड़, नैनमल भट्ट, कनिष्ठ सहायक भरत शर्मा, कनिष्ठ तकनीकी सहायक रविन्द्रसिंह राठौड़, रितेश सक्सेना, लेखा सहायक जोराराम समेत कई जने मौजूद थे। |
सिहोरा जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. प्रवीण चौबे को कलेक्टर छवि भारद्वाज ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसे तामील करने की जिम्मेदारी सीएमएचओ की है। उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाने अनुशंसा की है, जिसे हेल्थ कमिश्नर को भेजा है।
कलेक्टर छवि भारद्वाज ने सिहोरा जिला अस्पताल का गुरुवार को निरीक्षण किया था। इस दौरान वहां उन्होंने देखा कि अस्पताल में काफी धांधली चल रही है। संबंधित डॉक्टर मनमाने तरीके से ड्यूटी पर आ रहे हैं। उनकी शिकायत भी की गई। इससे कलेक्टर ने नाराजगी जताई।
कलेक्टर छवि भारद्वाज का कहना है कि जबलपुर से सिहोरा जाकर ड्यूटी नहीं की जाएगी डॉक्टरों को सिहोरा में ही नियमित रहना होगा। इसके लिए डॉक्टरों की पदस्थापना की जाएगी।
डॉक्टर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसे हेल्थ कमिश्नर के पास भेजा है। इसके अलावा कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसे तामील की जिम्मेदारी सीएमएचओ की है।
डॉ. प्रवीण चौबे को नोटिस दिया जा रहा है। उनसे जवाब मांगा जाएगा। |
डकार आने की तरह ही गैस पास होना भी एक सामान्य प्रक्रिया है, जो पाचन का हिस्सा है। पर अगर जरूरत से ज्यादा गैस बनने लगे तो आपको अपने आहार में जरूरी बदलाव करने चाहिए।
भोजन ग्रहण करने से लेकर पचाने तक एक लंबी और पेचीदा प्रक्रिया है। इसमें गैस बनना एक सामान्य बात है। जो डकार या गैस के रूप में बाहर निकल जाती है। हर व्यक्ति को गैस बनती है जिसे वह गुदा द्वार से बाहर करता है। पर अगर यह इतनी ज्यादा बनने लगे कि आपको शर्मिंदा होना पड़े तो इसका अर्थ है कि आपके खाने और खाना खाने के तरीके में कुछ गलतियां (एसिडिटी कास) हैं। इन्हें सुधारने की जरूरत है।
जब हम भोजन करते हैं तो वह एनर्जी में तब्दील होने से पहले बर्न होता है। जिसे भोजन का टूटना या जलना कहा जाता है। भोजन में फाइबर, विटामिन के साथ कुछ मसाले भी होते हैं। जो भोजन को बर्न करने में मदद करते हैं। इसी प्रक्रिया में कुछ रसायन (ब्लोटिंग कास) भी पैदा होते हैं। यदि यह पेट से उपर के हिस्से में बने हैं तो यह डकार के रूप में बाहर निकलते हैं। पर अगर इनकी मौजूदगी आंत के भीतर है तो यह गैस के रूप में बाहर निकलते हैं। यह एक सामान्य और जरूरी प्रक्रिया है।
एक सामान्य व्यक्ति सामान्यत: दिन भर में १४ बार गैस पास करता है। यह उसके चयापचय और बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। कुछ लोगों को खाना खाने के बाद पेट फूलने की समस्या होती है। यह तभी होती है जब पेट के भीतर बनी हुई गैस यानी दाखिल हुई हवा किसी भी तरह से बाहर नहीं निकल पाती। इससे पेट दर्द, सिर दर्द जैसी कई समस्याएं भी हो सकती हैं।
अगर आपको सामान्य से ज्यादा गैस बनने लगी है तो इसका अर्थ है कि आपका खाना खाने का तरीका यानी ईटिंग हेबिट सही नहीं है। बहुत जल्दी-जल्दी खाना खाने, खाना खाते वक्त बहुत ज्यादा बाद करने, बिना ठीक से चबाए हुए खाना खाने से पेट में ज्यादा गैस बनने की समस्या हो सकती है। कुछ लोग टीवी देखते हुए खाना खाते हैं। यह खाना खाने का सबसे गलत तरीका है। इससे आपको यह पता ही नहीं चल पाता कि आपको भूख कितनी थी और आपने कितना खाना खाया।
अगर आप छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत ज्यादा तनाव लेते हैं तो आपको पेट में ज्यादा गैस बनने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। तनाव के कारण हमारे मस्तिष्क से जो हॉर्मोन रिलीज होते हैं, वे हमारे मेटाबॉलिज्म को बहुत गहरे से प्रभावित करते हैं। जिससे खाना ठीक से पच नहीं पाता और कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
अगर आप देर से सोते हैं और देर से उठते हैं तो आपको पाचन संबंधी परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा। हमारे पाचन तंत्र पर सूर्य की रोशनी का बहुत प्रभाव पड़ता है। दिन ढलने के साथ ही पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है और तनाव बढ़ाने वाले हॉर्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि हम खुद को आराम दें। इसके उलट अगर हम रात बारह बजे के बाद भी जागते रहते हैं तो पेट में गैस बनने लगती है। यह सिर्फ एक दिन की समस्या नहीं है। इसका असर अगले कई दिनों तक रह सकता है। इसलिए अपनी नींद का समय निश्चित करें।
एक जैसा शरीर होने के बावजूद सभी का मेटाबॉलिज्म रेट अलग-अलग होता है। इसलिए जो फूड एक को सूट करता है, जरूरी नहीं कि दूसरे को भी सूट करे। सजग होकर भोजन ग्रहण करें और उस आहार की पहचान करें जिसके कारण आपके पेट में ज्यादा गैस बनती हैं। छोले, राजमा, गोभी, उड़द दाल ये कुछ ऐसे आहार हैं जो कुदरती रूप से ज्यादा गैस बनाते हैं। इसके अलावा फास्ट फूड, डीप फ्राइड चीजें, ज्यादा मसालें भी पेट में गैस बनाते हैं। इन्हें अपनी क्षमता के अनुरूप ही खाएं। |
पुरानी कहावत है कि पैसा ही पैसे को खींचता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके घर में पैसों की तंगी न हो और आप अधिक पैसों को कमाएं, तो कुछ छोटे-छोटे उपाय करके देखिए। इससे न सिर्फ आपके घर में पैसों की तंगी दूर होगी, बल्कि व्यापार आदि में बरक्कत भी होगी। अपने कीमती सामान, आभूषण और पैसों को हमेशा पूर्व दिशा में रखी हुई तिजोरी में रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा में कुबेर का निवास स्थान माना जाता है, इसलिए पूर्व दिशा में तिजोरी को रखना शुभ माना जाता है।
अपना कीमती सामान, पैसे आदि को कभी पश्चिम दिशा में न रखें क्योंकि इससे नकारात्मकता आती है और ऐसा करना वास्तुशास्त्र में अच्छा नहीं माना जाता है। हर किसी के घर में अलमारी होती है, जिसमें वे कपड़े और कीमती सामान रखते हैं। इसे आप दक्षिण दिशा में ऐसे रखें कि उसका मुंह उत्तर दिशा में खुले। ऐसा करने से हमेशा घर में पैसा आता रहेगा। सीढ़ियों के नीचे तिजोरी रखना शुभ नहीं होता है।
वैसे तो कोशिश करें कि पूरे घर में कहीं भी जाला नहीं लगे। मगर, खाततौर पर जिस कमरे में तिजोरी रखी है या कीमती सामान रखते हैं, उसमें इस बात का खास ख्याल रखें कि वहां जाला नहीं लगने पाए। इसके साथ ही उस कमरे में जाला भी नहीं लगने दें। इससे निगेटिव एनर्जी आती है, जो आपके घर की बरक्कत को खत्म कर देती है।
कहते हैं- 'जहां सुमति, तहां संपति नाना, जहां कुमती तहां विपति निधाना'। यानी यहां घर-परिवार में प्रेम होता है, बड़ों का आदर और छोटों को प्रेम मिलता है, उस घर में हर तरह की संपति का सुख मिलता है। वहीं, जिस घर में क्लेश होते हैं, वहां कई तरह की विपत्तियां घेर लेती हैं। इसलिए घर में शांति बनाए रखें, सुख-संपत्ति अपने आप घर में आने लगेगी। इस काम में क्रिस्टल बॉल्स आपकी मदद कर सकती है। माना जाता है कि क्रिस्टल बॉल्स आसपास की नेगेटिव ऊर्जा को अपने भीतर समा लेती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। अगर आपके घर में अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं तो आपको अपने घर के लिविंग रूम में क्रिस्टल बॉल्स को रखना चाहिए। अगर आपके साथी से आपकी अनबन चल रही है तो बेडरूम में क्रिस्टल बॉल को रखें, लेकिन ध्यान रहे कि इस क्रिस्टल बॉल को दिन में तीन बार क्लॉक वाइज घुमाएं। तभी इसका पूरा लाभ मिलेगा।
इसे आर्थिक दृष्टि से भी अच्छा माना जाता है। व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है या मनोवांक्षित सफलता नहीं मिल रही है, तो रंग बिरंगी क्रिस्टल बॉल ऑफिस या फेक्ट्री की उत्तर पश्चिम दिशा में रख दें। इससे व्यापार तेजी से बढ़ेगा। |
उप्तत ७२८२५ लाटेस्ट न्यूज तोडे: हम सब को पता है कि रुपी ईश्वर दीपक मिश्र जो जज हे उनके कोर्ट में हमारा भविष्य पूर्ण रूप से सुरक्षित नजर आ रहा है।लेकिन जो पिछला आर्डर जज सहब ने हमसे लिखवाया हे हम खुद नही जानते की उनके मन में क्या चल रहा हे अगर देखा जाये तो एक तरफ उनका मानना हे कि ७२८२५ रिक्रूटमेन्ट हम से बस एकदम दूर है लेकिन अगर दूसरी तरफ देखा जाये तो वो बसे ऑफ सेलेक्शन लेकर बैठे हुये है। साथियो में हम में कहता हु की एक बार फिर आप लोगो को तेयार होना होगा ।रविवार को फिर से आप को ब्लॉक स्तर पर मीटिंग रखनी होगी ।अब समय देखा जाये तो हमारे पास ज्यादा नही बचा हे ।
७ डिसेंबर आते ही हमे अपने पुरे जीवन की लड़ाई जितनी होगी और इसके बाद हम फिर चेन से जी सकेंगे ।ये लड़ाई हम सब की है जो हमे जितनी हे, और इसे जितने के लिए हम सब को ही लड़ना पड़ेगा । इसी कारण दोस्तों सतर्क हो जाइये,आप की ज़िन्दगी आप का इन्तेजार कर रही हे जो बहुत अच्छी हे। दोस्तों अगर देखा जाये तो ७ डिसेंबर के दिन नागेश्वर राव ही हे जो एक बहुत अच्छे अधिवक्ता है।राव अधिवक्ता भारत में टॉप १० के अधिवक्ताओ में आते है। |
भारतीय टीम नंबर ४ के बल्लेबाज के लिए काफी समय से जूझ रही है। विश्व कप के सेमीफाइनल में टीम के हार की वजहों में यह भी शामिल था। टॉप तीन बल्लेबाजों के जल्दी आउट होने के बाद भारत के पास पारी संभालने वाला बल्लेबाज नहीं था। विश्व कप के बाद से ऋषभ पन्त यहाँ खेल रहे थे, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में टीम मैनेजमेंट ने श्रेयस अय्यर को मौका दिया।
श्रेयस अय्यर ने इससे पहले वनडे क्रिकेट में कई बेहतरीन पारियां खेली थी लेकिन टी-२० में ऐसा नहीं कर पाए थे। नागपुर में जब उनका खाता नहीं खुला था तभी बांग्लादेश ने उन्हें जीवनदान दे दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी पारी में पीछे मुड़कर नहीं देखा। केएल राहुल के पिच पर रहने तक उन्होंने सिर्फ स्ट्राइक रोटेट किया।
१५वें ओवर की पहली तीन गेंदों पर उन्होंने अफीफ हुसैन को लगातार तीन छक्के जड़ दिया। इसके बाद मैच में भारतीय पारी को गति मिल गयी और टीम १७५ तक पहुंचे में सफल रही।
अय्यर ने ३३ गेंदों में ६२ रनों की पारी खेली। इसमें तीन चौके और ५ छक्के भी शामिल थे। उनके अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज छक्का नहीं लगा पाया। |
बच्चों के लिए ऊर्जा युक्त आहार, किड्स एनर्जी रीछ रेसिपे इन हिन्दी: बच्चे बहुत चंचल होते हैं, हमेशा यहां और वहां घूमते रहते हैं। इसलिए उन्हें खाद्य पदार्थों की अधिक आवश्यकता होती है जिससे उनकी ऊर्जा शक्ती की मात्रा अधिक बढानी चाहिए। जिन बच्चों में ऊर्जा की मात्रा कम होती है, वह बच्चे कमजोर और सुस्त हो जाते हैं। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि बच्चों को पर्याप्त पोषक तत्वों से अधिक ऊर्जा मिलती रहे। बच्चे बहुत कम खाते हैं जिससे उन्हें कम शक्ती प्राप्त होती है। उनके भोजन के साथ ऊर्जा की मात्रा बढ़ाने के लिए और उनकी भूख को तृप्त करने के लिए अधिक ऊर्जा और समृद्ध खाद्य पदार्थों का प्रयोजन कीजिए जो कैलोरी में उच्च हो। नीचे दिए गए नुस्खा संग्रह से बच्चों की ऊर्जा बढाने की रेसिपी के साथ उनके खेल में भी अधिक उत्साह बढाइए।
स्वस्थ ओट्स और एप्पल पॉरीज यह बच्चों को सुबह के नाश्ते के रूप में उतत्म आहार है। एक बार जब आपके बच्चे राजमा पालक चीज़ पराठा का स्वाद लेते हैं तो आप आश्चर्यचकित होंगे कि उनकी पसंदीदा सामग्री की सूची में सबसे उपर होते है। हरी मटर और स्प्रिंग प्याज सैंडविच बच्चों को ब्रेकफास्ट जरूर पसंद आएगी जिसमें कार्बोहाइड्रेट समृद्ध मात्रा में उपलब्ध होता है।
नारियल चिया पुडिंग में मिले-जुले फल और अखरोट आपके बच्चों को सक्रिय करने के प्रर्याप्त माध्यम है। ज्यादातर बच्चे सब्जियां खाने से इनकार करते हैं, विशेष रूप से गाजर आप इस कॅरट केक को ऊर्जा और बीटा कैरोटीन से भरे अपने बच्चों के लिए एक स्वस्थ नुस्खा बना सकते हैं जो आंखों के लिए अच्छा है। प्रत्येक बच्चे को चॉकलेट बेहद पसंद आते हैं और आप चॉकलेट को ओट्स और अखरोट के साथ मिलाकर चॉकलेट अखरोट बॉल्स बना सकते है।
गोभी और पनीर ग्रील्ड सैंडविच अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस और थायमिन जैसे ऊर्जा बढ़ाता है। बनाना फ़ोल्डर्स बच्चों को उनके स्कूल के बाद या छुट्टी के दिनों में अन्य स्नैक्स के साथ परोसें, और उन्हें स्वेच्छा से जंक फूड के खाने से प्रतिबंध लगाए। सभी भोजन में प्रोटीन देने का प्रयास करें। स्प्राउट्स-एंड-कॉर्न-चटपाटा-चाट प्रोटीन से समृद्ध स्नैक एक बेहतरीन विकल्प का बड़ा उदाहरण है।
अनानास केला योगहार्ट पेय खट्टा-मिठा स्वाद का एकदम सही मिश्रण है जो आपके बच्चों को स्वाद मे स्वादिष्ट और यह सुनिश्चित करता है जो बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस का एक अच्छा स्रोत है। आप अपने बच्चों को बीटा कैरोटीन और कैल्शियम बढ़ाने के लिए पपीता ग्रीन एप्पल और ऑरेंज स्मूदी दीजिए। यह एक ग्लास में भोजन की तरह है और न केवल तृप्त करता है बल्कि बहुत पौष्टिक और शक्ती प्रदान करता है। एक और अनूठा पेय कैरीबियाई कैलिस्पो है जो वास्तव में प्रोटीन, फाइबर, बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम की उत्कृष्ट मात्रा में परिपूर्ण है। |
९वीं से १२वीं तक के सभी सब्जेक्ट टीचर्स को बोर्ड के एग्जामिनेशन पोर्टल पर करें रजिस्टर।
पटियाला. सीबीएसई बोर्ड एग्जाम में १०वीं अौर १२वीं के पेपर चेक करने का मौका सिर्फ अनुभवी अध्यापकों को दिया जाएगा। आम तौर पर पेपर चेकिंग के लिए एग्जामिनेशन सेंटर्स में ड्यूटी देने के लिए स्कूल अपने रेगुलर और अनुभवी टीचर्स भेजने में आनाकानी करते हैं। वह नॉन रेगुलर और नए टीचर्स को पेपर चेक करने को भेजते हैं।
स्कूलों की मनमर्जी के कारण सेंटर्स में एक तो पेपर चेकिंग में देरी होती है, दूसरा सेंटर्स को स्कूलों द्वारा भेजे नॉन रेगुलर और नए टीचर्स से पेपर चेक कराने के लिए समझौता करना पड़ता है। अब ऐसा नहीं चलेगा। सीबीएसई ने आदेश दिए हैं कि पेपर चेक करने के लिए रेगुलर या अनुभवी अध्यापक भेजने होंगे। ऐसा करने वाले स्कूलों की एफिलिएशन रद्द कर दी जाएगी। बोर्ड ने कहा कि सभी स्कूल पक्का करें कि ९वीं से १२वीं तक के सभी सब्जेक्ट टीचर्स को सीबीएसई के एग्जामिनेशन पोर्टल पर रजिस्टर करें ताकि टीचर्स का डाटाबेस बन सके। जिन टीचर्स की ड्यूटी एग्जामिनेशन में बोर्ड लगाएगा, उन्हें तत्काल रूप से रिलीव करें। उन टीचर्स को पहले से आइडेंटिफाई कर लें, जो कि एग्जामिनेशन ड्यूटी वाले टीचर्स की जगह पढ़ाएंगे ताकि एग्जामिनेशन ड्यूटी वाले टीचर्स का फोकस फेयर चेकिंग हो। साथ ही सभी टीचर्स को सीबीएसई की प्री इवेल्युएशन मैंडेटरी ट्रेनिंग में हिस्सा लेना होगा।
बोर्ड ने कहा कि सेंटर द्वारा एग्जाम कंडक्ट कराने से लेकर पेपर चेकिंग तक में एग्जामिनेशन सेंटरों को सहयोग करना होगा। बोर्ड ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि एग्जामिनेशन में फेयर चेकिंग हो सके, इसके लिए हर स्कूल को अपनी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। एग्जामिनेशन सेंटरों के साथ सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एफिलिएशन बायलॉज के सेक्शन १७.२(ए) के मुताबिक अगर कोई स्कूल एडमिशन या एग्जामिनेशन या किसी भी एरिया में गलत व्यवहार करता है तो बोर्ड तत्काल रूप से स्कूल की एफिलिएशन वापस ले सकते हैं। |
दसवीं व आठवीं बोर्ड की परीक्षाएं गुरुवार को निर्धारित केंद्रों पर शुरू हुई। गांव महमदपुरा में परीक्षा केन्द्र पर कक्षाओं में परीक्षार्थियों की बैठक व्यवस्था को लेकर लोगों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया।
उनका आरोप था कि परीक्षा केन्द्र पर नियम विरुद्ध तरीके से परीक्षार्थियों को अलग अलग कमरों में बिठाया गया है। वही कस्बे के राउमावि में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों ने अभी तक काम करना शुरू नहीं किया है।
महमदपुरा के परीक्षा केन्द्र पर लोगों का आरोप था कि सरकारी स्कूलों की ओर से अपने विद्यालय के परीक्षार्थियों को अलग कक्षों में व निजी विद्यालय के परीक्षार्थियों को अलग कक्ष में बिठाया गया।
वही परीक्षा केन्द्राधीक्षक सीताराम गुप्ता ने बताया कि परीक्षा केन्द्र पर बैठक व्यवस्था नियमों के अनुसार ही की गई है। निजी विद्यालय संचालकों की ओर से अनावश्यक विवाद पैदा किया गया है।
राउमावि के केंद्राधीक्षक मनमोहन भारद्वाज ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर बोर्ड की ओर से लगाए गए सीसीटीवी कैमरों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। अभी तक कैमरे चालू नहीं हो पाए हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। |
इंटरनेट डेस्क : गर्मियों में अक्सर कई लोग बिना मोजों के ही जूतें पहनना प्रिफेयर करते है ताकि वह खुद के पैरों को आरामदायक फील करवा सकें तो कुछ लोग स्टाइलिश दिखने के चक्कर में ऐसा करते है। अगर आप भी ऐसा ही कुछ खुद को इस तरह से दिखाने के लिए करते है तो हो जाएं सावधान क्योंकि आपकी इस तरह की गलती आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है।
जैसा की आपको पता है की गर्मी के मौसम में पैरों में बेहद पसीना आता है अगर हम पैरों में मौजे नही पहनते है तो बिना मौजों के ये सारा पसीना जूतों में आसानी से नहीं सूख पाता है। और पैरों में नमी बनी रहती है नमी रहने से धूल तो पैरों में चिपकती है साथ ही बैक्टीरिया भी पैरों में पनपते है, जिससे एथलीट फुट जैसी परेशानिया पैदा हो जाती है।
पैरों में छाले जैसी दिक्कत हो जाती है बिना मौजो के लेदर और सिंथेटिक लेदर के जूते पहनने से हवा जूते के अंदर नहीं जा पाती है जिसकी वजह से धूल, पसीना और गंदगी पैरों में इकट्ठी होती है जिससे पैरों में इंफेक्शन जैसी परेशानियां पैदा हो जाती है । और पैरों में छाले पड़ जाते है।
त्वचा संबधी रोगों से खुद को बचाने के लिए सबसे पहले हमेशा मोजों के साथ ही जूते पहनें, इसके अलावा आप जूते पहनने से पहले पैरों के तलवों को सूखाकर एंटीपर्सिपरेंट स्प्रे पैरों में होने वाली खुजली और दर्द की परेशानी इंग्नोर हो सकता है ये आपके जूतों की वजह से हो।
मोजो को अगर पहन रहे है तो इस बात का ध्यान रखें की ज्यादा टाइट मोजे ना पहने इससे पैरों की नसें दबती है और आपके ब्लड सर्कुलेशन पर इसका असर होता है जो आपके रक्त संचार को ठीक तरह से नही होने देता है।
सही फिटिंग के जूते पहनना आपके लिए बेहद कारगार है। कई लोग स्टाइल और पैसे बचाने के चक्कर में ऐसे जूतें पहनते है जिन्हे पहनकर चलने से आपको दिक्कत होती है इस तरह के जूतें आपके लिए नुकसानदयाक हो सकते है।
गर्मी में खुद के पैरों को फंगल इंफेक्शन की परेशानी से बचाने के लिए आप जूतों को ढील करके पहने है और मोजे भी सही साइज के पहने है जो आपके पैरों के लिए आरामदायक होने के साथ पैरों में किसी भी तरह की परेशानी नही होने देंगे। |
नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेता ओमपुरी के बयान की चारो तरफ निंदा की जा रही हैं। वही बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने ट्वीट कर दुख जाहिर किया तो दूसरी ओर यूपी के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल ने ओमपुरी के बयान को शर्मनाक बताया और कहा कि ऐसे लोगों को गद्दार कहने में कोई हर्ज नही हैं।
बता दे एक टीवी चैनल में ओमपुरी से पूछे सवाल पर शहीद का अपमान करते हुए कहा कि नितिन को किसने फौज में जाने के लिए कहा था। अनुपम खेर ने ओमपुरी के इस बयान पर दुख जताते हुए कहा कि मैं आपकी इज्जत करता हूँ मगर टीवी पर देश के लिए शहीद सैनिक के बारे में यह सुनकर दुख हुआ।
उरी में हुए हमले के बाद पाक कलाकार की वापसी को लेकर देश के कलाकार बट गए हैं। अभिनेता ओमपुरी से पूछे गए सवाल पर उन्होंने देश के लिए शहीद सैनिकों की शहादत का अपमान किया हैं। ओमपुरी ने कहा कि कौन उन्हें जबरदस्ती फौज में भेजता हैं, किसने कहा था कि वे फौज में जाए।
ओमपुरी के द्वारा दिए गए इस बयान के बाद सोशल मीडिया में जमकर बवाल मचा हुआ हैं। पूरा देश ओमपुरी के बयान से दुखी हैं और ओमपुरी की निंदा की जा रही हैं। |
क्षेत्र की दुकानें आनन-फानन में बंद हो गईं। घटना के तुरंत बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल एडिशनल एसपी पंकज पांडेय के नेतृत्व में मौके पर पहुंचा। पुलिस जब समझाकर दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन देने लगी तो समुदाय विशेष के लोगों ने पुलिस से भी झूमाझटकी की और पथराव किया। इस पर पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए अश्रु गैस के गोले छोड़ना शुरू कर दिए। देर रात तक यहां तनावपूर्ण स्थिति बनी थी। पुलिस और एक समुदाय विशेष के लोगों के बीच झड़प के कई बार हालात बने। रात १०.३० बजे इलाके की चारों गलियों मेें बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात हो गया है। पुलिस लोगों को वापस घरों में अंदर कर रही थी। |
पूर्व पति का कहना है कि उन्हें संदेह हुआ कि पत्नी का मिस्टर लिऊ के साथ लंबा अफेयर था जिसे उन्होंने छिपाकर रखा। मिस्टर यांग ने स्थानीय अधिकारियों से भी अफेयर की शिकायत की, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया। कहीं से जवाब नहीं मिलने पर पति ने मीडिया के साथ फुटेज शेयर करने का फैसला किया। वहीं, उनकी पत्नी ने आरोपों को खारिज किया है और कहा कि है कि मिस्टर लिऊ और वह, एक सामान्य सहकर्मी रहे हैं।
पूर्व पत्नी ने कहा कि मिस्टर लिऊ उस दिन नशे में थे और इसी वजह से ऐसा हो गया। उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ एक बार हुआ। महिला ने कहा कि पूर्व पति की प्रतिक्रिया अपमानित करने वाली है। पूर्व पत्नी ने ये भी दावा किया कि वीडियो डैशकैम से नहीं बल्कि सीक्रेट कैमरा से पति ने रिकॉर्ड किया था। वहीं, स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, मिस्टर लिऊ मेयर के पद से रिटायर हो चुके हैं। |
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी त्रिपुरा में दो महत्वपूर्ण चुनावी रैलियों को संबोधित करने के लिए आज राज्य के दौरे पर आयेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने आठ फरवरी को पहला चुनावी दौरा किया था। राज्य में १८ फरवरी को विधान सभा चुनाव होना है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मोदी की रैलियों के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये हैं। प्रधानमंत्री दक्षिणी त्रिपुरा जिले के शांतिर बाजार में पहले चुनावी रैली को संबोधित करेंंगे और इसके बाद वह राजधानी अगरतला में एक महत्वपूर्ण जनसभा को संबोधित करेंगे।
सबकी निगाहें श्री मोदी की चुनावी रैलियों पर होगी। गत विधान सभा चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत मात्र १.५७ था जो 20१4 के आम चुनाव में बढकर ५.७ प्रतिशत हो गया। इस बार पार्टी की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है और यह 2५ साल से राज्य में शासन कर रही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) को कड़ी टक्कर दे रही है।
मोदी ने अपनी पिछली चुनावी रैली में राज्य की माणिक सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि इस राज्य को गलत 'माणिक' मिल गया है, उसे 'हीरा' की जरूरत है। माणिक गलत तरीके से धारण किया जाये तो वह नुकसान पहुंचाता है।
हीरा से उनका अभिप्राय हाईवे, आईवेज, रोड्स और एयरवेज था। इस बीच कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कैलाशहर में पार्टी की चुनावी रैली को संबोधित करने के लिए आने वाले हैं। त्रिपुरा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बिराजित सिन्हा कैलाशहर से दूसरी बार चुनाव मैदान में खड़े हैं।
सिन्हा त्रिकोणीय चुनौती का समाना कर रहे हैं। माकपा के उम्मीदवार एम अली और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के उम्मीदवार नीतीश देव से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। देव माकपा छोड़कर भाजपा में आये हैं। राज्य की ६० सदस्यीय विधानसभा के लिए १८ फरवरी को मतदान होगा और तीन मार्च को चुनाव परिणाम घोषित किये जाएंगे। |
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया है। जिसमें कई ऐसे वादे किये गए हैं जिनमें दिल्ली वाले घोषणापत्र की झलक दिखाई देती है। इसमें मुफ्त बिजली, सस्ता खाना, शिक्षकों की भर्ती जैसे वादे शामिल हैं। इस घोषणापत्र में आम आदमी पार्टी ने दलित कार्ड भी चला है। जिसके तहत कहा गया है कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो किसी दलित को पंजाब का डिप्टी सीएम बनाया जाएगा।
हाल ही में एक चुनावी सभा में दिल्ली के डिप्ट सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि केजरीवाल पंजाब के सीएम होंगे। उसके बाद से ही लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या दिल्ली छोड़कर केजरीवाल पंजाब का रुख करेंगे। सूत्रों के मुताबिक भी इस तरह की चर्चा सामने आ रही है कि केजरीवाल की दिलचस्पी दिल्ली से ज्यादा पंजाब में है। राहुल ने भी अपनी मजीठा की जनसभा में कहा कि केजरीवाल दिल्ली के भी सीएम रहना चाहते हैं और पंजाब का भी सीएम बनना चाहते हैं।
आप के घोषणापत्र में ४०० यूनिट तक बिजली बिल आधा करने का वादा किया गया है। साथ ही ५ रुपये की थाली भी दी जाएगी। इस घोषणापत्र में यूपी के सीएम अखिलेश यादव की तर्ज पर विद्यार्थियों को लैपटॉप देने का भी वादा किया गया है। ये लैपटॉप ८वीं क्लास के बच्चों को दिया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने एक महीने में पंजाब को नशामुक्त बनाने का वादा भी किया है। |
ज्युपिटर एट ऑपऑजिशन २०२० : जुलाई में आसमान में दिखेंगे कई खगोलीय नजारे, सितारों की बारित तो कई ग्रह आएंगे एक सीध में।
ज्युपिटर एट ऑपऑजिशन २०२० : भोपाल (नवदुनिया रिपोर्टर)। जुलाई महीने में पानी बरसने के साथ ही आकाश में कई खगोलीय घटनाएं भी नजर आएंगी। ५ जुलाई को चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन यह देश में दिखाई नहीं देगा। १४ जुलाई को ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होगें। नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि १४ जुलाई की शाम को सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह गुरु, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होगें। इस शाम जब सूर्य पश्चिम में अस्त हो रहा होगा तब पूर्व में गुरु ग्रह (जुपिटर) उदित हो रहा होगा। गुरु ,पृथ्वी और सूर्य के एक सीध में आ जाना 'जुपिटर एट अपोजिशन' कहलाता है। इस पूरी रात आकाश में जुपिटर रहेगा। इस समय इसे देखा जाना सबसे अच्छा होगा क्योंकि यह हमसे करीब होगा। २० जुलाई को सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होगें। २८ जुलाई को मौसम साफ रहने पर रात में तारों की बारिश दिख सकती है।
उन्होंने बताया कि २० जुलाई अमावस्या की शाम को आकाश में चांद तो नहीं दिखेगा लेकिन सबसे सुंदर ग्रह शनि (सेटर्न) पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा पर होगें। इसे 'सेटर्न एट अपोजिशन' कहते हैं। पृथ्वी के पास होने से इसे टेलिस्कोप से देखने पर इसके रिंग और इसके कुछ चंद्रमा देखे जा सकते हैं।
२२ जुलाई को सूर्यादय के ठीक पहले पूर्वी आकाश में बुध ग्रह (मरकरी)को आकाश में देखा जा सकेगा। इस दिन यह सूर्य से २० डिग्री ऊपर उठा दिखेगा। इसे मरकरी एट ग्रेटेस्ट वेस्टर्न इलोंगेशन की घटना कहते हैं।
२८ जुलाई की रात को आकाश में टूटते तारों की औसत बरसात देखी जा सकेगी। इसे डेल्टा एक्यूरिड मेटियोर शॉवर कहते हैं।
पांच जुलाई के दिन गुरु पूर्णिमा पर सुबह जब भारत में चंद्रमा आकाश से विदा हो चुका था तब दक्षिण-उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी अफ्रीका में होने जा रही शाम के दौरान चंद्रमा के अस्त होते हुए उपछाया चंद्रग्रहण दिखाई दिया। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया। |
अध्ययन का विषय समाज और उसके विकास का भौगोलिक संगठन है। प्रस्ताव पर पाठ्यक्रम विशेष रूप से निम्नलिखित विषयों से संबंधित हैं: निपटान की प्रणाली का विश्लेषणात्मक और सिंथेटिक मूल्यांकन और शहरीकरण की प्रक्रिया; क्षेत्रों के श्रेणीबद्ध संगठन; सामाजिक और आर्थिक घटनाओं के क्षेत्रीय भेदभाव और उनके कंडीशनिंग कारकों की भूमिका की पहचान।
अपने लागू आयाम के संदर्भ में, यह अध्ययन क्षेत्रीय विकास, प्रशासनिक विभाजन और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक घटनाओं के स्थानीय पहलुओं से संबंधित है। सामाजिक पारिस्थितिकी की संबंधित समस्याओं सहित समाज और उसके पर्यावरण के बीच बातचीत के अध्ययन के लिए विशेष महत्व दिया जाता है।
आगे और अधिक विशिष्ट अध्ययन के अवसर सामाजिक-आर्थिक भूगोल के कई उप-क्षेत्रों के विषयों के संबंध में पेश किए जाते हैं, जैसे कि प्रवासन संबंधों की संरचना और विकास और उनकी प्रेरणा (जनसंख्या भूगोल); भूमि उपयोग (कृषि का भूगोल); स्थानीय कारक (उद्योग का भूगोल) और केंद्रों की सेवा सुविधाओं (सेवाओं का भूगोल) के श्रेणीबद्ध भेदभाव।
प्रवेश परीक्षा के दौरान, उम्मीदवार को दिए गए कार्यक्रम का अध्ययन करने के लिए तकनीकी और भाषाई कौशल का प्रदर्शन करना चाहिए, साथ ही वैज्ञानिक कार्यों के लिए आवश्यक विशेषताओं के साथ। परीक्षा को अधिकतम १०० अंकों के साथ वर्गीकृत किया गया है, जिनमें से १० बिंदुओं को अध्ययन सामग्री के अधिक विशिष्ट विचार और स्वैच्छिक आवेदन परिशिष्ट में योजनाबद्ध शोध कार्य के लिए एक बोनस के रूप में सम्मानित किया गया है, जिसमें शोध प्रबंध विषय, एक संक्षिप्त उद्धरण, इस तरह के डॉक्टरेट प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए प्रत्याशित पर्यवेक्षण विभाग और एक विशिष्ट पर्यवेक्षक की सहमति।
यह स्नातक एक टीम में या एक व्यक्ति के रूप में रचनात्मक और वैज्ञानिक कार्यों के लिए अच्छी तरह से तैयार है। वह / वह सामाजिक-भौगोलिक वातावरण के घटकों का विश्लेषण करने में सक्षम है, और व्यापक रूप से अपने बदलते स्थानिक संगठन का विश्लेषण और मूल्यांकन करने के साथ-साथ सामाजिक और प्राकृतिक परिस्थितियों, सामाजिक-आर्थिक और सामाजिक-सांस्कृतिक प्रणालियों के बीच बातचीत, इन सभी के उपयोग के माध्यम से। जीआईएस। वह विभिन्न स्थानिक स्तरों पर क्षेत्रीय विकास पर वैज्ञानिक अनुसंधान की रूपरेखा तैयार करने में सक्षम है। वह नीति-निर्माण और वाणिज्यिक गतिविधियों के बारे में सलाह देने के लिए तैयार है, और सार्वजनिक प्रशासन, योजना और परामर्श में शामिल है, उदाहरण के लिए क्षेत्रीय और शहरी विकास, उपनगरीयकरण, परिधीय क्षेत्र, जनसंख्या गतिशीलता, आर्थिक गतिविधियों का स्थान, बाजार अनुसंधान राष्ट्रीय, यूरोपीय और वैश्विक स्तरों पर। |
हिसार। हिसार की सेंट्रल जेल में एक हवालाती पर बुधवार की रात चार हवालातियों ने हमला कर दिया। आरोपियों ने शेविंग ब्लेड से वार किए। घायल अवस्था में हवालाती को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मामला पुरानी रंजिश का बताया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक हिसार की केंद्रीय कारागार प्रथम में हवालाती कर्ण उर्फ सोना पुत्र सतीश कुमार पर हांसी के साथ हवालाती मोनू पुत्र रणबीर, संजीव पुत्र देवीलाल, सुरजीत उर्फ गोगी पुत्र फुल कुमार व सुनिल उर्फ बच्ची ने झगड़ा करके हमला कर दिया। आरोपियों ने शेविंग ब्लेड से हमला कर उसे घायल कर दिया।
शोर मचाने पर जेल वार्डन ने हमलावरों को मौके से खदेड़ा और घायल कैदी को उपचार के लिए सिविल अस्पताल भिजवाया। मामला पुरानी रंजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। जांच जारी है। |
नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि भारत विज्ञान क्षेत्र में प्रगति के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में है और अमेरिका, इंग्लैण्ड, जापान तथा कोरिया सहित ८० से अधिक देशों के साथ सहयोग कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया वैज्ञानिक नवोन्मेष को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
वह आज यहां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा दिल्ली पत्रकार संघ (डीजेए) द्वारा वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के प्रसार में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे।
हर्षवर्धन ने कहा कि भारत विज्ञान क्षेत्र में प्रगति के मामले में आज दुनिया के अग्रणी देशों में है और अमेरिका, इंग्लैण्ड, जापान तथा कोरिया सहित ८० से अधिक देशों के साथ सहयोग कर रहा है। इनमें ४४ विकसित देश हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय थर्टी मीटर टेलिस्कोप टीएमटी परियोजना में शामिल है और इसके लिए लगभग १३०० करोड़ रुपए की मदद कर रहा है। यह मदद नकद के रूप में नहीं, बल्कि कलपुर्जों के रूप में है। कलपुर्जों में लेंस भी शामिल हैं।
परियोजना की कुल लागत १.४७ अरब डॉलर है।
मंत्री ने कहा कि हम इस तरह के अपने अनुभव से कह सकते हैं कि भारत १९ नहीं, २० है।
उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) देश को विज्ञान के क्षेत्र में ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निरंतर काम कर रही है। दुनिया के १,२०३ सरकारी अनुसंधान संगठनों में भारत की सीएसआईआर आज शीर्ष १2वें स्थान पर है। वहीं, दुनिया के कुल ५,१47 अनुसंधान संगठनों में से सीएसआईआर शीर्ष १00 संगठनों में शामिल है और इसका ९९वां नंबर है।
मंत्री ने कहा कि भारत की विज्ञान वृद्धि दर कुल अंतरराष्ट्रीय विज्ञान वृद्धि दर के मुकाबले काफी ज्यादा है। नैनो प्रौद्योगिकी में देश आज तीसरे नंबर पर है।
उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की उपलब्धियों को याद करते हुए कहा कि यह भारत ही है जो एक साथ १०४ उपग्रह कक्षा में स्थापित कर सकता है।
हर्षवर्धन ने कहा कि देश की सुनामी चेतावनी प्रणाली एक बेहतरीन प्रणाली है तथा भारत आज अन्य तटवर्ती देशों को भी सुनामी पूर्व चेतावनी जारी करता है। यह देश के वैज्ञानिकों की काबिलियत की वजह से ही संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए छोटे विमान बनाने पर भी काम कर रहे हैं। वैज्ञानिक नवोन्मेष के प्रचार-प्रसार में मीडिया काफी बड़ी भूमिका निभा सकता है और वह निभा भी रहा है। |
दिल्ली से पेरिस जा रही एयर फ्रांस की एक फ्लाइट में उस वक्त यात्रियों के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब उनसे तकनीकी खामी के कारण विमान से उतर जाने को कहा गया।
नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उस वक्त यात्रियों के लिए अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब उनसे तकनीकी खामियों के कारण विमान से उतर जाने को कहा गया। ये लोग एयर फ्रांस की उड़ान संख्या एएफ२२५ में सवार हुए थे, जो दिल्ली से पेरिस जा रही थी। इसी बीच एयर फ्रांस के कर्मचारियों ने किन्हीं 'तकनीकी खराबी' का हवाला देते हुए २६ यात्रियों से अपने सामान के साथ उतर जाने को कहा, ताकि विमान उड़ान भर सके।
इसका एक एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एयर फ्रांस के स्टाफ यात्रियों से अपने सामान के साथ स्वेच्छा से विमान से उतर जाने के लिए कहते हैं। उन्होंने यात्रियों से कहा कि कुछ तकनीकी खराबी के कारण विमान के उड़ान भरने में दिक्कत आ रही है और इसलिए कुछ यात्रियों का सामान उतारा जाएगा, जिसके बाद ही विमान उड़ान भर सकेगा। ऐसे में कुछ यात्रियों का विमान से उतर जाना आवश्यक है, ताकि यह उड़ान भर सके।
उन्होंने यह फैसला यात्रियों को स्वेच्छा से करने के लिए कहा। पहले तो यात्रियों को कुछ समझ नहीं आया, पर बाद में कई यात्री विमान से उतर गए। घटना मंगलवार आधी रात के आसपास हुई। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि जिन यात्रियों को विमान से उतरने के लिए कहा गया था, उन्हें वापस अगली फ्लाइट से पेरिस भेजा गया या नहीं, जैसा कि आम तौर पर ऐसे मामलों में होता है।
फ्रांस के नाइस एयरपोर्ट पर इसी से मिलती-जुलती एक अन्य घटना में जब यात्री को यह बताया गया कि उसका बैग बहुत भारी है और उन्हें चेक-इन करने के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा तो उन्होंने बिना देरी किए एयरपोर्ट पर ही एक-एक कर १५ शर्ट पहन लिए, ताकि वह अपना सामान हल्का कर सकें। बाद में उनके बेटे ने एक ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी और वीडियो भी शेयर किया, जिसमें वह कहते सुने जा रहे हैं कि उन्होंने अतिरिक्त शर्ट और जंपर्स पहन रखे हैं। यह शख्स ग्लासगो का रहने वाला बताया जा रहा है, जो फ्रांस के नाइस एयरपोर्ट से एडिनबर्ग जा रहा था। |
योग और ध्यान के सकारात्मक प्रभावों के बारे में तो हम सब जानते हैं। पुरातन भारतीय पद्धति को अब पूरी दुनिया में मान्यता मिल चुकी है। पश्चिमी देशों में ध्यान और योग के मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों पर व्यापक स्तर पर शोध व अध्ययन कार्य हो चुका है और यह काम निरंतर चल रही है। ताजा अध्ययन में ध्यान के एक और गुण का पता चला है। इस अध्ययन में कहा गया है कि सर्दी के मौसम में होने वाले सर्दी और बुखार को रोकने के लिए ध्यान लगाना बहुत प्रभावी सिद्ध हो सकता है।
अमेरिका स्थित विस्कंसिन-मैडिसन विश्वविद्यालय के अध्ययन के अनुसार, ध्यान लगाने या चलने फिरने जैसा हल्का व्यायाम सर्दी और बुखार से बचाने में मददगार साबित होता है। अध्ययन में पाया गया कि ध्यान लगाने या फिर चलने-फिरने जैसा हल्का व्यायाम करने वाले व्यस्क आठ सप्ताह तक उन लोगों के मुकाबले सर्दी से कम पीड़ित रहे, जो ऐसा कुछ भी नहीं करते थे।पिछले अध्ययन में पाया गया था कि ध्यान लगाने से मूड में सुधार और तनाव में कमी होने के साथ ही प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है। हिंदू वेदों में ध्यान के संदर्भ में विस्तार से मिलता है। पांचवीं से छठी शताब्दियों के दौरान ध्यान लगाने के अन्य तरीके ताओ चीन और बौद्ध भारत में विकसित हुए।
ब्रिटिश अखबार डेली मेल की खबर के अनुसार, अध्ययनकर्ताओं ने १४९ लोगों को तीन समूहों में बांटा। एक समूह ने सचेत ध्यान लगाया। यह ऐसा ध्यान है जिसमें दिमाग को वर्तमान पर केंद्रित किया जाता है। दूसरे समूह ने आठ सप्ताह तक लगातार दौड़ लगाई जबकि तीसरे समूह ने कुछ भी नहीं किया।
शोधकर्ता सितंबर से मई तक इन लोगों के स्वास्थ्य की जांच करते रहे। हालांकि उन्होंने यह जांच नहीं की कि क्या ये लोग आठ सप्ताह के समय के बाद भी व्यायाम व ध्यान कर रहे हैं या नहीं। इन लोगों में जुकाम, घुटन, गले में खराश, छींक जैसे सर्दी और बुखार के लक्षणों की जांच की गई।इकट्ठे किए गए नमूनों का विश्लेषण लक्षण शुरू होने के तीन दिन बाद किया गया। अध्ययन में पाया गया कि ध्यान लगाने वालों ने कुछ न करने वालों की तुलना में ७६ प्रतिशत कम छुट्टियां लीं। जबकि व्यायाम करने वालों ने इस दौरान ४८ प्रतिशत कम छुट्टियां लीं।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि सचेत ध्यान के जरिए सांस संबंधी संक्रमणों की अवधि को ५० प्रतिशत तक घटाया जा सकता है और व्यायाम से इसे ४० प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। यह अध्ययन एन्नाल्स ऑफ फैमिली मेडिसिन में प्रकाशित किया गया था।
ध्यान सकारात्मक प्रभाव।
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राजधानी स्थित एम्स में सर्जरी के लिए लंबा इंतजार कर रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अस्पताल के नए सर्जिकल ब्लॉक की शुरुआत अप्रैल तक हो जाएगी। एम्स के उपनिदेशक शुभाशीष पांडा ने बताया कि एम्स में १२ ऑपरेशन थियेटर और २०० बेड वाला सर्जिकल ब्लॉक बनकर तैयार है। एम्स के नए सर्जिकल ब्लॉक की खास बात यह होगी कि यहां डे-केयर सर्जरी की सुविधा मिलेगी। यानी, मरीज को सर्जरी के लिए सुबह बुलाया गया और शाम तक ऑपरेशन कर उसे छुट्टी दे दी जाएगी। एम्स के जनरल सर्जरी विभाग के एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक, फिलहाल उनके यहां सिर्फ चार ऑपरेशन थियेटर हैं। ऐसे में अधिकतर मरीजों को भर्ती करना पड़ता है। १२ ऑपरेशन थियेटर और शुरू होने पर डे केयर सर्जरी हो सकेंगी।
एम्स के नए सर्जिकल ब्लॉक में २० बेड (गहन चिकित्सा कक्ष) आईसीयू के लिए उपलब्ध होंगे। इसके अलावा यहां रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी जैसी सभी सुविधाएं एक स्थान पर मौजूद होंगी। लोगों को एमआरआई, सीटी स्कैन आदि के लिए दूसरी जगहों पर नई भागना पड़ेगा। जांच की सभी महत्वपूर्ण सुविधाएं सर्जिकल ब्लॉक में ही उपलब्ध होंगी। यहां वैस्कुलर सर्जरी, थोरेसिक सर्जरी की भी सुविधा होगी।
एम्स में जनरल सर्जरी के लिए फिलहाल १०० बेड उपलब्ध हैं। अप्रैल में नया ब्लॉक शुरू होने पर २०० बेड बढ़ जाएंगे। पिछले साल संस्थान ने एक साल में एक लाख ९४ हजार सर्जरी कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया था।
साल २०१५ में २.१९ लाख मरीजों की भर्तियां की गईं, जबकि १.७० लाख मरीजों के ऑपरेशन किए गए। इस पूरे साल में एम्स की ओपीडी करीब ३५ लाख मरीजों की रही। साल २0१6 में सर्जरी की संख्या १ लाख ७६ हजार ८४३ हुई। जबकि, इसी साल एम्स में २.३४ लाख मरीजों को दाखिला मिला और ओपीडी में 4१ लाख मरीजों ने इलाज पाया। साल २0१7 में एम्स ने १ लाख ९४ हजार मरीजों के ऑपरेशन किए हैं, जबकि भर्ती मरीजों की संख्या २.४५ लाख और ओपीडी ४३ लाख दर्ज की गई। |
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर भारत और श्रीलंका के बीच तीसरा और अंतिम मैच जारी है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने दो विकेट के नुकसान पर ३०० रन बना लिए हैं। वहीं, इस मैच के दौरान कप्तान विराट कोहली ने भी एक उपलब्धि हासिल की है।
बताते चलें, २९ वर्षीय कोहली इस उपलब्धि को हासिल करने वाले ११वें भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। वह सबसे तेजी से ५,००० रन पूरे करने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए हैं। भारतीय बल्लेबाजों में दिग्गज सुनील गावस्कर ने सबसे तेजी से टेस्ट प्रारूप में ५,००० रन पूरे किए। उन्होंने 9५ पारियों में यह कारनामा किया। |
मुह जॉब्स २०१९ वरिष्ठ सहायक, स्टेनो और अन्य नौकरी रिक्तियों को भरने के संबंध में मुह भर्ती २०१९ अधिसूचना। सरकारी संगठन आईटीआई, १२ वीं, स्नातकोत्तर योग्यता वाले पात्र उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करता है। ये ९५ वरिष्ठ सहायक, स्टेनो और अन्य पोस्ट मुह, नासिक, महाराष्ट्र में हैं।
मुह जॉब्स २०१९ के लिए नौकरी के आवेदन ०९ अगस्त २०१९ को ११:५९ बजे तक या उससे पहले ऑनलाइन स्वीकार किए जाएंगे। आवश्यक विवरणों को समझने के लिए, हमने भर्ती अधिसूचना में सभी भर्ती विवरण जैसे ऑनलाइन फॉर्म शुल्क, योग्यता, रिक्ति विवरण, आयु सीमा, वेतनमान आदि का उल्लेख किया है। हालाँकि, अधिक जानकारी के लिए, आधिकारिक अधिसूचना पीडीएफ भी संलग्न है।
०८ ई) किसी भी वैधानिक विश्वविद्यालय की डिग्री।
ई) एक प्रतिष्ठित संगठन में वरिष्ठ क्लर्क या समकक्ष पद के रूप में ६ साल का प्रशासनिक अनुभव।
३) किसी भी प्रतिष्ठित संगठन में स्टेनोग्राफर (लोअर ग्रेड) के रूप में न्यूनतम 0३ वर्ष का अनुभव।
०२ ई) किसी भी वैधानिक विश्वविद्यालय के वाणिज्य में डिग्री।
ई) प्रतिष्ठित संगठन में खातों या लेखा परीक्षा के क्षेत्र में न्यूनतम ०३ वर्ष का अनुभव।
प्रतिष्ठित संगठन में स्टेनो-टाइपिस्ट के रूप में न्यूनतम ०३ वर्ष का अनुभव।
०६ ई) किसी भी वैधानिक विश्वविद्यालय की डिग्री।
ई) वरिष्ठ क्लर्क के रूप में न्यूनतम ०३ वर्ष का अनुभव या किसी प्रतिष्ठित संगठन में समकक्ष।
सरकार द्वारा जारी व्यावसायिक प्रशिक्षण (न्क्टवट) सर्टिफिकेट और इलेक्ट्रिकल सुपरवाइज़र सर्टिफिकेट में नेशनल काउंसिल फॉर ट्रेनिंग के साथ किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से २ साल का इलेक्ट्रीशियन / वायरमैन ट्रेड पास होना चाहिए,
२ साल का पास होना चाहिए आई.टी.आई. (इलेक्ट्रीशियन या वायरमैन) किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कोर्स, साथ में सरकार से इलेक्ट्रिकल ट्रेनिंग का १ साल का लाइसेंस।
ई) सरकारी औद्योगिक / शैक्षिक संस्थान में इलेक्ट्रीशियन या समकक्ष पद के लिए न्यूनतम ०३ वर्ष का अनुभव, सबस्टेशन, उच्च वोल्टेज, जनरेटर, टेलीफोन, एयर कंडीशनर, आवासीय विद्युतीकरण का ज्ञान होना।
२) फोटोग्राफी या कमर्शियल आर्ट्स या फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा हो या मान्यता प्राप्त बोर्ड की फोटोग्राफी या सिनेमैटोग्राफी में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स पास किया हो।
०८१) एक उम्मीदवार ने ह.स.च परीक्षा उत्तीर्ण की होगी।
२) ४० व.प.म.इन अंग्रेजी और ३० व.प.म्म मराठी से कम की गति के लिए टाइप करने की सरकारी वाणिज्यिक प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की है।
३) सरकार की सेवा में पहले से ही आयु १८ वर्ष से कम नहीं होगी।
१२१) माध्यमिक विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की है।
२) ८० व.प.म से कम नहीं की गति के अधिकारी। आशुलिपि में।
३) ४० व.प.म.इन अंग्रेजी और ३0 व.प.म.इन मराठी से कम की गति के लिए टाइपिंग की सरकारी वाणिज्यिक प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की है।
०१ई) किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या वैधानिक विश्वविद्यालय से फोटोग्राफी के साथ लागू कला या ललित कला या व्यावसायिक कला में डिप्लोमा।
ई) ४० व.प.म से कम की गति के लिए टाइपिंग की सरकारी वाणिज्यिक प्रमाणपत्र परीक्षा उत्तीर्ण की है। अंग्रेजी में और ३० डब्ल्यू.पी.एम. मराठी में।
२) उम्मीदवार को आईटीआई का प्रमाणित इलेक्ट्रिशियन कोर्स उत्तीर्ण होना चाहिए।
३) सरकार के इलेक्ट्रीशियन का लाइसेंस होना चाहिए।
०११) मोटर वाहन वाहन अधिनियम, १९८७ के तहत एक भारी वाहन या जीप की मोटर कार चलाने के लिए एक वैध ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करें।
२) मैनुअल काम करने की क्षमता होनी चाहिए।
कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर।
पात्र उम्मीदवार १८ जुलाई २०१९ को सुबह ०६:०० बजे से ०९ अगस्त २०१९ तक रात ११:५९ बजे तक महापरीक्षा की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं (सीधा लिंक नीचे दिया गया है)। |
१. अपने ओवन को ४२५ डिग्री फारेनहाइट तक गरम करें। उबलते नमकीन पानी के बड़े बर्तन में, पैकेज निर्देशों के अनुसार पास्ता को पकाएं। निकालें और एक तरफ सेट करें।
२. एक छोटे कटोरे में, पंको, दौनी, और परमेसन को गठबंधन करें। रद्द करना।
३. मध्यम-उच्च पर एक बड़े स्किलेट में, जैतून का तेल जोड़ें। नमक और काली मिर्च के साथ चिकन, मौसम जोड़ें, और लगभग ८ मिनट के माध्यम से पके हुए तक सौत जोड़ें। चिकन को प्लेट में स्थानांतरित करें।
४. उसी पैन में जिसे आप चिकन पकाते थे, लहसुन, मटर, मशरूम, प्याज, और घंटी काली मिर्च जोड़ें। मशरूम नरम होने तक सॉट करें, ३ से ५ मिनट।
५. गर्मी को मध्यम-कम तक कम करें। आटा, चिकन शोरबा, और दही जोड़ें। कुक, जब तक सॉस मोटा हो, ६ से ८ मिनट तक, अक्सर स्टिरिंग। अच्छी तरह से संयुक्त जब तक चिकन और हलचल जोड़ें। गर्मी से निकालें। यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त नमक और काली मिर्च के साथ मौसम।
५. १२ क्स ६ बेकिंग टिन में, आरक्षित गेहूं पास्ता और सॉस जोड़ें। गठबंधन करने के लिए मिलाएं। पुलाव पर पंको मिश्रण छिड़के। तब तक सेंकना जब तक कि भूरा सुनहरा भूरा न हो, २० से 2५ मिनट। ओवन से निकालें, थोड़ा ठंडा करने की अनुमति दें, अजमोद, टुकड़ा, और सेवा के साथ शीर्ष। ४ सर्विंग्स बनाता है। |
१०२ नॉट आउट में अमिताभ बच्चन १०२ वर्षीय व्यक्ति का किरदार निभाएंगे। फिल्म में वह पृथ्वी पर सबसे बुजुर्ग व्यक्ति का रिकॉर्ड तोड़ना चाहते हैं। मंगलवार को इस फिल्म का पहना गाना बच्चे की जान लोगे क्या सामने आया। अमिताभ बच्चन का ये अवतार आपने पहले कभी नहीं देखा होगा।
मुंबई. 'ओह माइ गॉड', 'आल इज वेल', 'फुल एंड फाइनल' जैसी फिल्में बनाने वाले बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक उमेश शुक्ला की अगली फिल्म १०२ नॉट आउट में आपको १०२ साल के अमिताभ बच्चन दिखाई देंगे। ये फिल्म ४ मई को रिलीज होगी। मंगलवार को इस फिल्म का पहना गाना बच्चे की जान लोगे क्या सामने आया। अमिताभ बच्चन पर फिल्माए इस गाने को आवाज दी है मशहूर गायक अरिजीत सिंह ने और इसका संगीत दिया है सलीम-सुलेमान ने। खासबात ये है कि अरिजीत सिंह ने पहली बार अमिताभ बच्चन के लिए गाना गाया है। महानायक अमिताभ बच्चन के अलावा अभिनेता ऋषि कपूर और और परेश रावल इस फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं।
बच्चे की जान लोगे क्यागीत में अमिताभ बच्चन एक अनोखे अवतार में नजर आए हैं। अमिताभ बच्चन का ये अवतार आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। इस गाने में अमिताभ बच्चों के साथ फुटबॉल खेलते हैं और अपने बेटे को प्यार करने के तरीके सिखाते हैं। ये गाना जितनी बेहद मस्ती भरे तरीके से फिल्माया गया है उतनी ही मस्ती के साथ अरिजीत ने इसे गाया है।
इससे पहले २८ मार्च को इसका ट्रेलेर रिलीज हुआ था जिसमें अमिताभ और ऋषि अपने बुढापे को एन्जॉय करते दिख रहे हैं। अमिताभ मस्ती में बाजा बजा रहे हैं और नाच रहे हैं, तो ऋषि योगा करते नजर आ रहे हैं। दोनों एक दूसरे के साथ बीच रास्ते पर बारिश में नाचते नजर आ रहे हैं। इस मस्ती मजाक के बीच भावनाएं भी हैं, तो बीमार होने पर एक दूसरे का ख्याल भी रखवाती हैं। टीजर से साफ है कि ये एक बाप बेटे की बेहद खूबसूरत लव स्टोरी है। टीजर में बस एक डायलॉग है वो भी अमिताभ का। अमिताभ कहते हैं कि एक बेटे को वृद्धाश्रम भेजने वाला मैं पहला बाप बनूंगा।
इसस पहले फिल्म का पोस्टर जारी किया गया था। पोस्टर जारी करते हुए अमिताभ ने लिखा था- ये पहला पोस्टर, एक अनोखी गाथा, पिता पुत्र की... ४त मई। महानायक अमिताभ बच्चन, ऋषि और परेश रावल इस फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म में परेश रावल उनके बेटे के रूप में नजर आएंगे। ये फ़िल्म लेखक- निर्देशक सौम्या जोशी के कामयाब गुजराती नाटक '१०२ नॉट आउट' का फ़िल्म रूपांतरण है। |
मुंबई। रोहित शेट्टी की गोलमाल-४ के लिए कलाकारों की भर्ती में अब तेजी आ रही है। इस फिल्म की टीम में एक और नया नाम जुड़ने जा रहा है, वो नाम है नील नितिन मुकेश, जो पहली बार इस टीम के साथ काम करने जा रहे हैं। इसी महीने होने वाली अपनी शादी की तैयारियों में बिजी नील को लेकर खबर है कि वे अप्रैल में इस टीम से जुड़ेंगे। इस फिल्म के अलावा नील नितिन मुकेश मधुर भंडारकर की नई फिल्म इंदू सरकार में भी काम कर रहे हैं।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा १९७५ में आपातकाल लागू किए जाने की घटना को लेकर बन रही इस फिल्म में नील के किरदार को लेकर कहा जा रहा है कि वे संजय गांधी के रोल में हैं। नील के अलावी पिंक फेम कीर्ति खुल्लर और अनुपम खेर भी इस फिल्म का हिस्सा हैं। गोलमाल-४ की कास्टिंग की बात करें, तो अजय देवगन के अलावा अब तक इस फिल्म में परिणीती चोपड़ा, जो पहली बार उनके साथ जोड़ी बनाने जा रही हैं, के अलावा हाल ही में तब्बू के नाम की घोषणा की गई है।
खबरों की मानें तो, मुरली शर्मा, मुकेश तिवारी, संजय मिश्रा और जॉनी लीवर के नाम भी तय किए जा चुके हैं। फरवरी के अंत में गोवा में गोलमाल-४ की शूटिंग शुरु होगी। |
नई दिल्ली। देश में स्टेनलेस स्टील के प्रति व्यक्ति खपत आठ साल में शत प्रतिशत से अधिक बढ़कर २०१९ में २.५ किलो प्रति व्यक्ति पर पहुंच गयी जो वर्ष २0१0 में १.२ किलोग्राम प्रति व्यक्ति थी। इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) की स्थापना की ३०वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह के उद्घाटन के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह अब भारत प्रति व्यक्ति स्टेनलेस स्टील खपत के लिहाज़ से विश्व के शीर्ष १५ देशों में शामिल हो गया है। आईएसएसडीए के नेतृत्व में घरेलू स्टेनलेस स्टील उद्योग के सहयोगात्मक प्रयास और इस्पात मंत्रालय की उद्योग समर्थक नीतियों की मदद से यह मील का पत्थर हासिल करना संभव हुआ।
वास्तुशिल्प, भवन एवं निर्माण (एबीसी), वाहन, रेलवे एवं परिवहन (एआरटी), प्रसंकरण उद्योग एवं घरेलू उपयोग के उपकरण और रसोई के बर्तन आदि जैसे विभिन्न खंडों में स्टेनलेस स्टील की मांग बढ़ने के कारण प्रति व्यक्ति खपत में बढ़ोतरी संभव हुई। कुलस्ते ने कहा कि भारत के लिए २.५किलो प्रति व्यक्ति खपत के उपभोग स्तर तक पहुंचना गर्व की बात है। भारत में स्टेनलेस स्टील की मांग की वृद्धि दर ६ से७ प्रतिशत वार्षिक है, जो दुनिया में सबसे अधिक भी है क्योंकि स्टेनलेस स्टील की मांग सीधे आर्थिक विकास से जुड़ी है। स्टेनलेस स्टील से न केवल जीवन चक्र लागत कम होती है, बल्कि जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार होता है।
आईएसएसडीए के अध्यक्ष के के पाहुजा ने कहा कि भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए दिशा निर्देशक के तौर पर आईएसएसडीए अपनी स्थापना के समय से ही विभिन्न उद्योगों में स्टेनलेस स्टील के नए उपयोग किस्म के उपयोग को प्रोत्साहन दे रहा है। बहुत कम समय में ही २.५ किलो प्रति व्यक्ति खपत का स्तर प्राप्त करने के साथ भारत एक ऐतहासिक मोड़ पर पहुँच गया है और उन देशों की कतार में शामिल हो गया है जहाँ स्टेनलेस स्टील की खपत अधिक है। भारत स्टेनलेस स्टील के लिए सबसे अधिक तेज़ी से वृद्धि दर्ज़ करता बाज़ार है। आईएसएसडीए घरेलू उद्योग और सरकार को अपने निरंतर सहयोग के प्रति आभार जताता है । |
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में कुछ खास इलाकों में कारखाने लगाने पर एक्साइज ड्यूटी में मिलने वाली छूट के चलते बड़े निवेश करने वाली कंपनियों को दिक्कत नहीं होगी क्योंकि सरकार गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स सिस्टम के तहत रीइंबर्समेंट स्कीम लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
जीएसटी सिस्टम में किसी भी तरह की टैक्स छूट की व्यवस्था नहीं है और टैक्स रिफंड के रूप में ही इंसेंटिव्स दिए जा सकते हैं। स्पेशल कैटेगरी वाले राज्यों और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर के राज्यों में कारखाने लगाने वालों को एक्साइज ड्यूटी जैसे सेंट्रल टैक्स और उन राज्यों में एरिया बेस्ड एग्जेम्प्शन स्कीम के तहत राज्य स्तर के कुछ करों को चुकाने से छूट मिलती है। ऐसा इन राज्यों में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि जीएसटी लागू करने से पहले स्कीम लागू कर दी जाएगी। ऑटोमोबाइल, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टरों की कई कंपनियों ने इन राज्यों में यूनिट्स लगाई हैं। उनके लिए रिम्बर्समेंट स्कीम अहम है क्योंकि इससे उनके प्रॉडक्ट्स की प्राइसिंग पर असर पड़ेगा।
दूसरे अधिकारी ने कहा, 'मामला जल्द सुलझा लिया जाएगा।' ३० जून को आधी रात से लागू हुए जीएसटी ने १७ केंद्रीय और राज्य स्तरीय करों के अलावा २३ सेस की जगह ली है। प्रॉडक्ट्स के आधार पर मिलने वाले कई एग्जेम्प्शंस इस नए इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम के तहत खत्म कर दिए गए हैं, लेकिन एरिया बेस्ड एग्जेम्प्शंस को बचाया जाएगा।
हालांकि केंद्र सरकार आंशिक राहत ही देगी यानी सेंट्रल जीएसटी के केंद्र सरकार वाले हिस्से पर। राज्यों को स्टेट जीएसटी वाले हिस्से पर अलग से निर्णय करना होगा।
अभी पूर्ववर्ती एक्साइज फ्री जोन की यूनिट्स को जीएसटी (सेंट्रल जीएसटी सहित) चुकाना होगा। उनके पास यह टैक्स चुकाने के लिए २० अगस्त तक का वक्त है। उसके पास उन्हें सीजीएसटी कंपोनेंट के रिफंड के लिए क्लेम करना होगा। इसकी गाइडलाइंस जल्द आने की उम्मीद है। |
बची हुई रोटी के आलू रोल एक लोकप्रिय विश्व व्यंजन है जो पुरे भारत में बहुत ही लोकप्रिय है। इसे आप किसी भी विशेष अवसर पर परोस सकते हैं। किसी भी त्यौहार या पार्टी में बची हुई रोटी के आलू रोल एक प्रभावशाली व्यंजन सिद्ध हो सकता है। बची हुई रोटी के आलू रोल का नाम सुनते ही भूख और भी ज्यादा बढ़ जाती है और कोई भी खुद को इसे खाने से रोक नहीं पाता है। बची हुई रोटी के आलू रोल को खाने पर इसकी हर एक बाईट में आपको एक अनोखा अनुभव मिलेगा। आप घर पर भी रेस्टोरेंट स्टाइल बची हुई रोटी के आलू रोल बना सकते हैं। इसे बनाना बहुत ही आसान है, बेटर बटर के बची हुई रोटी के आलू रोल इन हिंदी में आपको बची हुई रोटी के आलू रोल बनाने की आसान विधि मिल जाएगी जिसकी सहायता से आप इसे कभी भी बना सकते हैं। यह एक बहुत ही झटपट से बनने वाली रेसिपी है, इसकी तैयारी में १५ मिनट मिनट लगता है और पकाने में १५ मिनट लगता है। तो अगली बार जब भी आपके घर पे मेहमान आये तो देखना न भूलें इस रेसिपी को। |
देश में इस समय चुनावों का दौर जारी है। आज देश भर में चौथे चरण के लिए मतदान किया जा रहा है। मायानगरी मुंबई में भी आज मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं । कई बॉलीवुड सितारों को मतदान केंद्रों पर देखा गया। महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर सलमान खान तक लगभग सभी बॉलीवुड सितारों को पोलिंग बूथ पर देखा गया है।
देश में इस समय चुनावों का दौर जारी है। आज देश भर में चौथे चरण के लिए मतदान किया जा रहा है। मायानगरी मुंबई में भी आज मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। कई बॉलीवुड सितारों को सुबह-सुबह ही मतदान केंद्रों पर देखा गया। महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर सलमान खान तक लगभग सभी बॉलीवुड सितारों को पोलिंग बूथ पर देखा गया है।
अभिनेता अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन एक साथ मतदान के लिए जुहू पहुंचे। पुरे बच्चन परिवार ने जुहू के एक मतदान केंद्र पर मतदान किया।
अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन मतदान करने के बाद मीडिया को मतदान निशान दिखाते हुए ।
बच्चन परिवार पोलिंग बूथ पर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए।
अमिताभ बच्चन मतदान करते हुए जबकि उनकी बहु ऐश्वर्या और पुत्र अभिषेक और पत्नी अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए। |
बेंचमार्क एंटरटेनमेंट ने चंडीगढ़ में "पा लावंगा" की शूटिंग पूरी की भाविन भानुशाली & पूरबी भार्गव जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पा मो लवांगा बेंचमार्क एंटरटेनमेंट द्वारा सबसे बहुप्रतीक्षित संगीत वीडियो है जिसमें भाविन भानुशाली और पूरबी भार्गव ने अभिनय किया है। इस गीत की शूटिंग अब चंडीगढ़ में खत्म हो गई है और वे जल्द ही संगीत जारी करने के लिए तैयार हैं।
कुछ दिनों पहले भाविन भानुशाली को "पा लवांगा" नाम के आगामी वीडियो गीत की शूटिंग के दौरान सेट पर देखा गया था। बेंचमार्क एंटरटेनमेंट द्वारा प्रस्तुत किया गया। सॉबी द्वारा निर्देशित गीत और वेयेक्रिएट इन्फ्लुएंस द्वारा कलाकार।
भविन भानुशाली और पूरबी भार्गव अभिनीत "पा लवांगा"
शूटिंग चंडीगढ़ में हुई और अब आखिरकार शूटिंग खत्म हो गई। फैंस गाने के रिलीज होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि वह पहले से ही रिलीज हो चुके अपने म्यूजिक वीडियो से काफी खिल चुका है, जिसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिला।
इससे पहले उन्होंने कुछ म्यूजिक वीडियो भी किए हैं, जिन्होंने दर्शकों से बहुत प्यार किया है और अब जल्द ही नया म्यूजिक वीडियो जारी किया जाएगा, जिसकी शूटिंग हाल ही में चंडीगढ़ में हुई। वे अब वीडियो पर काम करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं और जैसे ही संगीत का संपादन खत्म हो जाएगा, इसे विभिन्न प्लेटफार्मों पर जारी और उपलब्ध किया जाएगा। अंत में, सबसे बहुप्रतीक्षित वीडियो जल्द ही जारी किया जाएगा। |
आज पारसी समुदाय का नववर्ष नवरोज़ है। नवरोज़ के दिन को खुशनुमा बनाने के लिए पारसी समुदाय अपनी पारंपरिक गाने व भोजन आदि के साथ दिन गुजारते हैं।
आज पारसी समुदाय का नववर्ष नवरोज़ है। नवरोज़ के दिन को खुशनुमा बनाने के लिए पारसी समुदाय अपनी पारंपरिक गाने व भोजन आदि के साथ दिन गुजारते हैं। नवरोज़ के दिन पारसी समुदाय के लोग खास व्यंजन बनाते हैं और लोगों को घर बुलाकर खिलाते हैं। इस दिन खाने पीने की खास व्यवस्था की जाती है। जिसमें परिवार के लोग एक दूसरे की मदद करते हैं।
पारसी धर्म ईरान का एक प्राचीन और प्रचलित धर्म है। यह ज़न्द अवेस्ता नाम के धर्मग्रंथ को अपना गुरु ग्रंथ मानते है। पारसी धर्म के संस्थापक महात्मा ज़रथुष्ट्र थे इसलिये इसको ज़रथुष्ट्री धर्म भी कहा जाता है। पारसी धर्म की तीन प्रमुख शिक्षा हैं- हुमत, हुख्त और हुवर्श्त है जिसका अर्थ सुज्ञान, सुभाष और सुव्यवहार है। पारसी एक ईश्वर को मानते हैं जिन्हें अहुरा मज़्दा या होरमज़्द कहते हैं। कहा जाता है कि पारसी र्इश्वर वरुण देव से काफी करीब है। पारसी धर्म में भी अग्नि को पवित्र माना जाता है। इसीलिए अहुरा मज़्दा की पूजा अग्नि से की जाती है। पारसी मंदिरों को आतिश बेहराम कहा जाता है। पारसियों का मानना है कि अहुरा मज़्दा का सबसे बड़ा शत्रु अंगिरा मैन्यु उर्फ आहरीमान है।
पारसी धर्म में मुख्य रूप से सात पर्व आते हैं। पहला नौरोज़ अथवा नवरोज़ है जो ईरानी नववर्ष का नाम है। इसे फारसी नया साल भी कहा जाता है। दुनिया भर में इसे धूमधाम से मनाया जाता है। पपेटी पर्व के दिन पारसी समुदाय से जुड़े लोग परंपरागत पोशाकों में, अग्नि मंदिर जिसे आगीयारी भी कहते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं, जमशोद नौरोज़ पर्व पश्चिमी एशिया, मध्य एशिया, काकेशस, काला सागर बेसिन और बाल्कन में मनाया जाता है। यह ईरानी कैलेंडर में पहले महीने(फर्ववर्ड) के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है। यह आम तौर पर २१ मार्च के आसपास आता है। इसके अलावा खोरदादसाल पर्व है जो पारसी धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसके अलावा जरथुस्त्रनो, गहम्बर्स, फ्रावार देगन हैं। |
जिलों में बच्चों को स्वेटर वितरण की निगरानी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इसमें सीडीओ, जिलाधिकारी द्वारा नामित एसडीएम, महाप्रबंधक उद्योग विभाग, मुख्य कोषाधिकारी सदस्य एवं बीएसए सचिव होंगे। समित यह सुनिश्चित करेगी कि तीस दिन के भीतर स्वेटर का वितरण हो जाए। इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। |
नयी दिल्ली : भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने महिला सशक्तीकरण में विशेष योगदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ४४ महिलाओं और संस्थानों को नारी शक्ति पुरस्कार २०१८ से सम्मानित किया।
महामहिम राष्ट्रपति जी ने ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन को नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया। शिवानी बहन जी वरिष्ठ राजयोग शिक्षक तथा प्रेरक वक्ता हैं। मानव व्यवहार (हमन बेहेवियर) से सम्बंधित विषयों पर आपके कार्यक्रमों ने लाखों लोगों के जीवन बदला।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी भी उपस्थित थी। सभी सम्मानित महिलाओं को प्रशस्ति पत्र दिये गये। |
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने स्टीव स्मिथ के खिलाफ हूटिंग कर रहे दर्शकों को शांत करने के लिए विराट कोहली की तारीफ करते हुए कहा कि यह सराहनीय काम था। वॉ को क्रिकेट के महानतम कप्तानों में से एक माना जाता है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उन्होंने प्रशंसकों की तरफ से स्टीव स्मिथ से माफी मांगी क्योंकि इस पूर्व आस्ट्रेलियाई कप्तान को विश्व कप में एक बार फिर से अस्वीकार्य हूटिंग से रू ब रू होना पड़ा था।
आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा जारी टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में शीर्ष पर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है। |
उदराकर्षासन एक योगासन है | जिसको करने से हमारे बहुत रोग ठीक होते हैं | उदराकर्षासन का अभ्यास स्वच्छ व साफ स्थान पर करें तथा इस आसन के लिए नीचे दरी बिछाकर बैठ जाएं। अब बाएं पैर को घुटने से मोड़कर नितम्ब (हिप्स) के नीचे रखें तथा घुटने व पंजे को फर्श से सटाकर रखें।
पहली स्थिति :- सबसे पहले समतल जमीन पर दरी बिछाकर बैठ जाएं।
दूसरी स्थिति :- अब बाएं पैर को घुटने से मोड़कर नितम्ब (हिप्स) के नीचे रखें तथा घुटने व पंजे को फर्श से सटाकर रखें।
तीसरी स्थिति :- अब दाएं पैर को घुटने से मोड़कर एड़ी व पंजे को बाएं पैर के घुटने के पास फर्श से टिकाकर रखें तथा घुटने को ऊपर की ओर रखें।
चौथी स्थिति :- दोनों पैरों के बीच कम से कम २० से २५ सेंटीमीटर की दूरी रखें। दोनों हाथों को दोनों घुटनो पर रखें।
पांचवी स्थिति :- अब ऊपर उठे दाएं घुटने को दाएं हाथ से जोर से दबाकर नीचे बाएं घुटने के पास फर्श के जितना पास हो लाएं और ध्यान रखें कि घुटने को फर्श से एक इंच ऊपर ही रखें।
छटवी स्थिति:- दाएं घुटने को नीचे लाते समय मुंह को कंधे की सीध में रखें।
सातवीं स्थिति :- आसन की इस स्थिति में कुछ समय रहें और फिर यही क्रिया बाएं पैर से भी करें।
३. स्वास्थ्य फिट रहता है:- इस आसन के अभ्यास से पूरा शरीर फिट और एक्टिव रहता है और व्यक्ति काम से थकता भी नही है। स्वास्थ्य का अर्थ विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग होता है। लेकिन अगर हम एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण की बात करें तो अपने आपको स्वस्थ कहने का यह अर्थ होता है कि हम अपने जीवन में आनेवाली सभी सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों का प्रबंधन करने में सफलतापूर्वक सक्षम हों।
४.कमरदर्द, जोड़ों में किसी भी प्रकार की खराबी आदि में भी इस आसन को करना लाभकारी रहता है।
५. पंजे शक्तिशाली बनते हैं। |
काशीपुर। उप जिलाधिकारी जगदीश लाल के नेतृत्व में पूर्ति निरीक्षकों की टीम ने शनिवार को अवैध गैस रिफलिंग के विरुद्ध अभियान चलाया। इस दौरान अलीगंज मार्ग, टांडा उज्जैन, महेशपुरा, कटोराताल, नई सब्जी मंडी, चीमा चौराहा, जसपुर खुर्द एवं मैन बाजार में घरेलू गैस सिलेंडर का व्यवसायिक उपयोग एवं घरेलू गैस सिलेंडरों से लोकल बने छोटे सिलेंडरों में रिफलिंग के १७ घरेलू गैस सिलेंडर तथा आधा दर्जन छोटे लोकल सिलेंडरों को जब्त किया। टीम में पूर्ति निरीक्षक केडी पांडे, काशीपुर गैस एजेंसी प्रभारी एमएच अंसारी, एसएस भाकुनी, धर्मपाल आदि थे। |
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रोजर्स का कहना है कि गोल्डमैन और एआईजी के लिए यह एक बड़ी समस्या है, जिनकी कम वस्तुओं और उच्च सांद्रता है। उनकी अनुक्रमणिका में ३६ वस्तुओं शामिल हैं। शायद एकमात्र कमोडिटी बेंट वाले सक्रिय प्रबंधकों को सबसे ज्यादा फायदा हो सकता है। ग्रेशम इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट का मूर्त संपत्ति कार्यक्रम १ ९ ८७ में उद्योग के किंवदंती हेनरी जारेकी द्वारा लॉन्च किया गया था। यह वर्तमान में १8 अलग-अलग वस्तुओं को आवंटित करता है और जीएससीआई और डीजेएआईजी को लॉन्च होने के बाद बेहतर प्रदर्शन करता है। यह इंडेक्स फंड बनाम लाभ का दावा करने का दावा करता है क्योंकि इसे रोल सम्मेलनों के लिए नियम प्रकाशित नहीं करना पड़ता है जो व्यापारियों को इंडेक्स फंड का लाभ लेने की अनुमति देते हैं।
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मोबाइल गेम गेम ऑफ वॉर में नहीं हारने के लिए एक आदमी नें १० लाख डॉलर फूंक डाले। उसने अपनी कंपनी से ४८ लाख डॉलर की चोरी करने की बात स्वीकार की है। इस पैसे को उसने मई २००८ से मार्च २०१५ के बीच चुराया था। गेमिंग के अलावा इन पैसों से उसने लक्जरी कारें और सैनफ्रांसिस्को के लिए सीजन टिकट खरीदा व प्लास्टिक सर्जरी भी कराई।
इस गेम में नकली किलों को बनाना और ढहाना होता है। गेम का शौक पूरा करने के लिए उसने यह रकम अपनी कंपनी में चोरी करके जुटाई थी। केविन ली को सैक्रामेंटो में हैवी इक्विपमेंट कंपनी होल्ट कैलिफोर्निया में नियंत्रक के रूप में काम करता था। चर मारो की रिपोर्ट के अनुसार, यह दुनिया का सबसे लाभदायक गेमिंग ऐप है, जो रोजाना करीब १० लाख डॉलर कमा रहा है। एक नियमित खिलाड़ी ने बताया कि यह एक जुआ की तरह है, जिसमें जीतने की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, खेल पर १० लाख डॉलर खर्च करना बेहद असामान्य है।
न्यूयॉर्क में संघीय अदालत ने केविन को चोरी के मामले का दोषी पाया है। खेल में खिलाड़ी शहरों और सैनिकों को बनाते हैं और फिर दूसरे शहरों पर हमला करते हैं। औसत एक खिलाड़ी खेल के उच्च स्तर के लिए आगे बढ़ रखने के लिए ५५० डॉलर खर्च करता है। |
धारणा पर, हम विश्वास और कारण के बीच संबंधों के साथ महान गर्व के साथ खोज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस २,००० वर्षीय परंपरा में भाग लेने से, आज के छात्र वैज्ञानिकों, कलाकारों, लेखकों और दार्शनिकों की पीढ़ियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने विषयों पर सच्चाई की खोज में लगे हुए हैं।
हम मानते हैं कि कैथोलिक बौद्धिक परंपरा हमारे समय के लिए विशेष रूप से प्रासंगिक और उपयोगी हो सकती है, और एक समावेशी, खुले वातावरण में मन, शरीर और आत्मा के विकास को प्रोत्साहित करती है जहां सभी विश्वास परंपराओं की आवाज़ होती है।
हमारे अद्भुत स्नातकों में से एक को बायोकैमिस्ट या पारिवारिक अदालत के न्यायाधीश या किसी अन्य व्यवसाय के रूप में अपने करियर में एक दशक से बात करें और आप पाएंगे कि हम मूल्य-आधारित शिक्षा पर जोर क्यों देते हैं - जो स्नातक को बौद्धिक कौशल और ताकत देता है चरित्र के जीवन के बड़े प्रश्नों को शामिल करने और अधिक अच्छे की ओर काम करने की आवश्यकता है।
हम आज के समर्पित संकाय और उनके पूर्ववर्तियों की एक लंबी लाइन का श्रेय देते हैं, हमारे संस्थापक, इमानुअल डी अल्ज़ोन के आह्वान के साथ, जिन्होंने हमें शिक्षाविदों से परे जाने और पूरे व्यक्ति को शिक्षित करने के लिए चुनौती दी। रोम में एक परिसर की स्थापना के लिए आप हमारे गतिशील ऑनर्स कार्यक्रमों के लिए नए रेसिडेंस हॉल के डिजाइन से, जो कुछ भी करते हैं, उसके हर पहलू में, छात्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, और जीवन पर हमारा जोर अच्छी तरह से रहते हैं।
हम पूर्व छात्रों, माता-पिता, नींव, और कॉर्पोरेट भागीदारों के प्रति कृतज्ञता का एक बड़ा ऋण भी देते हैं जो एक स्पष्ट धारणा शिक्षा को संभव बनाने में मदद करते हैं। केवल साझा लक्ष्यों और उम्र, संस्कृति, अनुशासन और विश्वास के मतभेदों के साथ मिलकर काम करके, क्या हम वास्तव में रास्ता ला सकते हैं।
अस्सुंप्शन कॉलेज , अस्सुंप्शन कॉलेज के अगस्तिनियंस द्वारा प्रायोजित एक कैथोलिक संस्थान और कैथोलिक बौद्धिक परंपरा में निहित, महत्वपूर्ण बुद्धि, विचारशील नागरिकता और करुणामय सेवा के लिए जाने वाले स्नातकों को बनाने का प्रयास करता है। हम उदार कलाओं में आधारित पाठ्यक्रम और व्यावसायिक अध्ययन के क्षेत्र में विस्तार के माध्यम से इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का पीछा करते हैं। विश्वास और कारण की सद्भावना के कैथोलिक प्रतिज्ञान से उत्साहित, हमारा लक्ष्य है, सत्य की खोज करके, छात्रों के दिमाग और दिल को बदलने के लिए। धारणा विविधता का पक्ष लेती है और अपने लक्ष्यों को साझा करने वाले सभी का स्वागत करता है।
कॉलेज चुनना सबसे महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है जिसे आपने कभी विचार करना है। आप पहले से ही कई अन्य संस्थानों से सामग्री प्राप्त कर चुके हैं, साथ ही परिवार और दोस्तों से विचारों और सिफारिशों को प्राप्त कर सकते हैं।
उज्ज्वल, प्रेरित छात्रों ने अनुमान लगाने में कई कारण हैं। जैसे-जैसे आप हमारी वेबसाइट का पता लगाते हैं, आपको हमारे उत्कृष्ट कार्यक्रमों और हमारे करीबी बुनाई समुदाय से संबंधित जानकारी का भरपूर धन मिल जाएगा। अभी के लिए, मैं उन तीन कारणों को साझा करना चाहता हूं जिनकी मैं संभावित छात्रों और उनके परिवारों को धारणा का वर्णन करते समय अक्सर उल्लेख करता हूं।
मजबूत व्यापार और पेशेवर कार्यक्रमों के साथ शीर्ष उदार कला कॉलेज।
हमारे छात्र ऐसे विषयों की एक श्रृंखला के संपर्क में आते हैं जो उनके दिमाग का विस्तार करते हैं और अपने महत्वपूर्ण सोच कौशल को बढ़ाते हैं क्योंकि वे नए विचारों, दुनिया को देखने के नए तरीके और प्रश्न पूछने के नए तरीकों पर विचार करते हैं। संकाय सदस्य अकादमिक रूप से उत्तेजक वातावरण बनाते हैं जो छात्रों को उनकी पूर्ण क्षमता प्राप्त करने के लिए चुनौती देता है क्योंकि वे अपने मूल्यों और जीवन के माध्यम से सोचते हैं। साथ ही, छात्रों को अनुमान पर सीखने वाले कौशल भी उन्हें सफल और पुरस्कृत करियर के लिए तैयार करते हैं।
कैथोलिक बौद्धिक परंपरा, कॉलेजों के बीच अद्वितीय।
आकस्मिक परंपरा में हम बौद्धिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करते हैं। हम मानव अनुभव के एक अभिन्न अंग के रूप में धर्म और विश्वास को गंभीरता से लेते हैं। हम ऐसे प्रश्नों का पता लगाते हैं जो मानव हृदय की गहरी इच्छाओं को प्राप्त करते हैं और सत्य की खोज में विश्वास और कारण की भूमिका को पहचानते हैं। हमारे छात्रों को उन विचारों का सामना करना पड़ता है जिन्होंने दुनिया भर में एक ईसाई दृष्टिकोण के गठन में योगदान दिया है जो फ्रे द्वारा कल्पना की गई शिक्षा के प्रकार को दर्शाता है। अस्सुंप्शओनिस्ट के संस्थापक एमानुएल डी अल्ज़ोन। छात्र जो भी विश्वास रखते हैं, हम मानते हैं कि धारणा अनुभव व्यक्तिगत आध्यात्मिक विकास और मूल्यों के एक समूह के विकास के अवसर प्रदान करता है जो छात्रों को दूसरों के लिए सेवा में अपने ज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। यह एक ऐसा माहौल है जो बौद्धिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, व्यक्तिगत रूप से पुरस्कृत और आध्यात्मिक रूप से पूरा करता है।
एक जगह जहां लोग एक-दूसरे के लिए देखते हैं।
जब आप धारणा चुनते हैं, तो आप पूरे समुदाय में दयालु, मित्रवत लोगों से व्यक्तिगत ध्यान प्राप्त करने पर भरोसा कर सकते हैं। संकाय, प्रशासक, कर्मचारी, धार्मिक, और छात्र सभी यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करते हैं कि यहां हर कोई मूल्यवान और समर्थित है। धारणा काफी छोटी है ताकि लोग छात्रों को व्यक्तियों के रूप में जान सकें, और छात्रों के लिए विभिन्न अवसरों को ढूंढने के लिए काफी बड़ा हो। कक्षा के अंदर और बाहर के अनुभव छात्रों के "व्यक्तिगत कंपास" को आकार देने में मदद करते हैं और बौद्धिक, सामाजिक और व्यक्तिगत विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
यदि ये विशेषताएं आप जो खोज रहे हैं उसे प्रतिबिंबित करते हैं, तो मैं आपको हमारी साइट का पता लगाने और हमारे बारे में अधिक जानने के लिए प्रोत्साहित करता हूं। मुझे आशा है कि आप अनुमान के सुंदर परिसर में जाने और उन लोगों से मुलाकात करने पर विचार करेंगे जो हमारे समुदाय को इतना खास बनाते हैं। धारणा में आपकी रूचि के लिए धन्यवाद। |
१९८० में हुए लोकसभा चुनाव से पहले भी दिल्ली से कोई भी सिख उम्मीदवार संसद के निचले सदन, लोकसभा में नहीं पहुंचे थे। केंद्र में १९७७ में बनी जनता पार्टी सरकार के गिरने के बाद नई संसद चुनने के लिए १९८० में लोकसभा चुनाव हुए थे।
१९८० में दक्षिण दिल्ली से चरणजीत सिंह कांग्रेस की टिकट पर सांसद चुने गए थे।
दिल्ली में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अब आमने-सामने हैं। मतदान का दिन करीब आने के साथ चुनाव प्रचार का तापमान भी बढ़ गया है। पूर्वी दिल्ली सीट पर आप और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी टक्कर से जंग को रोचक बना दिया है। आम आदमी पार्टी की आतिशी के सामने खड़े अरविंदर सिंह लवली ने अपने प्रचार का आधार यही बनाया है कि वे पूर्वी दिल्ली के बाशिंदे हैं। उनका कहना है कि पहली बार किसी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली को वहां का रहनेवाला उम्मीदवार दिया है। इसलिए मतदाताओं के लिए उन्होंने अपना नारा भी आपका लवली बनाया है। पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर भाजपा-कांग्रेस-आप की त्रिकोणीय लड़ाई में अगर अरविंदर सिंह लवली जीते, तब यह ४० साल बाद दिल्ली से किसी सिख के लोकसभा में पहुंचने का इतिहास बनेगा।
१९८० में दक्षिण दिल्ली से चरणजीत सिंह कांग्रेस की टिकट पर सांसद चुने गए थे। चरणजीत सिंह ने तब जनता पार्टी के कद्दावर नेता रहे प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा को हराया था। राजनैतिक जानकार मानते हैं करीब १२-१४ फीसद पंजाबी और सिख आबादी वाली दिल्ली में मौजूदा लोकसभा चुनाव में लवली ही एकमात्र सिख उम्मीदवार हैं। पूर्वी दिल्ली के स्थानीय निवासी होने के अलावा इलाके समेत पूरी दिल्ली की पकड़ लवली की दावेदारी को मजबूत करती है। दिल्ली के शिक्षा, राजस्व, शहरी विकास, ट्रांसपोर्ट व पर्यटन मंत्री के रूप में जिम्मेदारी निभा चुके लवली चुनाव प्रचार में भी दिल्ली की राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी साबित हो रहे हैं।
पदयात्रा, जनसभा और जनसंपर्क में भीड़ और लोगों में उनसे मिलने का जज्बा काम आ रहा है। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही उनका राजनीति की तरफ रुझान हो गया था। वे भीमराव आंबेडकर कॉलज के अध्यक्ष के अलावा १९९२-९६ तक एनएसयूआइ के महासचिव भी रहे हैं। १९८० में हुए लोकसभा चुनाव से पहले भी दिल्ली से कोई भी सिख उम्मीदवार संसद के निचले सदन, लोकसभा में नहीं पहुंचे थे। केंद्र में १९७७ में बनी जनता पार्टी सरकार के गिरने के बाद नई संसद चुनने के लिए १९८० में लोकसभा चुनाव हुए थे।
उस चुनाव में कांग्रेस ने दक्षिण दिल्ली से अपने उम्मीदवार के रूप में चरणजीत सिंह को उतारा था। राजनीतिक हलकों में नया नाम होने के बावजूद चरणजीत सिंह तब जीत दर्ज कर संसद पहुंचे थे। हालांकि १९९९ में सरदार मनमोहन सिंह ने दक्षिण दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। तब वे भाजपा के वीके मल्होत्रा से चुनाव हार गए थे। २०१४ लोकसभा चुनाव में पश्चिमी दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी ने जरनैल सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जरनैल सिंह भी चुनाव हार गए थे। |
दिल्ली सहित नैशनल कैपिटल रीजन (न्क्र) में कंग और कुकिंग गैस के दाम बढ़े गए हैं।
नई दिल्ली. दिल्ली सहित नैशनल कैपिटल रीजन (न्क्र) में कंग और कुकिंग गैस के दाम बढ़े गए हैं। जहां कंग के दाम ९० पैसे प्रति किलो बढ़ाए गए हैं, वहीं कुकिंग गैस के दाम १.१5 रुपए बढ़ाए गए हैं। सरकार की तरफ से नेचुरल गैस की इनपुट लागत में बढ़ोत्तरी के बाद ऐसा हुआ है।
दिल्ली और एनसीआर में कंग और पाइप्ड कुकिंग गैस आपूर्ति करने वाली कंपनी इग्ल ने जारकारी दी है कि दिल्ली में सीएनजी के दाम अब ४०.६१ प्रति किलो हो गए हैं। वही एनसीआर में यह दाम ४७.०५ रुपए प्रति किलो किए गए हैं। गैस के नए दाम लागू हो गए हैं। इसके अलावा रिवाड़ी में सीएनजी के दाम ९५ पैसे प्रति किलो बढ़ाए गए हैं। यहां पर दाम ५०.६७ रुपए प्रति किलो से बढ़कर ५१.६२ रुपए प्रति किलो हो गए हैं।
इग्ल ने कहा है कि वह सीएनजी पर रात में साढ़े बारह बजे से लेकर सुबह साढ़े पांच बजे के बीच दाम में १.५० रुपए प्रति किलो की दर से छूट जारी रखेगी। इस छूट के बाद दिल्ली में सीएनजी ३९.११ रुपए प्रति किलो पर और एनसीआर में ४५.५५ रुपए प्रति किलो पर मिलेगी।
घरों में आपूर्ति वाली पाइप्ड गैस भी महंगी हुई है। इसके दाम दिल्ली में २५.९९ रुपए प्रति स्म से बढ़कर २७.१४ रुपए प्रति स्म हो गए हैं। वहीं एनसीआर में यह दाम बढ़कर २८.८४ रुपए प्रति स्म हो गए हैं। रिवाड़ी में यह दाम बढ़कर २८.७८ प्रति स्म हुए हैं। |
मझौलिया थाना क्षेत्र के शेख मंझरिया गांव में मंगलवार की रात एक सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का मामला आया है। पुलिस ने पीड़िता को इलाज के लिए एमजेके अस्पताल में भर्ती कराया है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मंझरिया की मासूम बच्ची अपनी मां के साथ सोई हुई थी। इसी क्रम में गांव के ही हरेंद्र कुशवाहा का १९ वर्षीय पुत्र मुन्ना कुशवाहा लड़की के पास पहुंचा। जब उसने देखा कि लड़की की मां सो रही है तो उसने लड़की का मुंह दबा दिया अाैर उसे अलग एक धान लगे खेत में ले जाकर दुष्कर्म किया। इसके बाद वह फरार हो गया। लकड़ी कुछ देर तक बेहोश रही। हाेश में अाने पर लड़की जोर-जोर से रोने लगी। उसने किसी तरह अपनी मां के पास पहुंचकर पूरे घटना की जानकारी दी। बच्ची के परिजन ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। इधर, थानाध्यक्ष रणधीर कुमार दलबल के साथ घटना स्थल पहुंचे अाैर मामले की पूरी पड़ताल की। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मासूम बच्ची को इलाज के लिए मझौलिया पीएचसी में भर्ती कराया। |
बारिशें नहीं होती इसलिए ये रेगिस्तान है। इसका दूसरा पहलू ये भी है कि ये रेगिस्तान है इसलिए बारिशें नहीं होती। एक ही बात को दो तरीके से कहा जा सके तो हमें ये समझ आता है कि हल कहीं इसी बात में ही छिपा हुआ है। अगर रेगिस्तान में कुछ पेड़ और पौधे बढ़ जाएँ तो यहाँ से गुज़रने वाले बादलों को रुकने के मौका मिल सकता है। वे बरस भी सकते हैं। उनके बरस जाने पर रेगिस्तान जैसी कोई चीज़ बाकी न रहेगी। मुझे ये खयाल इसलिए आया कि बुधवार को संसद में खाद्य सुरक्षा बिल प्रस्तुत कर दिया गया। यूपीए सरकार में इस बिल को लाने के प्रति बड़ी उत्सुकता थी। जिस तरह मनरेगा एक मील का पत्थर और जन कल्याणकारी योजना साबित हुई उसी तरह की आशा इस बिल के लागू होने से भी की जा रही है। इस पर काफी दिनों से चल रही खींचतान ने इसे भी कई लंबित योजनाओं में शामिल कर दिया था। ये आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि गरीब और आम अवाम के लिए लाई जानी वाली योजनाओं पर खूब समर्थन और विरोध की बातें होती हैं। हर कोई भला करने का अधिकार अपने पास रखना चाहता है और दूसरे ये काम करें इसे स्वीकार नहीं करता।
मैंने बचपन में कई बार सुना कि फेमीन शुरू होने वाली है। मेरे लिए फेमीन शब्द का अर्थ था कि कोई काम शुरू करना जिससे लोगों को रोज़गार मिल सके। फेमीन का शाब्दिक अर्थ बहुत अरसे के बाद समझ आया। इसका अभिप्राय ये है कि रेगिस्तान के लोगों का और अकाल का वास्ता जन्म जन्मांतर का रहा है। सरकारों ने इस सूखे भू-भाग और देश के ऐसे ही अनेक हिस्सों में अपने नागरिकों को भूख से मरने से बचाने के लिए योजनाएँ बनाई और उनका क्रियान्वयन किया। इस बार जो खाद्य सुरक्षा बिल लाया जा रहा है इससे देश की दो तिहाई आबादी के लाभान्वित होने की उम्मीद है। इस योजना के मुताबिक गरीबों को दो रुपए किलो गेहूं, तीन रुपए किलो चावल और एक रुपए किलो मोटा अनाज राशन दुकानों के माध्यम से दिया जाएगा। एक परिवार को हर माह पच्चीस किलो अनाज मिलेगा। गांवों की पचहत्तर फीसदी और शहरों में करीब पचास फीसदी आबादी तक यह योजना पहुंचेगी। इस योजना को फिलहाल तीन साल के लिए लागू करने की बात कही जा रही है। खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मिड डे मील, आईसीडीएस भी शामिल हो जाएंगे। अनुमान के मुताबिक इस योजना के लागू होने से सरकार को प्रतिवर्ष एक लाख चौबीस करोड़ रुपए की सब्सिडी देनी होगी। आज के भाव से एक किलो चावल पर साढ़े तेईस और गेहूं पर प्रतिकिलो अट्ठारह रुपए की सब्सिडी देनी होगी। तीन साल में करीब छः लाख करोड़ की सब्सिडी दिए जाने का अनुमान है। योजना के तहत देश की पैंसठ प्रतिशत आबादी को सस्ते दामों में अनाज मुहैया कराया जाएगा।
केंद्र सरकार ने इस योजना के लागू किए जाने का सारा जिम्मा राज्य सरकारों पर डाल दिया है। यह एक तरह से संघीय ढांचे को मजबूत किए जाने हेतु उठाया गया कदम है। केंद्र और राज्यों को मिल कर ही इस तरह की योजनों का क्रियान्वयन करना चाहिए। केंद्र सरकार सब्सिडी दे रहा है और राज्य सरकारें ये तय करे कि इसका फायदा किसको दिया जाना है। चयनित होने वाले लाभार्थी तक जो सस्ता राशन पहुंचेगा उसे उपलब्ध कराने का सारा श्रेय केंद्र सरकार न ले जाए इसलिए कुछ राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि किसी भी रूप में उनका सिस्टम केंद्र के लाभ के लिए काम करे। लेकिन ये जो विरोध करने वाली सरकारें हैं वे ही अक्सर केंद्र से कई मामलों में सहायता दिये जाने की गुहार लगाती रहती है। क्या उस वक़्त उनको नहीं लगता कि केंद्र से मिला हुआ धन लाभार्थी को प्रभावित करेगा। या उनके विरोध की वजहें कुछ और हैं। एक वजह ये हो सकती है कि सब राज्यों की सरकारों ने गरीबों के लिए अपने स्तर पर कई योजनाएँ चला रखी हैं। वे इसका क्रेडिट ही चाहती है और केंद्र की भव्य योजना के सामने उन लघु योजनाओं के दम तोड़ देने के भय से घिरी हुई हैं।
इधर लोग अक्सर एक ही शिकायत करते हैं कि रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने की जगह सरकारें इस तरह की योजनाएँ लाती हैं जिनसे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता हो। वही सिस्टम और वे ही उसके लाभ उठाने वाले। समाज का बहू संख्यक वर्ग ये मानता है कि आज राजनीति में आने के उत्सुक और आकांक्षी लोगों का पहला लालच यही है कि वे सरकारी योजनाओं में सेंध लगा कर अपने लिए कुछ चुरा सकें। सब्सिडी का खेल ही इसके लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। हाल ही में ये तय किया गया है कि रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा करवाया जाएगा। ऐसा निर्णय करने के पीछे का सबक ये है कि आम उपभोक्ता की जगह रसोई गैस का बहुतायत से दुरुपयोग हो रहा है। तो क्या इस खाद्य सुरक्षा बिल के बारे में भी यही संदेह नहीं उभरता है। ये देश की राशनिंग प्रणाली को फिर ज़िंदा करने का काम है और हम सब जानते हैं कि राशन की दुकानों का खेला कैसा है। ज़रूरत इस बात की है सिस्टम को पहले दुरुस्त किया जाए। हम एक नयी सोच से मनुष्य के लिए रोजगार के अवसर बनाएँ। ताकि वह खुद कमा कर खा सके। उसके बच्चों को स्कूल के पोषाहार और बीवी को राशन वाली दुकान की कतार में न खड़ा होना पड़े।
अपनी बहार का मुझे आज भी इंतज़ार है । |
बिग बॉस १३ में मिड नाइट एविक्शन का समय अब आ गया है। चर्चा है कि माहिरा शर्मा इस बार घर से बेघर होंगी और उन्हें भूत ले जाएगा।
अगर आप बिग बॉस सीजन १३ देख रहे हैं तो जाहिर है कि आपके अंदर इस बात को जानने की चाहत जरूर होगी कि बिग बॉस फिनाले के ४ दिन ही बचे हैं और घर में अभी ७ सदस्य हैं। हालाकि बहुत दिनों से मिड नाइट एविक्शन की चर्चा चल रही है। मगर, अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला है। शो के लास्ट वीकेंड के वार में भी किसी का एविक्शन नहीं हुआ। ऐसे में घर वालों और सदस्यों दोनों के ही बीच में बहुत कंफ्यूजन है कि आखिर टॉप ५ फाइनलिस्ट हैं कौन? इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए बिग बॉस एक ट्विस्ट लेकर आ रहे हैं। इस ट्विस्ट में एक भूत घर के अंदर आएगा और माहिरा शर्मा को अपने साथ ले जाएगा।
यह भूत कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल होंगे। विक्की कौशल अपनी फिल्म 'भूत पार्ट-१: द हॉन्टेड शिप' में आने वाले हैं और अपनी इस फिल्म को प्रमोट करने के लिए वह बिग बॉस हाउस में आधी रात में घुस जाते हैं। यह बिग बॉस का ही गेम प्लान होता है। बहुत दिनों से मिड नाइट एविक्शन की बात चल रही है और अब यह एविक्शन १2 फरवरी के एपिसोड में देखने को मिल सकता है।
इसे जरूर पढ़ें: बिग बॉस१३ लाटेस्ट उपकेट्स: क्या सच में माहिरा शर्मा को आधी रात में घर से बेघर कर देंगे बिग बॉस ?
बहुत दिनों से सोशल मीडिया पर इस बात के चर्चे भी है कि माहिरा शर्मा का मिड नाइट एविक्शन हो रहा है। माहिरा शर्मा की मां से जब इस बारे में पूछा गया था तब उन्होंने इस बात के लिए इंकार कर दिया था कि माहिरा घर से बेघर होने वाली हैं। मगर, अब सोशल मीडिया पर यह बात जोरों से वायरल हो रही हैं कि माहिरा शर्मा को भूत अपने साथ ले जाएगा। यहां भूत से आशय विक्की कौशल से है।
माहिरा शर्मा को भी शायद इस बात का अंदाजा है कि वह टॉप-५ फाइनलिस्ट में नहीं हैं क्योंकि बीते कुछ एपिसोड्स में उन्हें यह कहते देखा गया है कि वह इस बार घर से बेघर हो जाएंगे। आपको बता दें कि बिग बॉस को अपने टॉप ४ फाइनलिस्ट पहले ही मिल चुके हैं। सिद्धार्थ शुक्ला, आसिम रियाज, रश्मि देसाई और पारस छाबड़ा बिग बॉस सीजन १३ के ४ फाइनलिस्ट हैं । अब माहिरा के एविक्शन के बाद यह बात क्लीयर हो जाएगी कि आरती सिंह और शहनाज गिल में से कौन टॉप- ५ फाइनलिस्ट होगा। |
नई दिल्ली, टेक डेस्क। ब्सल ने इस साल जुलाई में अपने यूजर्स को बेहतर सर्विस मुहैया कराने के लिए र्स १,१88 वाला 'मारुतम' प्रीपेड प्लान लॉन्च किया था, इसकी वैलिडिटी ३४५ दिन है। वहीं अब कंपनी ने इस प्लान में वैलिडिटी को ९० दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है। इसके बाद यूजर्स इस प्लान का उपयोग 2१ जनवरी २०२० तक कर सकते हैं। यह कंपनी का प्रमोशनल प्लान है जो कि लॉन्ग टर्म वैलिडिटी की सुविधा प्रदान करता है। इस प्लान को ३४५ दिनों की वैलिडिटी के साथ लॉन्च किया गया था। लेकिन ये प्लान केवल आंध्रप्रदेश और तेलंगाना सर्किल में ही उपलब्ध है। इस प्लान के तहत यूजर्स कुल ५गब डाटा उपयोग कर सकते हैं।
टेलीकॉम टाल्क की रिपोर्ट के अनुसार इस साल जुलाई में लॉन्च किए गए 'मारुतम' प्रामेशनल प्रीपेड प्लान की वैधता २३ अक्टूबर २०१९ थी लेकिन इसे ९० दिनों तक बढ़ाने के बाद अब यह प्लान २१ जनवरी २०२० तक वैलिड होगा। कंपनी ने ये फैसला यूजर्स के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए लिया है। इस प्लान में यूजर्स को कुल ५गब डाटा की सुविधा मिलती है।
ब्सल के र्स १,१88 वाले प्रीपेड प्लान के अन्य बेनिफिट्स की बात करें तो इसमें ५गब डाटा खत्म होने के बाद आपको अगल से डाटा प्लान का टॉप-अप लेना होगा। इसके अलावा डाटा समाप्त होने के बाद आपको 2५ पैसे प्रति म्ब के हिसाब से भुगतान करना होगा। वहीं इसमें आपको अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की भी सुविधा मिलेगी। वहीं अन्य नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए आपको 2५0 मिनट मिलेंगे। इस प्लान में 34५ दिनों तक १,२०० स्म्स का लाभ उठा सकते हैं।
ब्सल ने हाल ही में अपने यूजर्स की सुविधा के लिए ४२९ रुपये का प्रीपेड प्लान पेश किया है, इसमें आपको एक्स्ट्रा डाटा का बेनिफिट मिलेगा। ७१ दिनों की वैलिडिटी वाले इस प्लान में यूजर्स प्रतिदिन १गब डाटा का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा एक्स्ट्रा डाटा के तौर पर इसमें आपको १.५गब डाटा मिलेगा। वहीं कंपनी आने वाले दिनों में इस प्लान में फिर से बदलाव कर सकती है जिसके बाद यूजर्स को डबल डाटा का लाभ मिलेगा। |
लास्ट चेकड:इंजीनियरिंग तिरुवनंतपुरम कॉलेज भारत में एक अग्रणी और प्रमुख व्यावसायिक संस्थान है। इस संस्था त्रावणकोर के महाराजा द्वारा १९३९ में शुरू किया गया था; २१ छात्रों के साथ। अब कैम्पस ताकत के बारे में ४००० के परिसर में १२५ एकड़ जमीन की हरियाली का विस्तार कमांडिंग शहर की सीमा के भीतर कुलथूर में अपने परिसर में स्थित है। जमा विशेषज्ञता और पिछले छह दशकों से अधिक की गुणवत्ता में लगातार सर्वोच्च प्रतिशतक के बीच इस संस्था की स्थिति बनाए रखने के। इंस्टीट्यूशन केरल विश्वविद्यालय से संबद्ध है और मान्यता प्राप्त एआईसीटीई द्वारा और आईएसओ ९००० के मानकों के अनुरूप है।
क्यों रोजगारलीवे में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम भर्ती - २०१७?
रोजगारलीवे सभी सरकारी नौकरी भर्ती अधिसूचना के लिए एक प्रमुख काम वेबसाइट है। यह पेज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम से नयी भर्ती की अधिसूचना के लिए एक विशेष पेज है। रोजगारलीवे टीम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम के लिए इस विशेष भर्ती पेज में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम से सभी भर्ती और नौकरी के उद्घाटन पेश करने के लिए करता है। यह पेज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम से सभी सक्रिय और हाल ही में समाप्त नौकरी के उद्घाटन और भर्ती अधिसूचना में शामिल है। |
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भोपाल। (हिन्द न्यूज सर्विस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में ८ अक्टूबर को आरंभ किये गए सघन मिशन इन्द्रधनुष के प्रथम एवं द्वितीय चरण में १०१ प्रतिशत की उपलब्धि के साथ इंदौर (शहर) देश में द्वितीय स्थान पर रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने यह जानकारी राष्ट्रीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दी। कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान श्री नड्डा २४ राज्यों के प्रमुख सचिव एवं संबंधित अधिकारियों से रू-ब-रू हुए और सघन मिशन इन्द्रधनुष की समीक्षा की। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण गौरी सिंह ने मध्यप्रदेश में किये गए प्रयासों की जानकारी दी।
नड्डा ने अक्टूबर और नवम्बर-२०१७ में मिशन के तहत मध्यप्रदेश की टीकाकरण छतरी, टीकाकरण कैप और स्वच्छता मिशन के वाहनों का सघन मिशन इन्द्रधनुष प्रचार के लिए उपयोग की सराहना की। उन्होंने सभी राज्यों से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, एनसीसी, एनएसएस, एनवायके का उपयोग सामाजिक जागरूकता के लिए बेहतर ढंग से करने के निर्देश दिये। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे रोज राज्य एवं जिला-स्तर पर मॉनीटरिंग करने के साथ फीडबैक देते हुए उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें।
प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने वाली पंचायतों को राज्य में २ लाख रुपये का पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। निर्णय की सराहना करते हुए श्री नड्डा ने अन्य राज्यों से भी इस योजना का अनुसरण करने के निर्देश दिए। सिंह ने बताया कि लक्ष्य की उपलब्धि के लिए आशा, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है।
नड्डा ने कहा कि ४ चरणों में होने वाले इस अभियान की पूर्ति के बाद सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि वाले राज्य एवं जिले को भी पुरस्कृत किया जाएगा। यह पुरस्कार प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ली में दिया जाएगा। सघन मिशन इन्द्रधनुष देश के २४ राज्यों के २०१ जिलों और १८ शहरों में टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के उद्देश्य से चार चरणों में संचालित किया जा रहा है। अभियान के दो चरण अक्टूबर और नवम्बर में पूर्ण हो चुके हैं। तृतीय चरण ७ से १८ दिसम्बर और चतुर्थ चरण ७ से १८ जनवरी-२०१8 तक होगा। अभियान में डिप्थीरिया, काली खाँसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, खसरा आदि के टीके लगाये जाएंगे। सघन मिशन इन्द्रधनुष में २ वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे और उन गर्भवती माताओं तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है, जो टीकाकरण कार्यक्रम में यह सुविधा नहीं पा सके हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान स्वास्थ्य विभाग के संचालक डॉ. बी.एन. चौहान, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. ओ.पी. तिवारी, उप संचालक टीकाकरण विपिन श्रीवास्तव, राज्य कोल्डचेन अधिकारी डॉ. अश्विन भागवत और समन्वयक डॉ. जतिन ठक्कर भी उपस्थित थे। |
बीकानेर। कांग्रेस तीन महीनों बाद तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तय करने के लिए दो और सर्वे करवाने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए दिल्ली की दो एजेन्सियों को काम सौंपा गया है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक जिन दो एजेन्सियों को सर्वे का काम सौंपा गया है, उन्होंने रविवार से ही विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपनी टीमों के गठन का काम शुरू कर दिया है।
जिस एजेन्सी को लोगों से मिलकर राय जानने का कार्य सौंपा गया है, उसके प्रतिनिधि सितम्बर के शुरुआती दिनों में यहां पहुंच जाएंगे।
जानकारों ने बताया कि इस बार सर्वे करने वाली एजेन्सियों के प्रतिनिधि टिकट दावेदारों से नहीं मिलेंगे बल्कि उनके क्षेत्रों में पहुंच कर आमलोगों से उनके बारे में राय लेेंगे। इस राय में दोनों पार्टियों के मजबूत प्रत्याशियों का नाम जानने की कोशिश की जाएगी।
इन नामों के आधार पर विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के जातिगत समीकरण के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
जानकारों ने बताया कि जिस एजेन्सी को गुपचुप रिपोर्ट तैयार करने का कार्य दिया गया है, उस एजेन्सी को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से टिकटों के दावेदारों के नामों की सूची सौंपी गई है और इन दावेदारों के नेगेटिव, पॉजीटिव पॉजीशन जानने तथा विधानसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण के हिसाब से कौन प्रत्याशी भारी रह सकता है, इसकी रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस एजेन्सी को यह काम संबंधित विधानसभा क्षेत्र के पूरी तरह से जानकार व्यक्ति से करवाने के लिए कहा गया है। इसमें ऐसे लोगों के चयन की सलाह दी गई है, जो चिकित्सक, इंजीनियर अथवा मीडिया जैसे किसी पेशे जुड़े हुए हों तथा जिन्हें इलाके की राजनीतिक हलचल का पूरी तरह से पता हो।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने अपनी एक विंग को पूरी तरह से सोशल मीडिया पर पैनी निगाहें जमाएं रखने को कह रखा है। सोशल मीडिया पर टिकट के दावेदारों को लेकर हो रही टिप्पणियों को जानने के काम में कांग्रेस ने इस विंग को लगा रखा है।
इसके साथ ही यूट्यूब और स्थानीय समाचार पत्रों, न्यूज पोर्टल पर भी निगाहें चौबंद रख कर स्थानीय नेताओं की गतिविधियों और उनसे संबंधित समाचारों के आधार पर भी रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है। |